Khushveer Choudhary

Eye Twitching ( Myokymia) : कारण, लक्षण, इलाज और घरेलू उपाय

आंख फड़कना या Eye Twitching (Myokymia) एक सामान्य समस्या है जिसमें आंख की पलक (Eyelid) बार-बार अनियंत्रित रूप से हिलती या फड़कती है। यह आमतौर पर कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक रह सकता है। कई बार यह हल्की समस्या होती है और खुद ही ठीक हो जाती है, लेकिन लगातार आंख फड़कना किसी गंभीर स्वास्थ्य समस्या का संकेत भी हो सकता है।








आंख फड़कना क्या होता है  (What is Eye Twitching / Myokymia)

Eye Twitching (Myokymia) पलक की मांसपेशियों में होने वाले बार-बार संकुचन (muscle spasms) को कहा जाता है। यह अधिकतर ऊपरी पलक (Upper Eyelid) में होता है और यह हानिरहित (Harmless) होता है। हालांकि, लंबे समय तक बने रहने पर यह आंखों की थकान और परेशानी का कारण बन सकता है।

आंख फड़कने के कारण (Causes of Eye Twitching)

आंख फड़कने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

  1. तनाव (Stress) – मानसिक तनाव से मांसपेशियों पर असर पड़ता है।
  2. नींद की कमी (Lack of Sleep) – पर्याप्त नींद न लेने से आंखों पर दबाव बढ़ता है।
  3. आंखों पर तनाव (Eye Strain) – कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी ज्यादा देखने से।
  4. कैफीन और शराब (Caffeine and Alcohol) – इनका अधिक सेवन।
  5. पोषक तत्वों की कमी (Nutritional Deficiency) – खासकर Magnesium की कमी।
  6. सूखी आंखें (Dry Eyes) – आंखों में नमी की कमी।
  7. एलर्जी (Allergy) – आंखों में जलन या खुजली।
  8. तंत्रिका संबंधी समस्या (Neurological Problems) – दुर्लभ मामलों में, Parkinson’s disease या Multiple Sclerosis।

आंख फड़कने के लक्षण (Symptoms of Eye Twitching)

  • पलक का बार-बार फड़कना
  • आंखों में हल्की जलन या थकान
  • आंखों के आसपास दबाव महसूस होना
  • लगातार फड़कने से चिड़चिड़ापन
  • कभी-कभी तेज रोशनी में समस्या बढ़ना

आंख फड़कने का इलाज (Treatment of Eye Twitching)

आंख फड़कना अक्सर बिना इलाज अपने आप ठीक हो जाता है। लेकिन अगर यह लगातार हो, तो ये उपाय किए जा सकते हैं:

  1. आराम और नींद (Rest and Sleep) – पर्याप्त नींद लें।
  2. तनाव कम करें (Reduce Stress) – योग, ध्यान, और रिलैक्सेशन तकनीक अपनाएं।
  3. आंखों को आराम दें (Eye Rest) – लंबे समय तक स्क्रीन देखने से बचें।
  4. कृत्रिम आंसू (Artificial Tears) – सूखी आंखों के लिए।
  5. कैफीन कम करें (Reduce Caffeine/Alcohol) – चाय, कॉफी और शराब का सेवन कम करें।
  6. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह (Consult Doctor) – अगर फड़कन लगातार हफ्तों तक रहे।

आंख फड़कने से बचाव (Prevention of Eye Twitching)

  • पर्याप्त नींद लें।
  • संतुलित आहार लें, विशेषकर Magnesium और Vitamin B से भरपूर।
  • स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करें।
  • आंखों की नियमित जांच कराएं।
  • आंखों को बार-बार पानी से धोएं।

आंख फड़कने के घरेलू उपाय (Home Remedies for Eye Twitching)

  1. गर्म सिकाई (Warm Compress) – आंखों पर हल्की गर्म सिकाई करें।
  2. ठंडा पानी (Cold Water Wash) – आंखों को ठंडे पानी से धोएं।
  3. खीरे के टुकड़े (Cucumber Slices) – आंखों पर रखने से आराम मिलता है।
  4. हर्बल चाय (Herbal Tea Bags) – कैमोमाइल या ग्रीन टी बैग आंखों पर रखें।
  5. योग और प्राणायाम – मानसिक तनाव को कम करते हैं।

आंख फड़कने में सावधानियाँ (Precautions)

  • धूम्रपान और शराब से बचें।
  • आंखों को रगड़ें नहीं।
  • लंबे समय तक पढ़ाई या स्क्रीन पर काम करने पर बीच-बीच में ब्रेक लें।
  • आंखों में कोई संक्रमण या लगातार फड़कन हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

आंख फड़कने को कैसे पहचाने (How to Identify Eye Twitching)

  • बार-बार पलक का अनियंत्रित हिलना।
  • कुछ सेकंड या मिनटों तक फड़कन बने रहना।
  • नींद और आराम के बाद लक्षणों में कमी आना।
  • अगर यह लगातार कई दिनों या हफ्तों तक रहे तो यह सामान्य नहीं है और डॉक्टर की सलाह आवश्यक है।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: क्या आंख फड़कना हमेशा बुरी खबर का संकेत होता है?
उत्तर: नहीं, यह एक मिथक है। आंख फड़कना आमतौर पर तनाव, नींद की कमी या पोषण की कमी के कारण होता है।

प्रश्न 2: आंख फड़कना कब गंभीर हो सकता है?
उत्तर: जब यह कई हफ्तों तक लगातार हो, आंखों में सूजन, दर्द या दृष्टि संबंधी समस्या हो।

प्रश्न 3: क्या घरेलू उपाय से आंख फड़कना ठीक हो सकता है?
उत्तर: हां, आराम, गर्म सिकाई और संतुलित आहार से राहत मिलती है।

प्रश्न 4: क्या ज्यादा मोबाइल और कंप्यूटर इस्तेमाल करने से आंख फड़क सकती है?
उत्तर: हां, लंबे समय तक स्क्रीन देखने से आंखों पर दबाव बढ़ता है और फड़कन हो सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

आंख फड़कना (Eye Twitching / Myokymia) एक सामान्य और अक्सर हानिरहित समस्या है जो तनाव, नींद की कमी और स्क्रीन टाइम बढ़ने से होती है। हालांकि, यदि यह समस्या लगातार बनी रहती है तो इसे नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से परामर्श लें। संतुलित आहार, पर्याप्त नींद और आंखों की सही देखभाल से इस समस्या से बचा जा सकता है।


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