Azotemia कारण, लक्षण, निदान, इलाज, रोकथाम और घरेलू उपाय

एज़ोटेमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें किडनी की कार्यक्षमता (Kidney Function) प्रभावित हो जाती है और रक्त में अपशिष्ट पदार्थ (Waste Products) इकट्ठा होने लगते हैं। यदि इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह यूरेमिया (Uremia) में बदल सकता है, जो जानलेवा स्थिति है।

एज़ोटेमिया क्या होता है  (What is Azotemia)

  • किडनी शरीर से यूरिया, क्रिएटिनिन और टॉक्सिन्स (Toxins) को फ़िल्टर कर बाहर निकालती हैं।
  • जब किडनी सही से काम नहीं करतीं तो यह पदार्थ रक्त में बढ़ जाते हैं।
  • इसका पता अक्सर ब्लड टेस्ट (Blood Test) जैसे Blood Urea Nitrogen (BUN) Test और Serum Creatinine Test से चलता है।

एज़ोटेमिया के प्रकार (Types of Azotemia)

  1. प्रि-रेनल एज़ोटेमिया (Pre-renal Azotemia):
    रक्त का फ्लो (Blood Flow) किडनी तक सही से न पहुँचने पर।
  2. रेनल एज़ोटेमिया (Renal Azotemia):
    सीधे किडनी की क्षति (Kidney Damage) के कारण।
  3. पोस्ट-रेनल एज़ोटेमिया (Post-renal Azotemia):
    यूरिनरी ट्रैक्ट (Urinary Tract) में ब्लॉकेज या रुकावट होने पर।

एज़ोटेमिया कारण (Causes of Azotemia)

  • डिहाइड्रेशन (Dehydration)
  • लो ब्लड प्रेशर (Low Blood Pressure)
  • किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease)
  • यूरिनरी ट्रैक्ट ऑब्स्ट्रक्शन (Urinary Tract Obstruction) – जैसे स्टोन (Stones), ट्यूमर (Tumor)
  • ब्लड लॉस (Blood Loss)
  • हार्ट फेल्योर (Heart Failure)
  • सेप्सिस (Sepsis) या इंफेक्शन

एज़ोटेमिया के लक्षण (Symptoms of Azotemia)

  • थकान (Fatigue)
  • मतली और उल्टी (Nausea and Vomiting)
  • सिरदर्द (Headache)
  • कन्फ्यूजन और चक्कर (Confusion and Dizziness)
  • भूख न लगना (Loss of Appetite)
  • सूजन (Swelling) – पैरों, टखनों और चेहरे पर
  • पेशाब कम आना (Reduced Urine Output)
  • सांस लेने में तकलीफ (Shortness of Breath)
  • ब्लड प्रेशर में बदलाव (Changes in Blood Pressure)

एज़ोटेमिया का निदान (Diagnosis of Azotemia)

  • ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (Blood Urea Nitrogen - BUN) Test
  • सीरम क्रिएटिनिन (Serum Creatinine Test)
  • GFR (Glomerular Filtration Rate) Test
  • यूरिन टेस्ट (Urine Analysis)
  • अल्ट्रासाउंड या CT Scan किडनी की स्थिति जानने के लिए

एज़ोटेमिया का इलाज (Treatment of Azotemia)

  • IV Fluids (Intravenous Fluids) – डिहाइड्रेशन होने पर
  • डाययूरेटिक्स (Diuretics) – अतिरिक्त फ्लूइड और वेस्ट निकालने के लिए
  • ब्लड प्रेशर कंट्रोल (Blood Pressure Control)
  • एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) – इंफेक्शन की स्थिति में
  • डायलिसिस (Dialysis) – जब किडनी काम करना बंद कर दे
  • सर्जरी (Surgery) – यदि यूरिनरी ट्रैक्ट में रुकावट हो

एज़ोटेमिया से कैसे बचें (Prevention of Azotemia)

  • पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं (Drink Enough Water)
  • ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर नियंत्रित रखें
  • किडनी हेल्थ चेकअप नियमित कराएं
  • नेफ्रोटॉक्सिक दवाओं (Nephrotoxic Drugs) का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें
  • संतुलित आहार लें (Balanced Diet)

घरेलू उपाय (Home Remedies for Azotemia)

  • नींबू पानी और नारियल पानी पीना (Hydration के लिए)
  • नमक का सेवन सीमित करना
  • ताजे फल और सब्जियाँ खाना
  • ग्रीन टी और हर्बल टी लेना (डिटॉक्सिफिकेशन के लिए)
  • प्रोटीन का सेवन संतुलित मात्रा में करना (अत्यधिक प्रोटीन न लें)

सावधानियाँ (Precautions in Azotemia)

  • बिना डॉक्टर की सलाह के दवाएं न लें
  • अधिक प्रोटीन और नमक से बचें
  • शराब और स्मोकिंग से परहेज करें
  • नियमित रूप से किडनी फ़ंक्शन की जांच कराएं
  • अचानक पेशाब कम हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या एज़ोटेमिया जानलेवा है?
हाँ, यदि समय पर इलाज न किया जाए तो यह यूरेमिया में बदलकर जानलेवा हो सकता है।

Q2. क्या एज़ोटेमिया का इलाज संभव है?
हाँ, प्रारंभिक अवस्था में इलाज और जीवनशैली सुधार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। गंभीर स्थिति में डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है।

Q3. क्या डाइट एज़ोटेमिया में मदद करती है?
हाँ, लो-प्रोटीन, लो-सॉल्ट और संतुलित डाइट किडनी को बेहतर काम करने में मदद करती है।

Q4. क्या डायलिसिस हमेशा ज़रूरी है?
नहीं, डायलिसिस केवल गंभीर मामलों में किया जाता है जब किडनी बिल्कुल काम नहीं कर रही हो।

कैसे पहचाने (How to Identify Azotemia)

  • यदि लगातार थकान, पेशाब की मात्रा में कमी, सूजन और भूख न लगना जैसे लक्षण दिखाई दें।
  • ब्लड टेस्ट (BUN और क्रिएटिनिन) में असामान्य स्तर आने पर।

निष्कर्ष (Conclusion)

एज़ोटेमिया (Azotemia) किडनी से जुड़ी गंभीर समस्या है, जो यदि समय पर पहचानी और इलाज न की जाए तो जीवन के लिए खतरा बन सकती है। शुरुआती लक्षणों को नज़रअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। संतुलित जीवनशैली, पर्याप्त पानी, और नियमित स्वास्थ्य जांच से इसे काफी हद तक रोका जा सकता है।


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