Contiguous Osteomyelitis एक प्रकार का हड्डी का संक्रमण है जो शरीर के किसी नज़दीकी ऊतक (जैसे त्वचा, मांसपेशी या घाव) से हड्डी तक फैलता है। यह आमतौर पर खुले घाव, सर्जरी या फ्रैक्चर के कारण होता है, जो हड्डी को संक्रमित कर देता है। यह रोग किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह डायबिटिक रोगियों, बुज़ुर्गों और क्रॉनिक घाव वाले मरीजों में ज्यादा देखा जाता है।
Contiguous Osteomyelitis क्या है?
Contiguous Osteomyelitis तब होता है जब हड्डी के पास की त्वचा या मांसपेशियों में संक्रमण धीरे-धीरे हड्डी तक फैलता है।
यह अधिकतर मामलों में:
दूसरी चोट से जुड़ा होता है, जैसे सर्जरी, फ्रैक्चर या स्किन अल्सर।
डायबिटिक फुट अल्सर से संबंधित होता है।
गंभीर या बार-बार होने वाले त्वचा संक्रमण से उत्पन्न होता है।
Contiguous Osteomyelitis के कारण (Causes)
- खुले घाव या कटे-फटे हिस्से जो समय पर साफ न किए जाएं।
- ऑर्थोपेडिक सर्जरी, जैसे जॉइंट रिप्लेसमेंट, जिसमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
- दांत, मसूड़ों या चेहरे की सर्जरी के बाद संक्रमण।
- Diabetic foot ulcer (मधुमेह जनित पैरों का घाव)
- Pressure sores (लंबे समय तक एक ही जगह लेटे रहने से होने वाले घाव)
Contiguous Osteomyelitis के लक्षण (Symptoms)
- संक्रमित जगह पर दर्द और सूजन
- त्वचा लाल और गर्म महसूस होना
- मवाद या पस निकलना
- बुखार और थकान
- चलने या उस हिस्से को हिलाने में कठिनाई
- प्रभावित जगह की त्वचा में रंग परिवर्तन या घाव
Contiguous Osteomyelitis का इलाज (Treatment)
1. एंटीबायोटिक्स थेरेपी
इंट्रावीनस (IV) एंटीबायोटिक्स 4–6 हफ्तों तक दिए जाते हैं।
ओरल एंटीबायोटिक्स बाद में दिए जा सकते हैं।
बैक्टीरिया की पहचान के लिए कल्चर टेस्ट किया जाता है।
2. सर्जिकल डिब्राइडमेंट
मृत ऊतक (dead tissue) को हटाने के लिए सर्जरी की जाती है।
हड्डी की सफाई और मवाद निकालने के लिए सर्जरी ज़रूरी हो सकती है।
3. वाउंड केयर और संक्रमण नियंत्रण
घाव की नियमित सफाई और ड्रेसिंग
प्रेशर को कम करने के लिए विशेष जूते या उपकरण
4. फिजियोथेरेपी
मांसपेशियों की ताकत और मूवमेंट को बनाए रखने के लिए ज़रूरी
Contiguous Osteomyelitis से बचाव के उपाय (Prevention Tips)
- किसी भी घाव या चोट की तुरंत सफाई करें और एंटीसेप्टिक लगाएं।
- डायबिटीज़ रोगी अपने पैरों की नियमित जांच करें।
- सर्जरी के बाद दिए गए इंफेक्शन प्रोटोकॉल को ठीक से अपनाएं।
- हाइजीन का विशेष ध्यान रखें।
- प्रेशर अल्सर से बचाव के लिए समय-समय पर पोजिशन बदलें।
Contiguous Osteomyelitis के घरेलू उपाय (Home Remedies)
> नोट: ये उपाय केवल सहायक हैं। मुख्य इलाज डॉक्टर की देखरेख में ही करें।
1. हल्दी का सेवन
एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर। रोज़ाना हल्दी वाला दूध पीना लाभदायक हो सकता है।
2. लहसुन
प्राकृतिक एंटीबायोटिक। सुबह खाली पेट 1-2 कली चबाएं।
3. नीम का उपयोग
नीम की पत्तियों का पेस्ट बनाकर घाव के पास की त्वचा पर लगाएं।
4. गर्म पानी की सिकाई
सूजन कम करने में सहायक, लेकिन पस या ओपन वाउंड में न करें।
सावधानियाँ (Precautions)
- कभी भी घाव को नजरअंदाज न करें।
- खुद से एंटीबायोटिक न लें – डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।
- पूरा एंटीबायोटिक कोर्स करें।
- अगर घाव बार-बार हो रहा है, तो ब्लड शुगर चेक करवाएं।
- इम्यून सिस्टम को मजबूत रखें – भरपूर नींद, संतुलित आहार और हाइड्रेशन।
निष्कर्ष (Conclusion)
Contiguous Osteomyelitis एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य हड्डी का संक्रमण है। यह आमतौर पर घाव या सर्जरी के बाद शरीर में फैलता है। समय पर पहचान और इलाज से हड्डी को स्थायी नुकसान से बचाया जा सकता है। यदि आप या आपके किसी परिजन को बार-बार घाव, सूजन या मवाद की समस्या हो रही हो, तो देर न करें और डॉक्टर से संपर्क करें।
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1. क्या Contiguous Osteomyelitis जानलेवा हो सकता है?
> हाँ, अगर समय पर इलाज न हो तो यह हड्डी को बर्बाद कर सकता है और संक्रमण फैल सकता है।
2. क्या इसका इलाज केवल सर्जरी से होता है?
> नहीं, शुरुआती अवस्था में एंटीबायोटिक्स से इलाज संभव है, लेकिन गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है।
3. क्या यह संक्रमण फैलता है?
> यह आमतौर पर संपर्क से नहीं फैलता, लेकिन यदि घाव खुला हो और देखभाल सही न हो तो अन्य संक्रमण संभव है।
4. क्या डायबिटीज़ वालों में इसका खतरा ज्यादा है?
> हाँ, डायबिटीज़ मरीजों में पैरों के अल्सर से Contiguous Osteomyelitis होने का खतरा अधिक होता है।
5. घरेलू उपाय से इसे ठीक किया जा सकता है?
> घरेलू उपाय केवल सहायक हो सकते हैं। मुख्य इलाज डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीकों से ही करना चाहिए।