Khushveer Choudhary

Gallstones (Cholelithiasis): कारण, लक्षण, इलाज और बचाव

पित्त की पथरी (Gallstones), जिसे चिकित्सा भाषा में Cholelithiasis कहा जाता है, एक सामान्य पाचन संबंधी समस्या है। यह स्थिति तब होती है जब पित्ताशय (Gallbladder) में कठोर पत्थर जैसी संरचनाएँ बन जाती हैं। ये पथरी कोलेस्ट्रॉल, बिलीरुबिन और पित्त के लवण से बनती है। पित्ताशय का मुख्य कार्य भोजन को पचाने में मदद करने वाले पित्त (Bile) को संग्रहित करना है। जब इसमें असंतुलन पैदा होता है, तो पथरी बनने लगती है।








पित्त की पथरी क्या होती है? (What is Gallstones / Cholelithiasis)

पित्त की पथरी छोटे दानों से लेकर बड़े आकार तक हो सकती है। कुछ लोगों में एक ही पथरी होती है जबकि कई बार पित्ताशय में एक से अधिक पथरी पाई जाती हैं। यह समस्या तब गंभीर हो जाती है जब पथरी पित्त नलिका (Bile duct) को अवरुद्ध कर देती है।

पित्त की पथरी के कारण (Causes of Gallstones)

पित्त की पथरी बनने के प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:

  1. अधिक कोलेस्ट्रॉल (Excess Cholesterol) – पित्त में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने पर पथरी बनने लगती है।
  2. बिलीरुबिन की अधिकता (Excess Bilirubin) – लीवर संबंधी बीमारियों या रक्त विकारों के कारण बिलीरुबिन बढ़ सकता है।
  3. पित्ताशय का खाली न होना (Incomplete Gallbladder Emptying) – यदि पित्ताशय पूरी तरह से खाली नहीं होता, तो उसमें पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
  4. अनियमित खानपान (Irregular Diet) – तैलीय, मसालेदार और वसायुक्त भोजन का अत्यधिक सेवन।
  5. अनुवांशिक कारण (Genetic Factors) – परिवार में किसी को पित्त की पथरी होने पर जोखिम बढ़ जाता है।
  6. हार्मोनल परिवर्तन (Hormonal Changes) – गर्भावस्था या हार्मोनल दवाइयों के सेवन से।
  7. मोटापा और डायबिटीज (Obesity and Diabetes) – यह दोनों स्थितियाँ पथरी बनने की संभावना को बढ़ाती हैं।

पित्त की पथरी के लक्षण (Symptoms of Gallstones)

कई बार पित्त की पथरी के लक्षण नहीं दिखाई देते और यह जांच के दौरान पता चलता है। लेकिन जब पथरी पित्त नलिका को ब्लॉक करती है तो निम्न लक्षण प्रकट होते हैं:

  1. तेज दर्द (Severe Pain) – पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में अचानक तेज दर्द।
  2. मतली और उल्टी (Nausea and Vomiting)
  3. पेट फूलना (Bloating)
  4. पचने में दिक्कत (Indigestion)
  5. भूख कम लगना (Loss of Appetite)
  6. पीलिया (Jaundice) – पथरी के कारण पित्त नलिका बंद होने पर।
  7. बुखार और ठंड लगना (Fever and Chills) – अगर संक्रमण हो जाए तो।

पित्त की पथरी का इलाज (Treatment of Gallstones)

पित्त की पथरी के इलाज के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं:

  1. दवाइयाँ (Medicines) – छोटी पथरी के लिए कुछ दवाइयाँ दी जाती हैं जो धीरे-धीरे घोलने में मदद करती हैं, लेकिन यह हमेशा प्रभावी नहीं होतीं।
  2. सर्जरी (Surgery)
    1. लैप्रोस्कोपिक कोलेसिस्टेक्टॉमी (Laparoscopic Cholecystectomy) – इसमें छोटे चीरे के जरिए पित्ताशय को निकाल दिया जाता है।
    1. ओपन सर्जरी (Open Surgery) – बड़ी पथरी या जटिल मामलों में की जाती है।
  3. ERCP (Endoscopic Retrograde Cholangiopancreatography) – यदि पथरी पित्त नलिका में फंसी हो तो इसे एंडोस्कोपिक प्रक्रिया से निकाला जाता है।

