Chronic Heart Failure (CHF) या दीर्घकालिक हृदय विफलता एक ऐसी चिकित्सा स्थिति है, जिसमें दिल धीरे-धीरे अपनी पंप करने की क्षमता खो देता है। इसका मतलब है कि दिल शरीर की जरूरतों के अनुसार पर्याप्त रक्त नहीं पंप कर पाता, जिससे फेफड़ों और शरीर के अन्य हिस्सों में तरल भरने लगता है।
यह स्थिति धीरे-धीरे विकसित होती है और समय के साथ बिगड़ सकती है, अगर इसका सही इलाज न हो।
Chronic Heart Failure क्या होता है?
Chronic Heart Failure तब होता है जब:
- दिल कमजोर हो जाता है या कठोर होकर ठीक से नहीं भर पाता।
- हृदय की कार्यक्षमता लंबे समय तक प्रभावित रहती है।
- यह एक प्रगतिशील स्थिति है, जो जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करती है।
CHF मुख्यतः दो प्रकार का हो सकता है:
- HFrEF (Heart Failure with Reduced Ejection Fraction) – जब EF < 40% हो।
- HFpEF (Heart Failure with Preserved Ejection Fraction) – जब EF सामान्य हो पर लक्षण मौजूद हों।
Chronic Heart Failure (CHF) इसके कारण
Chronic Heart Failure के पीछे कई कारण हो सकते हैं:
- Coronary Artery Disease (धमनी की रुकावट)
- High Blood Pressure (हाई ब्लड प्रेशर)
- Heart Attack (हृदयाघात)
- Cardiomyopathy (हृदय की मांसपेशियों की कमजोरी)
- Heart Valve Disease (वाल्व की खराबी)
- Arrhythmia (अनियमित धड़कन)
- Congenital Heart Defects (जन्मजात समस्याएं)
- Diabetes (मधुमेह)
- Chronic Kidney Disease
- Excessive Alcohol or Drug Use
Chronic Heart Failure (CHF) के लक्षण (Symptoms)
Chronic Heart Failure के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और समय के साथ गंभीर हो सकते हैं:
- सांस फूलना (विशेषकर चलने पर या लेटने पर)
- पैरों, टखनों और पेट में सूजन
- अत्यधिक थकान या कमजोरी
- बार-बार पेशाब आना (रात को विशेषकर)
- वजन बढ़ना (तरल के कारण)
- हृदय गति में अनियमितता
- भूख में कमी या पेट भरा हुआ लगना
- मानसिक भ्रम या एकाग्रता में कमी
Chronic Heart Failure (CHF) को कैसे पहचाने (Diagnosis)
Chronic Heart Failure की पहचान निम्नलिखित जांचों से होती है:
- Echocardiogram (Echo) – EF और हृदय की संरचना की जानकारी
- ECG – दिल की इलेक्ट्रिकल गतिविधि की जांच
- Chest X-ray – दिल के आकार और फेफड़ों में तरल की जांच
- BNP/NT-proBNP – हृदय की कमजोरी का संकेत
- Blood Tests – किडनी, लिवर, थायरॉइड और एनीमिया की जांच
- Stress Test – दिल की कार्यक्षमता का परीक्षण
- Cardiac MRI / CT Scan – ज़रूरत पड़ने पर
Chronic Heart Failure (CHF) का इलाज (Treatment)
Chronic Heart Failure का इलाज पूरी तरह से रोग को ठीक नहीं करता, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित कर सकता है और जीवन की गुणवत्ता सुधार सकता है।
1. दवाएं (Medications):
- ACE Inhibitors / ARBs – रक्तचाप और हृदय पर तनाव कम करते हैं
- Beta-Blockers – हृदय की धड़कन और कार्यक्षमता को नियंत्रित करते हैं
- Diuretics – शरीर से अतिरिक्त तरल निकालते हैं
- Aldosterone Antagonists
- ARNI (Sacubitril-Valsartan)
- Digoxin (कुछ मामलों में)
- SGLT2 Inhibitors – विशेष रूप से Diabetes और HFrEF के लिए
2. लाइफस्टाइल मैनेजमेंट:
- कम सोडियम आहार
- तरल का सीमित सेवन
- रोजाना वजन की निगरानी
- नियमित व्यायाम (जैसे पैदल चलना)
3. डिवाइसेस:
- ICD (Implantable Cardioverter Defibrillator)
- CRT (Cardiac Resynchronization Therapy)
- LVAD (Left Ventricular Assist Device) – उन्नत मामलों में
4. सर्जरी:
- बायपास सर्जरी या वाल्व रिपेयर
- हार्ट ट्रांसप्लांट (आखिरी विकल्प)
घरेलू उपाय
Chronic Heart Failure के लक्षणों को नियंत्रित करने में ये उपाय सहायक हो सकते हैं:
- घर का बना, कम नमक वाला खाना लें
- धीरे-धीरे खाना खाएं और पाचन सुधारें
- हल्का व्यायाम करें (डॉक्टर की सलाह अनुसार)
- योग और ध्यान करें – तनाव नियंत्रण में मदद
- रोज सुबह-शाम BP और वजन चेक करें
- नींद का पूरा ध्यान रखें
- धूम्रपान और शराब से पूरी तरह दूर रहें
सावधानियाँ (Precautions)
- नमक और पानी का सीमित सेवन करें
- अचानक वजन बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
- अनियमित धड़कन, सांस की तकलीफ या सूजन बढ़ने पर सतर्क रहें
- नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह और जांच कराते रहें
- दवाएं कभी न छोड़ें
- बुखार, संक्रमण या कमजोरी होने पर डॉक्टर को सूचित करें
Chronic Heart Failure (CHF) को कैसे रोके (Prevention)
- उच्च रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित रखें
- धूम्रपान और शराब से दूरी बनाए रखें
- संतुलित आहार लें और मोटापे पर नियंत्रण रखें
- शारीरिक गतिविधियों में नियमित रूप से भाग लें
- हृदय की नियमित जांच कराते रहें
- तनाव कम करने के उपाय अपनाएं
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1: क्या Chronic Heart Failure पूरी तरह से ठीक हो सकता है?
नहीं, लेकिन इसके लक्षणों को दवाओं और जीवनशैली में बदलाव से कंट्रोल किया जा सकता है।
Q2: क्या यह बीमारी जानलेवा है?
अगर सही इलाज न हो तो यह गंभीर और जानलेवा हो सकती है।
Q3: CHF और AHF में क्या फर्क है?
CHF धीरे-धीरे होता है जबकि AHF अचानक और आपातकालीन स्थिति होती है।
Q4: क्या मरीज सामान्य जीवन जी सकता है?
हां, सही इलाज और सावधानी से मरीज सामान्य जीवन जी सकते हैं।
Q5: क्या पैदल चलना और योग करना फायदेमंद है?
हाँ, डॉक्टर की सलाह से हल्का व्यायाम और योग बहुत लाभकारी होते हैं।
निष्कर्ष
Chronic Heart Failure एक दीर्घकालिक स्थिति है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इसका समय पर इलाज और सतत निगरानी आवश्यक है। जीवनशैली में बदलाव, दवाओं का नियमित सेवन और डॉक्टर की सलाह से इस स्थिति को लंबे समय तक नियंत्रित किया जा सकता है।