Burns (Thermal, Chemical, Electrical): कारण, लक्षण, इलाज और प्राथमिक उपचार

Burns यानी जलने की चोट तब होती है जब त्वचा को अत्यधिक गर्मी (Heat), रसायन (Chemicals), बिजली (Electricity), या विकिरण (Radiation) के संपर्क में लाया जाता है। यह चोट सतही (Surface) से लेकर गहरी और जानलेवा भी हो सकती है। समय पर उचित इलाज ना मिलने पर ये घाव संक्रमण (Infection), दाग-धब्बे (Scars), और अंग विकृति (Deformity) का कारण बन सकते हैं।








Burns क्या होते हैं? (What are Burns?)

Burns त्वचा और उससे जुड़े ऊतकों की क्षति (Damage) को कहते हैं, जो थर्मल, केमिकल, इलेक्ट्रिकल या रेडिएशन से हो सकती है। इसके प्रकार और गंभीरता के अनुसार इलाज भिन्न होता है।

Burns के प्रकार (Types of Burns):

1. Thermal Burns (थर्मल बर्न):

गर्म पानी, भाप, आग, गर्म वस्तु के संपर्क से

2. Chemical Burns (केमिकल बर्न):

एसिड (Acid), क्षार (Alkali), या अन्य रसायनों के त्वचा पर पड़ने से

3. Electrical Burns (इलेक्ट्रिकल बर्न):

बिजली के झटके या करंट लगने से

4. Radiation Burns (रेडिएशन बर्न):

X-ray, सूरज की किरणें या कैंसर की रेडिएशन थेरेपी से

गंभीरता के आधार पर बर्न्स के स्तर (Degrees of Burns):

1st-Degree Burn (प्रथम डिग्री):

  • केवल ऊपरी त्वचा पर असर
  • लाली, हल्की जलन
  • 3–6 दिन में ठीक हो जाता है

2nd-Degree Burn (द्वितीय डिग्री):

  • ऊपरी और आंशिक गहरी त्वचा पर असर
  • छाले, सूजन, तेज जलन
  • ठीक होने में हफ्तों लगते हैं

3rd-Degree Burn (तृतीय डिग्री):

  • त्वचा की सभी परतें नष्ट हो जाती हैं
  • त्वचा काली, सफेद या सूखी दिखती है
  • तंत्रिकाएं भी क्षतिग्रस्त, दर्द कम लग सकता है

4th-Degree Burn (चतुर्थ डिग्री):

  • मांसपेशियों और हड्डियों तक असर
  • जानलेवा स्थिति

Burns के कारण (Causes of Burns):

  1. आग लगना (Fire exposure)
  2. उबलता पानी या भाप (Scalds)
  3. रसायन जैसे एसिड या अल्कली
  4. बिजली के झटके
  5. सूरज की तेज किरणें (Sunburn)
  6. Microwave, hot oil, heater से जलना
  7. Radiation therapy या रेडिएशन एक्सपोजर

Burns के लक्षण (Symptoms of Burns):

  • जलन और दर्द
  • लालिमा, सूजन
  • छाले (Blisters)
  • त्वचा का छिलना या काली पड़ना
  • बुखार और कंपकंपी (संक्रमण की स्थिति में)
  • सांस लेने में दिक्कत (Inhalation injury)

Burns कैसे पहचानें? (Diagnosis of Burns):

  1. शारीरिक परीक्षण (Physical exam) – त्वचा की स्थिति और क्षेत्र की जाँच
  2. बॉडी सरफेस एरिया (%TBSA) मापना – कितने प्रतिशत शरीर जल गया
  3. ब्लड टेस्ट, Chest X-ray, Urinalysis – गंभीर मामलों में

Burns का इलाज (Treatment of Burns):

1. First Aid (प्राथमिक उपचार):

  • ठंडा पानी डालें (Cool Water) – जलने के तुरंत बाद
  • ढीले और साफ कपड़े से ढकें
  • छाले न फोड़े – संक्रमण हो सकता है

2. दवाइयाँ (Medications):

  • एंटीबायोटिक क्रीम जैसे Silver sulfadiazine
  • दर्द निवारक – Paracetamol, Ibuprofen
  • टेटनस का इंजेक्शन (Tetanus shot)

3. Dressings और Wound care:

  • Non-stick dressing
  • बार-बार साफ करना और पट्टी बदलना

4. गंभीर मामलों में:

  • IV Fluids और Electrolyte management
  • स्किन ग्राफ्टिंग (Skin grafting surgery)
  • ICU में भर्ती (Major burns)

घरेलू उपाय (Home Remedies for Minor Burns):

केवल प्रथम डिग्री या हल्के दूसरे डिग्री बर्न में उपयोगी:

  1. एलोवेरा जेल (Aloe vera gel) – त्वचा को ठंडक और राहत
  2. शहद (Honey): एंटीबैक्टीरियल और घाव भरने में मददगार
  3. ठंडा दूध या दही: जलन कम करता है
  4. नारियल तेल: त्वचा को मॉइस्चराइज़ करता है

नोट: गंभीर बर्न में घरेलू इलाज न करें।

सावधानियाँ (Precautions):

  • छाले न फोड़े
  • संक्रमित घाव को हाथ न लगाएं
  • बच्चों को रसोई या बिजली से दूर रखें
  • सिंथेटिक कपड़े पहनने से बचें
  • आग और गर्म उपकरणों से सतर्क रहें

Burns कैसे रोकें ? (Prevention Tips):

  • खाना बनाते समय सावधानी
  • बच्चों को आग, गर्म पानी, रसायनों से दूर रखें
  • घर में फायर सेफ्टी उपकरण रखें
  • बिजली के तारों की नियमित जांच करें
  • धूप में अधिक समय न बिताएं

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):

Q1: क्या छाले को फोड़ देना चाहिए?
नहीं, इससे संक्रमण हो सकता है।

Q2: बर्न्स में सबसे पहले क्या करना चाहिए?
जल्द से जल्द ठंडे पानी से धोना और सूती कपड़े से ढंकना।

Q3: क्या घरेलू इलाज से बर्न ठीक हो सकते हैं?
केवल हल्के (First-degree) बर्न के लिए, गंभीर बर्न के लिए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

Q4: क्या बर्न के दाग पूरी तरह मिट सकते हैं?
हल्के बर्न के दाग समय के साथ मिट सकते हैं, लेकिन गहरे बर्न में स्कारिंग रह सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion):

Burns एक आम लेकिन कभी-कभी जानलेवा समस्या हो सकती है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि किस प्रकार के बर्न में प्राथमिक उपचार (First aid) से राहत मिलेगी और कब तुरंत मेडिकल ट्रीटमेंट की ज़रूरत है। सावधानी, जागरूकता और समय पर इलाज से इस स्थिति को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।


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