Khushveer Choudhary

Graft Thrombosis – कारण, लक्षण, इलाज, रोकथाम और घरेलू उपाय

Graft Thrombosis (ग्राफ्ट थ्रोम्बोसिस) एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है जिसमें शरीर में लगाए गए ग्राफ्ट (Graft) में खून का थक्का (Blood Clot) बन जाता है। ग्राफ्ट आमतौर पर शल्य चिकित्सा (Surgery) या वास्कुलर रिप्लेसमेंट (Vascular Replacement) के दौरान लगाया जाता है, जैसे हृदय (Heart), गुर्दा (Kidney), या पैरों की धमनियों (Peripheral Arteries) में।

थक्का बनने से रक्त प्रवाह (Blood Flow) बाधित हो जाता है, जिससे अंगों को पर्याप्त रक्त नहीं मिलता और गंभीर जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

Graft Thrombosis के कारण (Causes of Graft Thrombosis)

  1. असमान रक्त प्रवाह (Abnormal Blood Flow) – ग्राफ्ट के माध्यम से रक्त का प्रवाह सही नहीं होने पर थक्का बन सकता है।
  2. रक्त में अधिक थक्के बनने की प्रवृत्ति (Hypercoagulable State) – थ्रोम्बोफिलिया (Thrombophilia), मधुमेह (Diabetes), उच्च कोलेस्ट्रॉल (High Cholesterol) जैसी स्थितियाँ।
  3. ग्राफ्ट का ठीक से फिट न होना (Improper Graft Placement)
  4. सर्जरी के बाद संक्रमण (Post-Surgical Infection)
  5. धूम्रपान और उच्च रक्तचाप (Smoking & Hypertension)

Graft Thrombosis के लक्षण (Symptoms of Graft Thrombosis)

  • अचानक होने वाला दर्द (Sudden Pain) उस अंग में जहाँ ग्राफ्ट है।
  • ग्राफ्ट के पास सूजन या लालिमा (Swelling & Redness)
  • प्रभावित अंग में ठंडापन या सुन्नपन (Coldness or Numbness)
  • अंग में रक्त प्रवाह कम होना (Reduced Blood Flow), जिससे रंग फीका या नीला दिख सकता है।
  • गंभीर मामलों में अंग का क्षरण (Tissue Damage) और अंग की कार्यक्षमता का नुकसान।

Graft Thrombosis कैसे पहचाने (Diagnosis of Graft Thrombosis)

  • डॉपलर अल्ट्रासाउंड (Doppler Ultrasound) – रक्त प्रवाह की जाँच के लिए।
  • CT Angiography / MRI Angiography – ग्राफ्ट में ब्लॉकेज का पता लगाने के लिए।
  • रक्त परीक्षण (Blood Tests) – थक्के बनने की प्रवृत्ति और संक्रमण की जाँच।
  • क्लिनिकल एग्जामिनेशन (Clinical Examination) – दर्द, सूजन, त्वचा रंग परिवर्तन।

Graft Thrombosis इलाज (Treatment of Graft Thrombosis)

  1. थ्रोम्बोलिटिक थेरेपी (Thrombolytic Therapy) – खून का थक्का घोलने वाली दवाएँ।
  2. एंटिकोआगुलेंट थेरेपी (Anticoagulant Therapy) – खून पतला करने वाली दवाएँ जैसे हिपारिन (Heparin), वारफारिन (Warfarin)।
  3. सर्जिकल इंटरवेंशन (Surgical Intervention) – यदि दवाओं से फायदा न हो तो ग्राफ्ट को बदलना या ब्लॉकेज को हटाना।
  4. कैथेटर बेस्ड प्रोसीजर (Catheter-Based Procedure) – थ्रॉम्बेक्टॉमी (Thrombectomy) या एंजियोप्लास्टी (Angioplasty)।

Graft Thrombosis कैसे रोके (Prevention of Graft Thrombosis)

  • नियमित रक्त परीक्षण और मेडिकल चेकअप
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए एंटिकोआगुलेंट दवाओं का पालन
  • धूम्रपान और शराब से बचें।
  • स्वस्थ जीवनशैली (Healthy Lifestyle) – संतुलित आहार, नियमित व्यायाम।
  • रक्तचाप और मधुमेह का नियंत्रण।

घरेलू उपाय (Home Remedies / Lifestyle Support)

  • हाइड्रेशन बढ़ाएँ (Increase Hydration) – पर्याप्त पानी पीना।
  • हल्का व्यायाम (Light Exercise) – रक्त संचार सुधारने के लिए।
  • ओमेगा-3 फेटी एसिड (Omega-3 Fatty Acids) – मछली, अखरोट।
  • संतुलित आहार (Balanced Diet) – ताजे फल, सब्ज़ियाँ, साबुत अनाज।

ध्यान: घरेलू उपाय केवल सहायक हैं; थक्का बनने की स्थिति में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।

सावधानियाँ (Precautions)

  • अगर ग्राफ्ट वाले अंग में अचानक दर्द या रंग बदलना लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  • एंटिकोआगुलेंट दवाएँ बिना डॉक्टर की सलाह के न लें।
  • इन्फेक्शन से बचाव – घाव को साफ रखें।
  • नियमित फॉलो-अप आवश्यक।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

Q1. क्या Graft Thrombosis जीवन के लिए खतरा है?
A1. हाँ, यदि समय पर इलाज न हो तो अंग की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है और गंभीर मामलों में जीवन के लिए खतरा भी बन सकता है।

Q2. कितने समय में लक्षण दिखाई देते हैं?
A2. यह तुरंत या कुछ दिनों के भीतर दिखाई दे सकते हैं, यह ग्राफ्ट और व्यक्ति की स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर करता है।

Q3. क्या थक्का बनने पर हमेशा सर्जरी करनी पड़ती है?
A3. नहीं, छोटी ब्लॉकेज को दवाओं से भी ठीक किया जा सकता है, लेकिन गंभीर स्थिति में सर्जरी आवश्यक हो सकती है।

Q4. क्या Graft Thrombosis से बचा जा सकता है?
A4. हाँ, नियमित चेकअप, दवाओं का पालन और स्वस्थ जीवनशैली इसे काफी हद तक रोक सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion)

Graft Thrombosis (ग्राफ्ट थ्रोम्बोसिस) एक गंभीर स्थिति है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। समय पर पहचान और इलाज, जैसे एंटिकोआगुलेंट थेरेपी या सर्जरी, जीवन और अंग की सुरक्षा के लिए आवश्यक हैं। स्वस्थ जीवनशैली, नियमित मेडिकल चेकअप और सावधानी बरतकर इस स्थिति को काफी हद तक रोका जा सकता है।


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