Ovarian Cancer कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम, घरेलू उपाय, सावधानियाँ

Ovarian Cancer यानी अंडाशय का कैंसर महिलाओं के प्रजनन तंत्र को प्रभावित करने वाला एक गंभीर रोग है। यह अंडाशय (ovary) में उत्पन्न होता है, जो महिलाओं में अंडाणु (eggs) और हार्मोन (जैसे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन) बनाने का कार्य करता है। यदि समय रहते इसका निदान न किया जाए, तो यह कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकता है।

अंडाशय का कैंसर क्या होता है? (What is Ovarian Cancer?)

Ovarian Cancer तब होता है जब अंडाशय की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ (tumour) बना लेती हैं, जो घातक (malignant) हो सकती है। यह कैंसर धीरे-धीरे लक्षण दिखाता है, इसलिए इसे अक्सर देर से पहचाना जाता है।

अंडाशय के कैंसर के प्रकार (Types of Ovarian Cancer):

  1. Epithelial Tumours:
    – सबसे सामान्य प्रकार (90% मामले)
    – अंडाशय की बाहरी परत से उत्पन्न होता है

  2. Germ Cell Tumours:
    – अंडाणु बनाने वाली कोशिकाओं से उत्पन्न होता है
    – यह युवावस्था में अधिक होता है

  3. Stromal Tumours:
    – हार्मोन बनाने वाली कोशिकाओं से उत्पन्न होता है

अंडाशय के कैंसर के कारण (Causes of Ovarian Cancer):

  • पारिवारिक इतिहास (Family history – BRCA1, BRCA2 gene mutation)
  • उम्र (60 वर्ष से अधिक)
  • हार्मोनल असंतुलन
  • बांझपन या संतान न होना
  • समय से पहले माहवारी शुरू होना या देर से रुकना
  • मोटापा (Obesity)
  • हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT)

कई मामलों में सटीक कारण ज्ञात नहीं होता।

अंडाशय के कैंसर के लक्षण (Symptoms of Ovarian Cancer):

लक्षण अक्सर सामान्य होते हैं, जिनसे भ्रम हो सकता है:

  • पेट में सूजन या फूला हुआ महसूस होना
  • जल्दी पेट भर जाना
  • बार-बार पेशाब लगना
  • पेल्विक या पेट में दर्द
  • अनियमित माहवारी
  • थकावट
  • वजन घटना
  • कब्ज या पाचन की गड़बड़ी

यदि ये लक्षण 2 सप्ताह से अधिक समय तक बने रहें, तो जांच आवश्यक है।

अंडाशय के कैंसर की पहचान कैसे करें? (Diagnosis of Ovarian Cancer):

  • शारीरिक जांच (Pelvic Exam)
  • अल्ट्रासाउंड (Transvaginal/Abdominal)
  • CA-125 ब्लड टेस्ट – कैंसर मार्कर की पहचान के लिए
  • CT स्कैन, MRI, PET स्कैन – कैंसर के फैलाव का आकलन
  • बायोप्सी (Biopsy) – अंतिम पुष्टि के लिए

अंडाशय के कैंसर का इलाज (Treatment of Ovarian Cancer):

1. सर्जरी (Surgery):

– अंडाशय, फैलोपियन ट्यूब, यूटेरस, और आसपास के टिश्यू को हटाया जाता है
– यदि कैंसर फैल चुका हो तो डिबल्किंग सर्जरी की जाती है

2. कीमोथेरेपी (Chemotherapy):

– सर्जरी के बाद कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए

3. रेडियोथेरेपी (Radiation Therapy):

– कुछ मामलों में इस्तेमाल, लेकिन कम सामान्य

4. Targeted Therapy और Immunotherapy:

– विशेष दवाएं जो कैंसर कोशिकाओं को ही निशाना बनाती हैं

अंडाशय के कैंसर को कैसे रोके? (Prevention Tips for Ovarian Cancer):

  • गर्भनिरोधक गोलियों का सीमित और डॉक्टर की सलाह पर उपयोग
  • पारिवारिक इतिहास होने पर जेनेटिक टेस्टिंग करवाएं
  • संतुलित वजन बनाए रखें
  • नियमित व्यायाम करें
  • धूम्रपान से बचें
  • नियमित स्त्री रोग विशेषज्ञ से जांच करवाएं

घरेलू उपाय (Home Remedies for Symptom Management):

ध्यान दें: घरेलू उपाय इलाज नहीं हैं, केवल सहायक हो सकते हैं:

  • हल्का और फाइबर युक्त आहार लें
  • तुलसी, अदरक और हल्दी जैसी एंटीइंफ्लेमेटरी जड़ी-बूटियों का सेवन
  • नारियल पानी और हाइड्रेशन बनाए रखें
  • ध्यान, योग और प्राणायाम – मानसिक तनाव कम करने के लिए
  • आराम और नींद पूरी करें

सावधानियाँ (Precautions):

  • पेट दर्द और सूजन जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें
  • कैंसर के इतिहास वाले परिवार में नियमित जांच ज़रूरी
  • इलाज के दौरान पोषण, स्वच्छता और इमोशनल हेल्थ का ध्यान रखें
  • सर्जरी और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव को मॉनिटर करते रहें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

प्रश्न 1: क्या अंडाशय के कैंसर का इलाज संभव है?
उत्तर: हां, अगर यह प्रारंभिक अवस्था में पकड़ा जाए तो इलाज संभव है। उन्नत अवस्था में इलाज कठिन हो सकता है, लेकिन जीवन को लंबा और बेहतर बनाया जा सकता है।

प्रश्न 2: क्या यह कैंसर युवतियों में भी हो सकता है?
उत्तर: हां, लेकिन युवा महिलाओं में Germ cell tumour अधिक आम होता है।

प्रश्न 3: क्या यह आनुवंशिक होता है?
उत्तर: हां, विशेषकर अगर परिवार में BRCA1/BRCA2 म्यूटेशन हो।

प्रश्न 4: क्या अंडाशय को हटाने के बाद जीवन सामान्य हो सकता है?
उत्तर: हां, लेकिन हार्मोनल बदलाव और प्रजनन पर असर हो सकता है। इसके लिए उचित इलाज और परामर्श आवश्यक है।

निष्कर्ष (Conclusion):

Ovarian Cancer (अंडाशय का कैंसर) एक खामोशी से बढ़ने वाला लेकिन खतरनाक रोग है, जिसे प्रारंभिक चरण में पहचानना मुश्किल होता है। लेकिन अगर समय पर जांच और इलाज किया जाए तो जीवन को सुरक्षित और बेहतर बनाया जा सकता है। महिलाओं को अपने शरीर के बदलावों पर ध्यान देना चाहिए और नियमित स्त्री रोग जांच करानी चाहिए।


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