Khushveer Choudhary

Jaundice in Newborn कारण, लक्षण, इलाज, घरेलू उपाय और सावधानियाँ

नवजात शिशु में पीलिया या Jaundice in Newborn एक बहुत आम समस्या है, जो लगभग हर दूसरे बच्चे में जन्म के बाद दिखाई देती है। इस स्थिति में बच्चे की त्वचा (skin), आंखों का सफेद भाग (white part of eyes) और कभी-कभी जीभ या शरीर पीले रंग के दिखाई देने लगते हैं।

यह स्थिति इसलिए होती है क्योंकि बच्चे के खून में बिलिरुबिन (Bilirubin) नामक पीले रंग का पिगमेंट बढ़ जाता है। सामान्यतः शरीर बिलिरुबिन को यकृत (Liver) के माध्यम से बाहर निकाल देता है, लेकिन नवजात शिशु का यकृत (Liver) पूरी तरह विकसित नहीं होता, इसलिए यह प्रक्रिया धीमी होती है।

नवजात शिशु में पीलिया क्या होता है  (What is Jaundice in Newborn)

पीलिया (Jaundice) एक ऐसी स्थिति है जिसमें बच्चे के खून में बिलिरुबिन का स्तर सामान्य सीमा (सामान्यतः 5 mg/dL से कम) से अधिक बढ़ जाता है।
यह बढ़ा हुआ बिलिरुबिन त्वचा और आंखों को पीला कर देता है।
यदि यह स्तर बहुत अधिक बढ़ जाए, तो यह मस्तिष्क (brain) को भी नुकसान पहुँचा सकता है। इसलिए इसका समय पर इलाज आवश्यक है।

नवजात शिशु में पीलिया के कारण (Causes of Jaundice in Newborn)

नवजात शिशुओं में पीलिया होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रमुख हैं —

  1. फिजियोलॉजिकल पीलिया (Physiological Jaundice) – यह सामान्य पीलिया होता है, जो जन्म के 2–3 दिन बाद दिखाई देता है और 10–14 दिनों में अपने आप ठीक हो जाता है।
  2. स्तनपान से संबंधित पीलिया (Breastfeeding Jaundice) – अगर बच्चा पर्याप्त दूध नहीं पी रहा है, तो बिलिरुबिन शरीर से बाहर नहीं निकल पाता।
  3. ब्लड ग्रुप असंगति (Blood Group Incompatibility) – यदि माँ और बच्चे के रक्त समूह में असमानता हो (जैसे Rh incompatibility), तो बच्चे में पीलिया हो सकता है।
  4. असमय जन्म (Premature Birth) – समय से पहले जन्मे बच्चों में यकृत पूरी तरह विकसित नहीं होता, जिससे बिलिरुबिन का स्तर बढ़ सकता है।
  5. संक्रमण (Infection) – किसी भी संक्रमण से भी पीलिया का खतरा बढ़ सकता है।

नवजात शिशु में पीलिया के लक्षण (Symptoms of Jaundice in Newborn)

  1. त्वचा का पीला होना (Yellowing of skin) – सबसे पहले चेहरे पर और फिर पूरे शरीर पर दिखाई देता है।
  2. आंखों का सफेद भाग पीला होना (Yellow eyes)
  3. सुस्ती या थकान (Lethargy) – बच्चा बहुत सोता रहता है या दूध नहीं पीता।
  4. दूध पीने में कमी (Poor feeding)
  5. गहरे रंग का पेशाब (Dark urine)
  6. हल्के रंग का मल (Pale stool)

कैसे पहचाने कि बच्चे को पीलिया है (How to Identify Jaundice in Newborn)

  • बच्चे की त्वचा को हल्का दबाकर देखें। यदि दबाने पर त्वचा का रंग पीला दिखे, तो यह पीलिया का संकेत हो सकता है।
  • डॉक्टर बच्चे के खून की जांच करके बिलिरुबिन लेवल (Bilirubin Level) की पुष्टि करते हैं।
  • यदि स्तर अधिक है (आमतौर पर 15 mg/dL से ऊपर), तो तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।

नवजात शिशु में पीलिया का इलाज (Treatment of Jaundice in Newborn)

