Khushveer Choudhary

Infantile Neuroaxonal Dystrophy शिशु न्यूरोएक्सोनल डिस्ट्रॉफी: कारण, लक्षण, इलाज और रोकथाम

Infantile Neuroaxonal Dystrophy (INAD) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल रोग है, जो बच्चों में जल्दी विकसित होता है। यह स्थिति Axonal degeneration और Neuroaxonal spheroid formation के कारण होती है, जिससे बच्चे के तंत्रिका तंत्र की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। यह आमतौर पर 6 महीने से 3 साल के बीच दिखाई देती है।

अंग्रेज़ी में नाम: Infantile Neuroaxonal Dystrophy (INAD)
हिंदी में नाम: शिशु न्यूरोएक्सोनल डिस्ट्रॉफी

Infantile Neuroaxonal Dystrophy क्या होता है (What is INAD)

INAD में बच्चे के तंत्रिका तंत्र की Axons (तंत्रिका तंतु) धीरे-धीरे क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इसके कारण शारीरिक और मानसिक विकास में देरी होती है। रोग प्रगतिशील होता है, यानी समय के साथ लक्षण बढ़ते हैं।

Infantile Neuroaxonal Dystrophy कारण (Causes of INAD)

INAD मुख्य रूप से GENETIC MUTATION (जीन संबंधी दोष) के कारण होती है।

  • PLA2G6 जीन म्यूटेशन: यह जीन माइटोकॉन्ड्रियल कार्य और न्यूरॉन्स के संरक्षण में भूमिका निभाता है।
  • Autosomal Recessive Inheritance (स्वत:पुनरावर्ती वंशानुगत): माता-पिता दोनों से म्यूटेशन मिलने पर बच्चा प्रभावित हो सकता है।

अन्य संभावित कारण:

  • न्यूरॉन्स में फैट का असामान्य संचय
  • न्यूरॉन्स की सूजन और degeneration

Infantile Neuroaxonal Dystrophy लक्षण (Symptoms of INAD)

INAD के लक्षण आमतौर पर जन्म के पहले कुछ महीनों में नहीं दिखते। लेकिन 6 महीने से 2 साल तक निम्न लक्षण दिखाई दे सकते हैं:

  1. स्नायु कमजोरी (Muscle Weakness)
  2. संतुलन की कमी (Poor Balance / Ataxia)
  3. मोटर स्किल्स में देरी (Delayed Motor Skills)
  4. दृष्टि संबंधी समस्या (Vision Problems) – जैसे रेटिना की degeneration
  5. स्मृति और संज्ञान में कमी (Cognitive Decline)
  6. भौंहों और चेहरे की मांसपेशियों में कठोरता (Facial Muscle Rigidity)
  7. दस्त या मूत्र संबंधी समस्याएँ (Bowel/Bladder Issues)

Infantile Neuroaxonal Dystrophy कैसे पहचाने (How to Diagnose INAD)

INAD का निदान चिकित्सक द्वारा निम्न तरीकों से किया जाता है:

  • Clinical Examination (नैदानिक परीक्षण)
  • MRI / CT Scan – तंत्रिका तंतु और मस्तिष्क संरचना की जांच
  • Genetic Testing (जीन परीक्षण) – PLA2G6 म्यूटेशन की पुष्टि
  • Electromyography (EMG) – स्नायु और तंत्रिका कार्य का मूल्यांकन

Infantile Neuroaxonal Dystrophy इलाज (Treatment of INAD)

वर्तमान में INAD का कोई स्थायी इलाज नहीं है। इलाज मुख्यतः लक्षणों को नियंत्रित करने और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किया जाता है।

  1. फिज़ियोथेरेपी (Physiotherapy) – मांसपेशियों की मजबूती और संतुलन बनाए रखना
  2. Occupational Therapy (व्यावसायिक थेरेपी) – रोजमर्रा के कार्यों में सहायता
  3. Medications (दवाइयाँ) – मांसपेशियों की कठोरता और अन्य लक्षण कम करने के लिए
  4. Vision Support (दृष्टि सहायता) – दृष्टि की समस्या के लिए उपकरण या थेरेपी

Infantile Neuroaxonal Dystrophy कैसे रोके (Prevention of INAD)

  • यदि परिवार में इतिहास हो, तो Genetic Counseling (जीन परामर्श) लें।
  • Carrier Screening से पता करें कि माता-पिता INAD के लिए कैरियर हैं या नहीं।
  • स्वस्थ गर्भावस्था और प्रसव देखभाल।

घरेलू उपाय (Home Care / Remedies)

  • नियमित फिज़ियोथेरेपी एक्सरसाइज घर पर कराना
  • पोषण युक्त आहार – मांसपेशियों और स्नायु स्वास्थ्य के लिए
  • मानसिक स्वास्थ्य समर्थन – बच्चे को प्यार और ध्यान देना
  • सुरक्षित वातावरण – गिरने और चोट से बचाने के लिए

सावधानियाँ (Precautions)

  • बच्चे को अकेला न छोड़ें, गिरने का खतरा
  • संक्रमण और बीमारियों से सुरक्षा
  • दवा और थेरेपी समय पर लें
  • डॉक्टर की नियमित जांच

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. क्या INAD का इलाज संभव है?
फिलहाल स्थायी इलाज नहीं है। लक्षणों को नियंत्रित करके जीवन की गुणवत्ता बढ़ाई जा सकती है।

2. INAD कितनी जल्दी प्रकट होती है?
अधिकतर लक्षण 6 महीने से 2 साल के बीच दिखाई देते हैं।

3. क्या INAD वंशानुगत है?
हाँ, यह Autosomal Recessive पैटर्न में वंशानुगत होता है।

4. बच्चे की सामान्य गतिविधियों पर INAD का क्या असर होता है?
बच्चा चलने, बोलने और खेल-कूद में देरी दिखा सकता है।

5. क्या फिज़ियोथेरेपी मदद कर सकती है?
हाँ, फिज़ियोथेरेपी मांसपेशियों और संतुलन को बनाए रखने में मदद करती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Infantile Neuroaxonal Dystrophy एक दुर्लभ और प्रगतिशील न्यूरोलॉजिकल रोग है। सही निदान, लक्षण नियंत्रण, फिज़ियोथेरेपी और जीन परामर्श के माध्यम से बच्चे की जीवन गुणवत्ता बेहतर की जा सकती है। परिवार का सहयोग, सुरक्षित परिवेश और नियमित चिकित्सा निगरानी अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।


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