यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है और कई वर्षों तक बिना लक्षणों के बनी रह सकती है। यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह हृदय रोग, किडनी फेल्योर, अंधापन, और नसों की समस्याएँ उत्पन्न कर सकती है।
टाइप 2 डायबिटीज़ में क्या होता है (What Happens in Type 2 Diabetes)
- अग्न्याशय (pancreas) पर्याप्त इंसुलिन नहीं बनाता।
- शरीर की कोशिकाएँ इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया देना बंद कर देती हैं (insulin resistance)।
- परिणामस्वरूप, ग्लूकोज़ कोशिकाओं में प्रवेश नहीं कर पाता और रक्त में एकत्र हो जाता है।
- यह रक्त में हाई शुगर लेवल की स्थायी स्थिति उत्पन्न करता है।
टाइप 2 डायबिटीज़ के कारण (Causes of Type 2 Diabetes)
- अनुवांशिकता (Genetics) – यदि माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्य को यह रोग है।
- मोटापा (Obesity) – विशेषकर पेट के चारों ओर जमा फैट इंसुलिन रेज़िस्टेंस को बढ़ाता है।
- शारीरिक निष्क्रियता (Physical inactivity) – नियमित व्यायाम की कमी।
- अस्वास्थ्यकर खानपान (Unhealthy diet) – अधिक वसा, मीठा और प्रोसेस्ड फूड।
- उम्र बढ़ना (Advancing age) – 45 वर्ष के बाद जोखिम अधिक होता है।
- नींद की कमी और तनाव (Sleep deprivation and stress) – हार्मोनल असंतुलन उत्पन्न करता है।
- पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) – महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज़ का जोखिम बढ़ाता है।
टाइप 2 डायबिटीज़ के लक्षण (Symptoms of Type 2 Diabetes)
- अधिक प्यास लगना (Excessive thirst)
- बार-बार पेशाब आना (Frequent urination)
- अत्यधिक भूख लगना (Extreme hunger)
- थकावट महसूस होना (Persistent fatigue)
- धुंधली दृष्टि (Blurred vision)
- त्वचा पर संक्रमण या खुजली (Skin infections or itching)
- घाव देर से भरना (Slow healing of wounds)
- हाथों-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन (Tingling or numbness)
- वजन में अनियंत्रित गिरावट या बढ़ोतरी (Unexplained weight loss or gain)
- चिड़चिड़ापन या मूड में बदलाव (Irritability or mood swings)
टाइप 2 डायबिटीज़ की पहचान कैसे करें (How to Identify or Diagnose Type 2 Diabetes)
- फास्टिंग ब्लड शुगर (Fasting Blood Sugar) – खाली पेट में ब्लड शुगर जाँच।
- एचबीए1सी टेस्ट (HbA1c Test) – पिछले 3 महीनों की औसत ब्लड शुगर का स्तर बताता है।
- ओरल ग्लूकोज़ टॉलरेंस टेस्ट (OGTT) – मीठा घोल पीने के बाद ब्लड शुगर का स्तर जाँचना।
- रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट (Random Blood Sugar) – किसी भी समय लिया गया शुगर टेस्ट।
नॉर्मल HbA1c: 5.7% से कम
प्रीडायबिटीज़: 5.7% – 6.4%
डायबिटीज़: 6.5% या अधिक
टाइप 2 डायबिटीज़ के इलाज (Treatment of Type 2 Diabetes)
-
जीवनशैली में बदलाव (Lifestyle Modification)
- नियमित व्यायाम
- संतुलित आहार
- वजन नियंत्रण
- तनाव प्रबंधन
-
दवाइयाँ (Medications)
- मेटफॉर्मिन (Metformin)
- सल्फोनाइल यूरिया (Sulfonylureas)
- DPP-4 inhibitors, GLP-1 receptor agonists
- इंसुलिन (Insulin) – जब दवाएँ पर्याप्त न हों
-
ब्लड शुगर मॉनिटरिंग (Blood Sugar Monitoring)
- घर पर नियमित जांच की जाए
- HbA1c की जाँच हर 3 महीने में करें
-
डायट थैरेपी (Medical Nutrition Therapy)
- फाइबर युक्त आहार
- कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ
- मीठे और प्रोसेस्ड फूड से परहेज
टाइप 2 डायबिटीज़ कैसे रोके (Prevention of Type 2 Diabetes)
- वजन नियंत्रित रखें (Maintain a healthy weight)
- शारीरिक रूप से सक्रिय रहें (Stay physically active) – प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट
- स्वस्थ आहार लें (Eat a balanced diet)
- धूम्रपान और शराब से बचें (Avoid smoking and alcohol)
- नियमित जाँच कराएं (Regular screenings)
- नींद और तनाव का प्रबंधन करें (Manage sleep and stress)
टाइप 2 डायबिटीज़ के घरेलू उपाय (Home Remedies for Type 2 Diabetes)
- मेथी (Fenugreek seeds) – भिगोकर सुबह खाली पेट खाएं
- करेला (Bitter gourd) – ताज़ा जूस नियमित पिएँ
- आंवला (Amla) – आंवले का रस या चूर्ण उपयोग करें
- जामुन (Jamun) – बीजों का पाउडर फायदेमंद
- दालचीनी (Cinnamon) – सुबह गुनगुने पानी में दालचीनी पाउडर
ध्यान दें: घरेलू उपाय केवल सहायक हैं, इन्हें दवाओं का विकल्प न मानें।
सावधानियाँ (Precautions in Type 2 Diabetes)
- दवाइयाँ समय पर लें
- ब्लड शुगर की नियमित जाँच करें
- पैरों की सफाई और देखभाल करें
- जले-कटे घावों का तत्काल इलाज करें
- डॉक्टर से नियमित संपर्क रखें
- डाइट चार्ट का पालन करें
- स्व-उपचार या आयुर्वेदिक दवा बिना सलाह न लें
अक्षर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या टाइप 2 डायबिटीज़ पूरी तरह ठीक हो सकती है?
उत्तर: नहीं, लेकिन सही देखभाल और जीवनशैली से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
प्रश्न 2: क्या टाइप 2 डायबिटीज़ सिर्फ बुजुर्गों को होती है?
उत्तर: नहीं, यह युवाओं और किशोरों को भी हो सकती है, खासकर मोटापा होने पर।
प्रश्न 3: क्या इंसुलिन लेना ज़रूरी है?
उत्तर: नहीं, शुरुआत में दवाओं और लाइफस्टाइल से कंट्रोल किया जा सकता है। गंभीर मामलों में इंसुलिन ज़रूरी हो सकता है।
प्रश्न 4: डायबिटीज़ में क्या खाएं और क्या नहीं?
उत्तर: कम कार्ब्स, कम शुगर, हाई फाइबर, साबुत अनाज, हरी सब्जियाँ, और फल – खा सकते हैं। मीठा, सफेद चावल, मैदा, तला हुआ खाना – नहीं खाना चाहिए।
प्रश्न 5: क्या टाइप 2 डायबिटीज़ जानलेवा है?
उत्तर: यदि इसे अनदेखा किया जाए तो यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक, किडनी फेल्योर जैसी जटिलताओं का कारण बन सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
टाइप 2 डायबिटीज़ एक जटिल लेकिन पूरी तरह से नियंत्रण योग्य बीमारी है। यदि इसे समय रहते पहचाना जाए और सही जीवनशैली, दवाओं तथा नियमित निगरानी के साथ नियंत्रित किया जाए, तो व्यक्ति एक सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकता है। जागरूकता, नियमित जांच और अनुशासित जीवनशैली इसके प्रबंधन की कुंजी है।