Hepatotoxicity : कारण, लक्षण, इलाज और बचाव

Hepatotoxicity एक ऐसी स्थिति है जिसमें किसी रसायन, दवा या हर्बल उत्पाद के कारण लीवर (यकृत) को नुकसान होता है। जब लीवर को कोई हानिकारक पदार्थ प्रभावित करता है और उसकी कार्यक्षमता प्रभावित हो जाती है, तो इसे हेपाटोटॉक्सिसिटी कहा जाता है। यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है क्योंकि लीवर शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाता है।

Hepatotoxicity क्या होता है ? (What is Hepatotoxicity?)

Hepatotoxicity का मतलब है — "hepat/o" = liver (यकृत) और "toxicity" = विषाक्तता (poisoning)
जब कोई दवा या रसायन लीवर की कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाता है, जिससे सूजन, एंजाइम की गड़बड़ी, या लीवर फेल्योर तक हो सकता है — तो उसे हेपाटोटॉक्सिसिटी कहते हैं।

Hepatotoxicity के कारण (Causes of Hepatotoxicity)

1. दवाइयाँ (Medications):

  • पेरासिटामोल (Paracetamol) – अधिक मात्रा में लेने पर
  • एंटीबायोटिक्स – जैसे Isoniazid, Rifampicin
  • एंटीफंगल दवाएं – Ketoconazole
  • एंटीटीबी दवाएं – INH, Pyrazinamide
  • NSAIDs – Ibuprofen, Diclofenac

2. हर्बल सप्लीमेंट्स और जड़ी-बूटियाँ (Herbal Supplements):

  • Aloe vera (लंबे समय तक सेवन)
  • Kava-kava
  • Green tea extract (अत्यधिक मात्रा)

3. शराब (Alcohol):

  • अत्यधिक शराब पीना लीवर की कोशिकाओं को नष्ट कर सकता है

4. केमिकल्स और विषाक्त पदार्थ (Industrial toxins and chemicals):

  • कार्बन टेट्राक्लोराइड, बेंजीन आदि

Hepatotoxicity के लक्षण (Symptoms of Hepatotoxicity)

  • पेट के दाहिने ऊपरी भाग में दर्द या भारीपन (Right upper abdominal discomfort)
  • थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)
  • भूख में कमी (Loss of appetite)
  • उल्टी और मतली (Nausea and vomiting)
  • त्वचा या आंखों का पीला होना (Jaundice – पीलिया)
  • गाढ़ा पेशाब और हल्का रंग का मल
  • त्वचा पर खुजली (Itching)

Hepatotoxicity की पहचान कैसे करें? (Diagnosis of Hepatotoxicity)

  1. लीवर फंक्शन टेस्ट (Liver Function Tests - LFTs):

    1. SGPT, SGOT, ALP, Bilirubin के स्तर की जाँच
  2. अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन:

    1. लीवर में सूजन, फैट या डैमेज देखने के लिए
  3. ब्लड टेस्ट:

    1. वायरस, हेपेटाइटिस या इम्यून प्रतिक्रिया का पता लगाने के लिए
  4. ड्रग हिस्ट्री:

    1. कौन सी दवाएं ली गईं, कब से और कितनी मात्रा में

Hepatotoxicity का इलाज (Treatment of Hepatotoxicity)

  1. जिम्मेदार दवा या पदार्थ को तुरंत बंद करें (Stop the causative agent)
  2. लीवर सपोर्टिव थेरेपी:
    1. Ursodeoxycholic acid, Glutathione supplements
  3. एन्टीडोट (Antidote):
    1. Paracetamol overdose के लिए N-acetylcysteine
  4. हाइड्रेशन और आराम (Hydration & Rest)
  5. गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती और ऑब्जर्वेशन

Hepatotoxicity से बचाव (Prevention of Hepatotoxicity)

  • दवाएं डॉक्टर की सलाह पर ही लें
  • लेबल पढ़कर ही सप्लीमेंट्स का सेवन करें
  • शराब का सेवन सीमित करें या न करें
  • टीबी या अन्य पुरानी बीमारियों की दवा लेते समय लीवर मॉनिटरिंग कराएं
  • लीवर फंक्शन टेस्ट समय-समय पर करवाएं

घरेलू उपाय (Home Remedies for Hepatotoxicity)

  • हल्दी (Turmeric) – प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट
  • आंवला (Amla) – विटामिन C से भरपूर
  • गिलोय (Tinospora cordifolia) – लीवर को डिटॉक्स करता है
  • नारियल पानी और नींबू पानी – हाइड्रेशन और विषहरण में सहायक
  • चुकंदर और गाजर का जूस – लिवर फंक्शन सुधारने में मददगार

नोट: घरेलू उपाय केवल सहायक हैं। इलाज डॉक्टर की देखरेख में ही करवाएं।

Hepatotoxicity में सावधानियाँ (Precautions in Hepatotoxicity)

  • ओवर-द-काउंटर दवाएं बिना सलाह के न लें
  • शराब, स्मोकिंग और फैटी फूड से बचें
  • नियमित रूप से लीवर फंक्शन की जांच कराएं
  • हर्बल या घरेलू दवाएं भी सावधानी से लें
  • लीवर पर असर डालने वाली दवाओं के साथ डॉक्टर की निगरानी जरूरी है

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. क्या Hepatotoxicity जानलेवा हो सकती है?
उत्तर: हाँ, यदि समय पर पहचान और इलाज न हो तो यह लिवर फेल्योर तक पहुंच सकती है।

Q2. क्या यह पूरी तरह से ठीक हो सकती है?
उत्तर: हाँ, शुरुआती अवस्था में दवा बंद करने और सही देखभाल से ठीक हो सकती है।

Q3. क्या सभी दर्द की दवाएं लीवर को नुकसान पहुंचाती हैं?
उत्तर: नहीं, लेकिन कुछ NSAIDs और पेरासिटामोल अधिक मात्रा में नुकसान पहुंचा सकते हैं।

Q4. क्या Hepatotoxicity बच्चों में भी हो सकती है?
उत्तर: हाँ, खासकर यदि उन्हें गलत डोज़ में दवा दी जाए।

निष्कर्ष (Conclusion)

Hepatotoxicity एक गंभीर स्थिति है जिसमें लीवर को दवाओं, रसायनों या सप्लीमेंट्स से नुकसान पहुंचता है। इसकी समय पर पहचान, दवा बंद करना और उपयुक्त इलाज से इसे रोका जा सकता है। हमेशा दवा लेते समय सावधानी बरतें और किसी भी नए लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।


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