पित्त की पथरी को कैसे रोके (Prevention of Gallstones)

  1. संतुलित आहार लें जिसमें फाइबर, हरी सब्जियाँ और फल अधिक हों।
  2. तैलीय, मसालेदार और वसायुक्त भोजन का सेवन कम करें।
  3. नियमित व्यायाम करें।
  4. वजन को नियंत्रित रखें।
  5. पर्याप्त मात्रा में पानी पिएँ।
  6. लंबे समय तक उपवास करने से बचें।

पित्त की पथरी के घरेलू उपाय (Home Remedies for Gallstones)

हालाँकि घरेलू उपाय पथरी को पूरी तरह से खत्म नहीं करते, लेकिन लक्षणों में राहत देने में सहायक हो सकते हैं:

  1. सेब का रस (Apple Juice) – पाचन में मददगार माना जाता है।
  2. नींबू का रस (Lemon Juice) – इसमें विटामिन C होता है जो पित्त संतुलन में मदद करता है।
  3. हल्दी (Turmeric) – इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
  4. ग्रीन टी (Green Tea) – पाचन को बेहतर करती है।
  5. फाइबर युक्त आहार (High Fiber Diet) – कब्ज और पथरी के जोखिम को कम करता है।

पित्त की पथरी में सावधानियाँ (Precautions in Gallstones)

  • डॉक्टर की सलाह के बिना किसी घरेलू नुस्खे का अधिक प्रयोग न करें।
  • अधिक देर तक दर्द होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।
  • अगर पीलिया या बुखार हो जाए तो लापरवाही न करें।
  • अत्यधिक वसायुक्त भोजन से बचें।

पित्त की पथरी की पहचान कैसे करें (Diagnosis of Gallstones)

पित्त की पथरी की पहचान के लिए निम्नलिखित जांचें की जाती हैं:

  1. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – सबसे सामान्य और प्रभावी जांच।
  2. CT स्कैन (CT Scan)
  3. MRI (Magnetic Resonance Imaging)
  4. एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड (Endoscopic Ultrasound)
  5. ब्लड टेस्ट (Blood Test) – लीवर फंक्शन और संक्रमण की जांच के लिए।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: क्या पित्त की पथरी बिना सर्जरी के ठीक हो सकती है?
उत्तर: बहुत छोटी पथरी दवाइयों या घरेलू उपायों से कुछ हद तक घुल सकती है, लेकिन अधिकतर मामलों में सर्जरी ही स्थायी इलाज है।

प्रश्न 2: क्या पित्ताशय निकालने के बाद जीवन सामान्य रह सकता है?
उत्तर: हाँ, पित्ताशय निकालने के बाद भी व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है। शरीर बिना पित्ताशय के भी पाचन प्रक्रिया को संभाल सकता है।

प्रश्न 3: क्या पित्त की पथरी दोबारा हो सकती है?
उत्तर: यदि पित्ताशय को हटा दिया जाए तो दोबारा पथरी नहीं बनती, लेकिन यदि केवल पथरी हटाई गई है तो दोबारा बनने की संभावना रहती है।

प्रश्न 4: पित्त की पथरी किन लोगों में अधिक होती है?
उत्तर: मोटे लोग, गर्भवती महिलाएँ, 40 वर्ष से ऊपर के लोग और जिनके परिवार में पहले से यह समस्या रही हो, उनमें जोखिम अधिक होता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

पित्त की पथरी (Gallstones / Cholelithiasis) एक सामान्य लेकिन कभी-कभी गंभीर समस्या बन सकती है। यदि समय पर इसका पता लगाया जाए और उचित इलाज कराया जाए, तो इससे आसानी से बचा जा सकता है। संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली और नियमित जांच से पित्त की पथरी के जोखिम को काफी हद तक कम किया जा सकता है।


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