  1. फोटोथेरेपी (Phototherapy) – बच्चे को विशेष नीली रोशनी (blue light) के नीचे रखा जाता है, जिससे बिलिरुबिन टूटकर शरीर से बाहर निकलता है।
  2. अच्छा स्तनपान (Adequate Breastfeeding) – बच्चे को हर 2–3 घंटे में दूध पिलाना जरूरी है।
  3. ब्लड ट्रांसफ्यूजन (Exchange transfusion) – गंभीर स्थिति में रक्त बदलने की प्रक्रिया की जाती है।
  4. धूप में रखना (Sunlight Exposure) – हल्के पीलिया में बच्चे को हल्की सुबह की धूप में 10–15 मिनट तक रखा जा सकता है (डॉक्टर की सलाह के अनुसार)।

घरेलू उपाय (Home Remedies for Jaundice in Newborn)

ध्यान दें: घरेलू उपाय केवल हल्के पीलिया में और डॉक्टर की सलाह से ही अपनाएं।

  1. धूप में रखना (Sunlight Therapy) – सुबह की हल्की धूप में बच्चे को रखें ताकि प्राकृतिक प्रकाश बिलिरुबिन को तोड़ने में मदद करे।
  2. स्तनपान बढ़ाएं (Increase Breastfeeding) – बार-बार दूध पिलाने से शरीर से बिलिरुबिन बाहर निकलता है।
  3. साफ-सफाई बनाए रखें (Maintain Hygiene) – संक्रमण से बचने के लिए बच्चे और माँ दोनों की स्वच्छता आवश्यक है।

नवजात शिशु में पीलिया कैसे रोके  (Prevention of Jaundice in Newborn)

  1. जन्म के बाद बच्चे की नियमित जांच करवाएं।
  2. पहले छह महीनों तक केवल स्तनपान कराएं।
  3. गर्भावस्था के दौरान माँ की ब्लड ग्रुप और Rh फैक्टर की जांच अवश्य कराएं।
  4. समय से पहले जन्म से बचने के लिए डॉक्टर की सलाह अनुसार प्रसव की देखभाल करें।
  5. बच्चे में किसी भी असामान्यता (जैसे पीली आंखें, सुस्ती) दिखे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

सावधानियाँ (Precautions)

  • बच्चे को तेज धूप में न रखें, केवल सुबह की हल्की धूप में।
  • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न दें।
  • यदि बच्चा दूध नहीं पी रहा, उल्टी कर रहा है, या बहुत सुस्त है — तो तुरंत अस्पताल जाएं।
  • डॉक्टर द्वारा बताई गई फोटोथेरेपी या अन्य उपचार को बीच में न रोकें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न 1: नवजात शिशु में पीलिया कब तक रहता है?
उत्तर: सामान्यतः 10–14 दिनों में पीलिया अपने आप ठीक हो जाता है। समय से पहले जन्मे बच्चों में यह थोड़ा अधिक समय तक रह सकता है।

प्रश्न 2: क्या पीलिया खतरनाक होता है?
उत्तर: हल्का पीलिया सामान्य है, लेकिन अगर बिलिरुबिन बहुत बढ़ जाए तो यह बच्चे के मस्तिष्क को नुकसान पहुँचा सकता है, इसलिए समय पर इलाज जरूरी है।

प्रश्न 3: क्या धूप में रखने से पीलिया ठीक हो सकता है?
उत्तर: हल्के मामलों में सुबह की धूप मदद करती है, पर गंभीर मामलों में फोटोथेरेपी (Phototherapy) जरूरी होती है।

प्रश्न 4: क्या पीलिया से बच्चे का रंग हमेशा के लिए पीला रह जाता है?
उत्तर: नहीं, इलाज के बाद बच्चे का रंग सामान्य हो जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

नवजात शिशु में पीलिया (Jaundice in Newborn) एक सामान्य लेकिन सावधानीपूर्वक निगरानी की जाने वाली स्थिति है।
यदि समय रहते इसका पता लगाकर इलाज किया जाए तो यह पूरी तरह से ठीक हो सकता है।
माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चे की त्वचा, आंखों और व्यवहार में किसी भी परिवर्तन पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
संतुलित आहार, पर्याप्त स्तनपान और साफ-सफाई इस समस्या से बचाव के मुख्य उपाय हैं।


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