Delayed Sleep Phase Disorder (DSPD) को हिंदी में विलंबित निद्रा चरण विकार कहा जाता है। यह एक Circadian Rhythm Sleep Disorder है जिसमें व्यक्ति की नींद की समय-सारणी सामान्य से बहुत पीछे चली जाती है। यानी व्यक्ति देर रात को नींद में जाता है और देर से उठता है, और जब उसे सामान्य समय पर सोना या उठना होता है, तो उसे परेशानी होती है।
Delayed Sleep Phase Disorder क्या होता है (What is DSPD):
यह विकार तब होता है जब व्यक्ति का शरीर जैविक घड़ी (biological clock) सामान्य नींद समय से 2 से 6 घंटे तक पीछे हो जाता है। यह स्थिति विशेष रूप से किशोरों और युवाओं में देखी जाती है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकती है। यह बीमारी एक गंभीर सामाजिक और पेशेवर समस्या बन सकती है।
Delayed Sleep Phase Disorder कारण (Causes of DSPD):
- जैविक घड़ी का असंतुलन (Disruption in biological clock)
- जीनेटिक कारण (Genetic factors)
- रात में अत्यधिक स्क्रीन टाइम (Excessive screen use at night)
- नियमित नींद समय का न होना (Irregular sleep schedule)
- मानसिक तनाव या चिंता (Stress or anxiety)
- कम रोशनी में रहना (Lack of natural light exposure)
- Melatonin हार्मोन का असंतुलन
Delayed Sleep Phase Disorder के लक्षण (Symptoms of Delayed Sleep Phase Disorder):
- निर्धारित समय पर नींद न आना
- बहुत देर रात तक जागते रहना
- सुबह उठने में अत्यधिक कठिनाई
- दिन में थकावट और नींद आना
- कार्य, पढ़ाई और सामाजिक जीवन पर प्रभाव
- जबरन नींद लेने पर बेचैनी और मूड में बदलाव
- सप्ताहांत में नींद की समय-सारणी सामान्य लग सकती है
निदान (Diagnosis):
- Sleep Diary (नींद की डायरी): 1–2 हफ्तों तक नींद और जागने के समय को रिकॉर्ड किया जाता है
- Actigraphy: एक उपकरण जो कलाई पर पहनते हैं और नींद-जागने की जानकारी देता है
- Polysomnography (Sleep Study): अगर अन्य स्लीप डिसऑर्डर का संदेह हो तो यह परीक्षण किया जाता है
Delayed Sleep Phase Disorder इलाज (Treatment of DSPD):
- Cognitive Behavioral Therapy for Insomnia (CBT-I)
- Chronotherapy: धीरे-धीरे सोने और उठने का समय एडजस्ट करना
- Light Therapy (प्रकाश चिकित्सा): सुबह प्राकृतिक या विशेष लाइट का एक्सपोजर
- Melatonin सप्लीमेंट्स: डॉक्टर की सलाह पर लिया जाता है
- Strict Sleep Schedule: प्रतिदिन एक ही समय पर सोना और उठना
- Bright light avoidance at night: रात में तेज़ रोशनी से बचना
- Sleep hygiene सुधारना
रोकथाम (Prevention):
- सोने-जागने का नियमित समय बनाए रखें
- सोने से 1-2 घंटे पहले स्क्रीन टाइम बंद करें
- दिन में सूर्य के प्रकाश में अधिक समय बिताएं
- दिन में कैफीन और भारी भोजन से बचें
- सोने से पहले रिलैक्सिंग गतिविधियाँ अपनाएं
घरेलू उपचार (Home Remedies):
- गर्म दूध या कैमोमाइल चाय पीना
- रात को धीमी रौशनी में रहना
- प्राकृतिक रूप से सुबह के समय सूर्य का प्रकाश लेना
- सोने से पहले ध्यान (meditation) करना
- Lavender oil का उपयोग कर रिलैक्सेशन पाना
- स्क्रीन ब्लू लाइट को ब्लॉक करने वाले चश्मे का उपयोग
सावधानियाँ (Precautions):
- बिना डॉक्टर के सलाह के मेलाटोनिन का सेवन न करें
- अनियमित नींद की आदतों को लंबे समय तक न अपनाएं
- सोने से पहले उत्तेजक गतिविधियाँ जैसे मोबाइल चलाना, गेम खेलना, या टीवी देखना न करें
- तनाव को नियंत्रित रखें
- दिन में सोने से बचें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्रश्न 1: क्या Delayed Sleep Phase Disorder खतरनाक है?
उत्तर: यह जानलेवा नहीं है, लेकिन लंबे समय तक untreated रहने पर यह मानसिक स्वास्थ्य, पेशेवर कार्य और सोशल लाइफ पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
प्रश्न 2: क्या यह स्थिति केवल किशोरों को होती है?
उत्तर: यह अधिकतर किशोरों में पाई जाती है, लेकिन किसी भी उम्र में हो सकती है।
प्रश्न 3: क्या यह समस्या अपने आप ठीक हो सकती है?
उत्तर: बहुत कम मामलों में ऐसा होता है, ज़्यादातर में पेशेवर उपचार की आवश्यकता होती है।
प्रश्न 4: क्या केवल Melatonin लेने से ठीक हो जाएगा?
उत्तर: नहीं, यह तभी प्रभावी होता है जब सही समय और विधि से लिया जाए, साथ ही अन्य उपचारों के साथ।
Delayed Sleep Phase Disorder कैसे पहचाने (How to Identify DSPD):
यदि आपको बार-बार देर रात तक नींद नहीं आती और सुबह उठने में परेशानी होती है, लेकिन सप्ताहांत पर नींद पूरी हो जाती है, तो यह DSPD का संकेत हो सकता है। Sleep diary या sleep study से इसकी पुष्टि हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion):
Delayed Sleep Phase Disorder (DSPD) एक ऐसा नींद विकार है जो व्यक्ति की दैनिक जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है। सही निदान, अनुशासित दिनचर्या, प्रकाश चिकित्सा और समय पर इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यदि नींद की समस्या लंबे समय से बनी हुई है तो डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें।