Pleurisy (प्ल्यूराइटिस) क्या होता है? जानें सीने के दर्द का कारण और उपचार

प्ल्यूरिसी (Pleurisy) जिसे चिकित्सा भाषा में प्ल्यूराइटिस (Pleuritis) कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें फेफड़ों और छाती की दीवार के बीच मौजूद झिल्ली (Pleura) में सूजन आ जाती है। इस झिल्ली का काम फेफड़ों को चिकनाई देकर उन्हें आसानी से फैलने-सिकुड़ने में मदद करना होता है। जब यह झिल्ली सूज जाती है, तो सांस लेते समय, खांसते या छींकते समय तेज दर्द होता है।

प्ल्यूरिसी क्या होता है? (What is Pleurisy)

प्ल्यूरिसी एक प्रकार की फेफड़ों से जुड़ी स्थिति है जिसमें दो परतों वाली प्ल्यूरा झिल्ली में सूजन हो जाती है। इस सूजन के कारण दोनों परतें एक-दूसरे से रगड़ खाती हैं, जिससे व्यक्ति को सांस लेते समय या हिलने पर भी सीने में चुभन जैसी पीड़ा होती है। कई बार इसमें फेफड़ों और झिल्ली के बीच द्रव भर जाता है जिसे प्ल्यूरल इफ्यूजन (Pleural Effusion) कहा जाता है।

प्ल्यूरिसी के कारण (Causes of Pleurisy)

  1. वायरल संक्रमण (Viral Infections) – जैसे इन्फ्लुएंजा वायरस, COVID-19
  2. बैक्टीरियल संक्रमण (Bacterial Infections) – जैसे निमोनिया (Pneumonia), टीबी (Tuberculosis)
  3. फंगल संक्रमण (Fungal Infections) – हिस्टोप्लास्मा, कैंडिडा
  4. फेफड़ों में खून का थक्का (Pulmonary Embolism)
  5. फेफड़ों की चोट या सर्जरी (Lung Injury or Surgery)
  6. ऑटोइम्यून रोग (Autoimmune Diseases) – ल्यूपस (Lupus), रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis)
  7. छाती की चोट (Chest Trauma)
  8. फेफड़ों या प्ल्यूरा का कैंसर (Lung or Pleural Cancer)
  9. दवा प्रतिक्रिया (Drug Reaction) – कुछ दवाइयों के कारण भी यह स्थिति हो सकती है

प्ल्यूरिसी के लक्षण (Symptoms of Pleurisy)

  • सांस लेते समय सीने में तेज दर्द
  • खांसने या छींकने पर दर्द में वृद्धि
  • एक तरफ के सीने में लगातार दर्द
  • तेज़ सांस चलना (Rapid Breathing)
  • सांस लेने में कठिनाई (Shortness of Breath)
  • बुखार (यदि संक्रमण है)
  • थकान और कमजोरी
  • कभी-कभी कंधे या पीठ तक दर्द पहुंच सकता है

प्ल्यूरिसी की पहचान कैसे करें (How to Identify/Diagnose Pleurisy)

प्ल्यूरिसी की पुष्टि के लिए निम्नलिखित जांचें की जा सकती हैं:

  1. शारीरिक परीक्षण (Physical Examination) – स्टेथोस्कोप से डॉक्टर फुफ्फुसीय रगड़ (Pleural Friction Rub) सुन सकते हैं
  2. छाती का एक्स-रे (Chest X-ray)
  3. सीटी स्कैन (CT Scan)
  4. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
  5. ब्लड टेस्ट (Blood Tests) – संक्रमण या ऑटोइम्यून रोगों की पुष्टि के लिए
  6. प्ल्यूरल फ्लूइड एनालिसिस (Pleural Fluid Analysis) – यदि फेफड़ों में द्रव है

प्ल्यूरिसी का इलाज (Treatment of Pleurisy)

इलाज का उद्देश्य मूल कारण का उपचार और लक्षणों को कम करना होता है:

