Hepatitis D ( HDV ) कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ

Hepatitis D या HDV (Hepatitis D Virus) एक गंभीर वायरल संक्रमण है जो यकृत (liver) को प्रभावित करता है। यह केवल तभी होता है जब व्यक्ति पहले से ही Hepatitis B (HBV) वायरस से संक्रमित हो। HDV, HBV की उपस्थिति के बिना शरीर में जीवित नहीं रह सकता। यह संक्रमण यकृत की सूजन (liver inflammation) बढ़ाता है और लिवर फेल्योर (liver failure) या सिरोसिस (cirrhosis) जैसे खतरनाक परिणाम दे सकता है।

हेपेटाइटिस डी क्या होता है? (What is Hepatitis D?)

Hepatitis D एक RNA वायरस के कारण होता है जिसे delta virus भी कहा जाता है। यह HBV के सह-संक्रमण (coinfection) या सुपर-संक्रमण (superinfection) के रूप में होता है। इसका मतलब है:

  • Coinfection: जब कोई व्यक्ति एक साथ HBV और HDV से संक्रमित हो।
  • Superinfection: जब पहले से HBV से संक्रमित व्यक्ति बाद में HDV से संक्रमित हो जाए।

हेपेटाइटिस डी के कारण (Causes of Hepatitis D)

  • HBV से संक्रमित व्यक्ति के खून से संपर्क
  • संक्रमित सुई या सिरिंज का उपयोग (contaminated needles)
  • संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध
  • रक्त या अंग प्रत्यारोपण (Blood or organ transplant)
  • संक्रमित माँ से नवजात को संक्रमण

महत्वपूर्ण: HDV केवल तभी होता है जब HBV पहले से मौजूद हो।

हेपेटाइटिस डी के लक्षण (Symptoms of Hepatitis D)

  • थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)
  • पेट के ऊपरी दाएं भाग में दर्द (Pain in upper right abdomen)
  • भूख में कमी (Loss of appetite)
  • जी मिचलाना और उल्टी (Nausea and vomiting)
  • पीलिया (Jaundice) – त्वचा और आंखों का पीला पड़ना
  • गहरे रंग का मूत्र (Dark urine)
  • हल्के रंग का मल (Light-colored stool)
  • बुखार (Fever)
  • जोड़ों में दर्द (Joint pain)
  • त्वचा पर खुजली (Itching on skin)

हेपेटाइटिस डी की पहचान (Diagnosis of Hepatitis D)

  1. Anti-HDV antibodies (IgM & IgG) test
  2. HDV RNA test (PCR) – वायरस की सक्रियता को मापने के लिए
  3. Liver function tests (LFTs) – यकृत की कार्यक्षमता को जांचने के लिए
  4. HBV markers test – HBV की पुष्टि के लिए
  5. Ultrasound या FibroScan – लिवर की स्थिति जांचने हेतु
  6. Liver biopsy (यदि ज़रूरी हो)

हेपेटाइटिस डी का इलाज (Treatment of Hepatitis D)

  • Interferon-alpha therapy

    1. यह एक एंटीवायरल उपचार है जो कुछ मामलों में वायरस को नियंत्रित कर सकता है।
  • HBV नियंत्रण ज़रूरी है

    1. HDV के इलाज में सफलता पाने के लिए HBV को भी कंट्रोल करना आवश्यक है।
  • Liver transplant (अत्यधिक मामलों में)

    1. जब लिवर पूरी तरह खराब हो जाए।
  • Newer drugs in trials:

    1. Bulevirtide जैसी दवाएं परीक्षण में हैं और कुछ देशों में उपलब्ध हैं।

हेपेटाइटिस डी को कैसे रोके (Prevention)

  • Hepatitis B का टीकाकरण (HBV vaccination):
    HDV से बचाव का सबसे कारगर तरीका है।

  • सुरक्षित यौन संबंध बनाएं

  • साफ और स्टरलाइज़ सुई/सिरिंज का उपयोग करें

  • रक्त जांच कराए बिना ट्रांसफ्यूजन न कराएं

  • टैटू या पियर्सिंग में स्वच्छ उपकरणों का प्रयोग करें

हेपेटाइटिस डी के घरेलू उपाय (Home Remedies)

नोट: ये उपाय केवल सहायक हैं, इलाज नहीं।

  • संतुलित और कम वसा वाला आहार लें
  • एल्कोहल का पूरी तरह परहेज करें
  • अधिक पानी पिएं
  • हल्का व्यायाम करें (अगर डॉक्टर अनुमति दें)
  • नींद पूरी लें और तनाव से बचें
  • लिवर टॉनिक या हर्बल दवाएं डॉक्टर की सलाह से ही लें

हेपेटाइटिस डी में सावधानियाँ (Precautions)

  • नियमित रूप से लिवर फंक्शन टेस्ट करवाएं
  • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें
  • HBV संक्रमित व्यक्ति से बचाव के उपाय अपनाएं
  • शराब और तंबाकू का सेवन न करें
  • अपने परिवार को HBV का टीका लगवाएं
  • संक्रमित व्यक्ति के सामान साझा न करें (रेज़र, ब्रश आदि)

सामान्य प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: क्या Hepatitis D इलाज योग्य है?
उत्तर: इलाज सीमित है, लेकिन Interferon therapy कुछ मामलों में प्रभावी हो सकती है। लिवर ट्रांसप्लांट आखिरी विकल्प हो सकता है।

प्रश्न 2: क्या Hepatitis D से मृत्यु हो सकती है?
उत्तर: यदि इलाज न किया जाए, तो यह सिरोसिस या लिवर फेल्योर के रूप में जानलेवा हो सकता है।

प्रश्न 3: क्या Hepatitis B का टीका Hepatitis D से बचाता है?
उत्तर: हां, HDV केवल HBV की उपस्थिति में होता है, इसलिए HBV का टीका HDV से बचाव करता है।

प्रश्न 4: क्या HDV संक्रामक है?
उत्तर: हां, विशेष रूप से खून और शारीरिक द्रवों के संपर्क से।

निष्कर्ष (Conclusion)

Hepatitis D एक गंभीर और जटिल यकृत रोग है जो केवल Hepatitis B से संक्रमित व्यक्तियों में पाया जाता है। इसकी रोकथाम संभव है यदि व्यक्ति HBV से बचा हो। जल्दी पहचान, सही इलाज और नियमित मॉनिटरिंग से जटिलताओं से बचा जा सकता है। HBV का टीका लगवाना HDV से बचने का सबसे असरदार उपाय है।


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