Gout गठिया (गाउट): लक्षण, कारण, इलाज और घरेलू उपाय

What is Gout? – गाउट क्या है?

Gout (गाउट) एक प्रकार का आर्थराइटिस (गठिया) है, जिसमें जोड़ों में तेज़ दर्द, सूजन, गर्माहट और लालिमा हो जाती है। यह स्थिति तब होती है जब शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा अधिक हो जाती है और यह क्रिस्टल के रूप में जोड़ों में जमा होने लगता है।
गाउट सबसे ज़्यादा पैर के अंगूठे, टखनों, घुटनों और उंगलियों के जोड़ों में होता है।









Causes of Gout – गाउट के कारण

  1. High Uric Acid – शरीर में यूरिक एसिड का बढ़ना

  2. Purine-rich diet – अधिक प्रोटीन या पुरिन वाले आहार जैसे मांस, मछली, दालें

  3. Alcohol Consumption – शराब का अधिक सेवन

  4. Obesity – मोटापा

  5. Genetics – आनुवंशिक कारण

  6. Kidney dysfunction – गुर्दों की कार्यक्षमता में कमी

  7. Certain Medications – कुछ दवाएं (जैसे डाइयूरेटिक्स)


Symptoms of Gout – गाउट के लक्षण

  • अचानक तेज़ और असहनीय जोड़ों का दर्द

  • जोड़ों में सूजन और लालिमा

  • दर्द सबसे अधिक रात में शुरू होता है

  • त्वचा पर गर्माहट और खिंचाव

  • चलने-फिरने में परेशानी

  • बार-बार दर्द का लौट आना (Recurrent Attacks)


Stages of Gout – गाउट के चरण

  1. Asymptomatic Hyperuricemia – लक्षण रहित यूरिक एसिड वृद्धि
    केवल यूरिक एसिड बढ़ा होता है, कोई दर्द नहीं होता।

  2. Acute Gout – तीव्र गाउट अटैक
    अचानक और तेज़ दर्द के साथ सूजन, आमतौर पर रात में।

  3. Interval Gout – दो अटैकों के बीच की स्थिति
    एक अटैक के बाद दर्द जाता है लेकिन फिर से आ सकता है।

  4. Chronic Gout – पुराना गठिया (Tophi formation)
    लंबे समय तक अनियंत्रित गाउट से हड्डियों और जोड़ों को स्थायी नुकसान हो सकता है।


Diagnosis of Gout – गाउट की जांच कैसे की जाती है?

  • Serum Uric Acid Test – रक्त में यूरिक एसिड की जांच

  • Joint Fluid Test – जोड़ों के तरल में क्रिस्टल की जांच

  • X-Ray – जोड़ों की स्थिति देखने के लिए

  • Ultrasound – सूजन और क्रिस्टल की पुष्टि के लिए


Treatment of Gout – गाउट का इलाज

1. Medications – दवाएं

  • NSAIDs (जैसे Ibuprofen, Diclofenac)

  • Colchicine – दर्द और सूजन को कम करता है

  • Steroids (Prednisolone आदि)

  • Uric Acid Lowering Drugs (Allopurinol, Febuxostat)

2. Lifestyle Changes – जीवनशैली में बदलाव

  • वजन कम करना

  • शराब से परहेज़

  • पानी अधिक पीना

  • नियमित व्यायाम


Diet for Gout – गाउट में क्या खाएं और क्या नहीं?

Foods to Avoid – इनसे बचें:

  • रेड मीट (गाय, बकरी का मांस)

  • सी फूड

  • बीयर और शराब

  • दालें, मटर, राजमा जैसी अधिक प्रोटीन वाली चीजें

  • चाय-कॉफी अधिक मात्रा में

Foods to Include – इन्हें शामिल करें:

  • कम फैट वाला दूध और दही

  • फल और सब्ज़ियाँ

  • नींबू पानी

  • ओट्स, चावल

  • पर्याप्त पानी (8-10 गिलास रोज़)


Home Remedies for Gout – गाउट के घरेलू उपचार

  1. नींबू और गुनगुना पानी – यूरिक एसिड को कम करता है

  2. सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar) – सूजन और दर्द कम करता है

  3. अदरक का सेवन – प्राकृतिक सूजनरोधी

  4. मेथी के बीज – रातभर भिगोकर सुबह सेवन करें

  5. चिया सीड्स और फ्लैक्स सीड्स – यूरिक एसिड नियंत्रित करते हैं


Prevention of Gout – गाउट से बचाव कैसे करें?

  • नियमित रूप से यूरिक एसिड की जांच करवाएं

  • वजन को संतुलित रखें

  • शराब और रेड मीट से बचें

  • पर्याप्त पानी पिएं

  • तनाव को कम करें

  • व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करें


Complications of Untreated Gout – इलाज न करने पर समस्याएं

  • Tophi Formation – जोड़ों के पास यूरिक एसिड की गांठें

  • Kidney Stones – गुर्दे की पथरी

  • Permanent Joint Damage – जोड़ों का स्थायी नुकसान

  • Chronic Arthritis – पुराना गठिया

  • Mobility Issues – चलने-फिरने में कठिनाई


FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

Q1. क्या गाउट पूरी तरह से ठीक हो सकता है?

गाउट को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन नियंत्रण में रखा जा सकता है।

Q2. गाउट अटैक कब-कब होता है?

यह अचानक हो सकता है, विशेषकर रात में या ज्यादा प्रोटीन खाने के बाद।

Q3. यूरिक एसिड का सामान्य स्तर कितना होना चाहिए?

पुरुषों में 3.4–7.0 mg/dL और महिलाओं में 2.4–6.0 mg/dL।

Q4. गाउट में कौन सी सबसे प्रभावी दवा है?

Allopurinol और Febuxostat को यूरिक एसिड नियंत्रित करने में प्रभावी माना जाता है।

Q5. गाउट के मरीज को कौन सा फल नहीं खाना चाहिए?

बहुत अधिक फ्रुक्टोज वाले फल जैसे अंगूर, सेब और लीची सीमित मात्रा में लेने चाहिए।


Conclusion – निष्कर्ष

Gout (गाउट) एक पीड़ादायक लेकिन नियंत्रित किया जा सकने वाला रोग है। सही खानपान, नियमित दवा, और जीवनशैली में बदलाव करके आप इसके अटैकों को कम कर सकते हैं और जोड़ों की रक्षा कर सकते हैं। समय रहते इलाज और सावधानी ही इसकी कुंजी है।

Post a Comment (0)
Previous Post Next Post