  1. एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) – यदि बैक्टीरियल संक्रमण हो
  2. एंटीवायरल दवाएं (Antiviral Drugs) – वायरल संक्रमण के लिए
  3. एंटीफंगल दवाएं (Antifungal Medications) – फंगल संक्रमण के लिए
  4. सूजन रोधी दवाएं (Anti-inflammatory Drugs) – जैसे आइबुप्रोफेन (Ibuprofen)
  5. दर्द निवारक (Pain Killers) – दर्द को नियंत्रित करने के लिए
  6. थोरासेंटेसिस (Thoracentesis) – फेफड़ों से अतिरिक्त द्रव निकालने के लिए
  7. ऑक्सीजन थेरेपी (Oxygen Therapy) – यदि सांस लेने में दिक्कत हो
  8. मुख्य कारण का इलाज (Treating Underlying Cause) – जैसे टीबी, कैंसर, या ऑटोइम्यून बीमारी

प्ल्यूरिसी को कैसे रोके (Prevention of Pleurisy)

  1. संक्रमण से बचाव के लिए समय पर टीकाकरण (Vaccination)
  2. सर्दी-खांसी को नज़रअंदाज़ न करें, समय पर इलाज कराएं
  3. धूम्रपान न करें
  4. फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों में डॉक्टर की सलाह लें
  5. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं – पौष्टिक आहार, व्यायाम, और नियमित नींद

प्ल्यूरिसी के घरेलू उपाय (Home Remedies for Pleurisy)

  1. गर्म पानी की भाप (Steam Inhalation) – बलगम ढीला करने में मदद
  2. गर्म सेक (Warm Compress) – सीने के दर्द को कम करने में सहायक
  3. हल्दी वाला दूध (Turmeric Milk) – सूजन घटाने में मददगार
  4. अदरक और शहद (Ginger and Honey) – सूजन और खांसी में राहत
  5. आराम और नींद – शरीर को भरपूर आराम देना ज़रूरी है

प्ल्यूरिसी में सावधानियाँ (Precautions during Pleurisy)

  1. ज़्यादा शारीरिक मेहनत से बचें
  2. सर्दी, धूल और धुएं से दूरी बनाएं
  3. डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं समय पर लें
  4. घर के वातावरण को स्वच्छ और नमी रहित रखें
  5. अचानक तापमान में बदलाव से बचें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs on Pleurisy)

प्रश्न 1: क्या प्ल्यूरिसी एक गंभीर बीमारी है?
उत्तर: यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर हो सकती है, खासकर यदि कारण फेफड़ों से संबंधित अन्य गंभीर बीमारी हो।

प्रश्न 2: क्या प्ल्यूरिसी संक्रामक होती है?
उत्तर: स्वयं प्ल्यूरिसी संक्रामक नहीं है, लेकिन इसके कारण जैसे वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण संक्रामक हो सकते हैं।

प्रश्न 3: क्या प्ल्यूरिसी का इलाज घर पर हो सकता है?
उत्तर: हल्के मामलों में घरेलू उपायों से राहत मिल सकती है, लेकिन सही निदान और इलाज के लिए डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

प्रश्न 4: प्ल्यूरिसी कितने दिनों में ठीक हो जाती है?
उत्तर: यह व्यक्ति की स्थिति और कारण पर निर्भर करता है, लेकिन अधिकतर मामलों में 1–2 हफ्तों में सुधार होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

प्ल्यूरिसी (Pleurisy) एक असहज लेकिन प्रबंधनीय फेफड़ों की स्थिति है। सही समय पर निदान और उपचार से इससे पूरी तरह उबरा जा सकता है। यदि आपको लगातार सीने में दर्द, खांसी या सांस लेने में परेशानी हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उचित इलाज, घरेलू देखभाल और सावधानियाँ इस स्थिति से उबरने में मदद करती हैं।



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