Congenital Spinal Deformities यानी जन्मजात रीढ़ की विकृतियाँ वे असामान्यताएँ होती हैं जो भ्रूण के विकास के दौरान रीढ़ की हड्डी (Spinal column) में होती हैं। यह विकृति रीढ़ की असामान्य आकृति या झुकाव के रूप में सामने आती है और जन्म के समय मौजूद होती है।
इनमें सामान्यतः शामिल होते हैं:
- Scoliosis (रीढ़ का एक ओर झुकना)
- Kyphosis (पीठ का बाहर की ओर झुकना)
- Lordosis (कमर का अधिक अंदर की ओर झुकाव)
Congenital Spinal Deformity क्या होता है ? (What is it?)
जब गर्भावस्था के दौरान वर्टिब्रल हड्डियों (vertebrae) का विकास अधूरा रह जाता है या वे गलत तरीके से बनती हैं, तो जन्मजात रीढ़ की विकृतियाँ उत्पन्न होती हैं। ये विकृतियाँ हल्की से लेकर गंभीर हो सकती हैं और कभी-कभी अन्य अंगों जैसे दिल, किडनी या तंत्रिका तंत्र को भी प्रभावित कर सकती हैं।
Congenital Spinal Deformity कारण (Causes of Congenital Spinal Deformities)
- Embryological defects – रीढ़ की हड्डी बनने की प्रक्रिया में गड़बड़ी
- Genetic mutations (आनुवांशिक बदलाव)
- Environmental factors – जैसे गर्भावस्था के दौरान संक्रमण या दवाएं
- Folic Acid deficiency
- Gestational Diabetes – गर्भावस्था में मधुमेह
- Maternal alcohol or drug use
Congenital Spinal Deformity प्रकार (Types)
- Hemivertebra – आधी बनी हुई वर्टिब्रल हड्डी
- Block vertebra – दो या अधिक वर्टिब्रल्स का आपस में जुड़ जाना
- Unsegmented bar – हड्डियों के बीच में विभाजन न होना
- Mixed defects – ऊपर के कई प्रकारों का मेल
Congenital Spinal Deformity लक्षण (Symptoms of Congenital Spinal Deformities)
- रीढ़ की वक्रता (Curvature in spine – scoliosis/kyphosis)
- पीठ का असमान आकार
- असंतुलित कंधे या कूल्हे
- चलने में असमानता या झुकाव
- पीठ दर्द (कुछ मामलों में)
- श्वसन संबंधी समस्याएं (गंभीर kyphosis में)
- न्यूरोलॉजिकल लक्षण – जैसे पैरों में कमजोरी (यदि नर्व प्रभावित हो)
Congenital Spinal Deformity कैसे पहचाने (Diagnosis)
- Physical examination – डॉक्टर द्वारा पीठ की जांच
- X-ray spine – वक्रता की पुष्टि के लिए
- MRI – नर्व और रीढ़ की संरचना की विस्तृत जानकारी
- CT Scan – हड्डियों की सटीक बनावट देखने हेतु
- Ultrasound (prenatal) – कुछ मामलों में गर्भावस्था में पता चल सकता है
- Genetic testing – यदि पारिवारिक इतिहास हो
Congenital Spinal Deformity इलाज (Treatment of Congenital Spinal Deformities)
इलाज विकृति की प्रकार, गंभीरता, और बच्चे की उम्र पर निर्भर करता है।
1. Observation (निगरानी):
- यदि विकृति हल्की हो और बढ़ न रही हो
- नियमित X-ray से मॉनिटरिंग
2. Bracing (ब्रेस पहनाना):
- कुछ प्रकार की वक्रता में बढ़ने से रोकने हेतु
- बच्चों में प्रभावी होता है
3. Physical Therapy (फिजियोथेरेपी):
- रीढ़ को लचीला बनाए रखने में सहायक
- चलने की शैली में सुधार
4. Surgical Treatment (सर्जरी):
- Spinal fusion surgery – स्थिरता लाने के लिए
- Hemivertebra excision – अधूरी बनी हड्डी को निकालना
- Instrumentation and correction – मेटल रॉड्स द्वारा सुधार
- जटिल मामलों में न्यूरोसर्जन की आवश्यकता पड़ सकती है
Congenital Spinal Deformity कैसे रोके (Prevention)
- गर्भावस्था में फोलिक एसिड की पर्याप्त खुराक लें
- धूम्रपान और शराब से परहेज़ करें
- प्रसव पूर्व नियमित जांच कराएं
- गर्भावस्था के दौरान संक्रमणों से बचाव
- डॉक्टर द्वारा अनुमोदित दवाएं ही लें
घरेलू उपाय (Home Remedies)
नोट: यह जन्मजात संरचनात्मक विकृति है, घरेलू उपाय केवल सपोर्टिव हो सकते हैं।
- हल्की फिजिकल एक्टिविटी – डॉक्टर की सलाह अनुसार
- सही पोस्चर बनाए रखना
- कैल्शियम और विटामिन D युक्त आहार
- हल्की स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज (फिजियोथेरेपिस्ट के निर्देशन में)
सावधानियाँ (Precautions)
- बच्चे की रीढ़ की नियमित निगरानी कराना
- स्कूल बैग भारी न हो
- खेलकूद में सावधानी
- बार-बार गिरना या चोट से बचाना
- डॉक्टर द्वारा बताए गए ब्रेस और एक्सरसाइज का पालन करना
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1. क्या Congenital Spinal Deformity का इलाज संभव है?
हाँ, हल्के मामलों में निगरानी पर्याप्त है और गंभीर मामलों में सर्जरी द्वारा सुधार संभव है।
Q2. क्या यह जीवनभर रहता है?
उचित इलाज से स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है, कुछ मामलों में जीवनभर मॉनिटरिंग की जरूरत होती है।
Q3. क्या यह अनुवांशिक रोग है?
कुछ मामलों में यह आनुवंशिक होता है, लेकिन हर बार नहीं।
Q4. क्या यह गर्भ में ही पता चल सकता है?
हाँ, कुछ मामलों में Ultrasound और fetal MRI से पता लगाया जा सकता है।
Q5. क्या यह स्थिति दर्द देती है?
सभी मामलों में नहीं, लेकिन वक्रता बढ़ने पर पीठ दर्द और थकान हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Congenital Spinal Deformities एक जटिल लेकिन प्रबंधनीय जन्मजात विकृति है। सही समय पर निदान, उचित निगरानी और आवश्यकता पड़ने पर सर्जरी से इस स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है। माता-पिता को बच्चों की पीठ की बनावट और चलने-फिरने की शैली पर ध्यान देना चाहिए और किसी भी असामान्यता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।