Khushveer Choudhary

Jaundice – कारण, लक्षण, उपचार और सावधानियाँ

पीलिया (Jaundice) एक चिकित्सीय स्थिति है जिसमें शरीर की त्वचा और आँखों का सफेद भाग (Sclera) पीला हो जाता है। यह तब होता है जब शरीर में बिलिरुबिन (Bilirubin) नामक पिगमेंट की मात्रा बढ़ जाती है। बिलिरुबिन एक पिगमेंट है जो लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) के टूटने से बनता है। पीलिया सिर्फ लिवर (Liver) या पित्ताशय (Gallbladder) की समस्या का संकेत नहीं है, बल्कि यह कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं की ओर भी इशारा कर सकता है।

पीलिया क्या होता है? (What is Jaundice?)

पीलिया तब होता है जब शरीर में बिलिरुबिन का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाता है। बिलिरुबिन एक पिगमेंट है जो लाल रक्त कोशिकाओं के टूटने पर बनता है और लिवर इसे शरीर से बाहर निकालता है। यदि लिवर ठीक से काम नहीं कर रहा है या पित्त नली में अवरोध है, तो बिलिरुबिन जमा हो जाता है और त्वचा और आँखों में पीला रंग दिखने लगता है।

पीलिया के कारण (Causes of Jaundice)

  1. हेपेटाइटिस (Hepatitis) – यह लिवर में सूजन का कारण बनता है।
  2. गिल्बर्ट सिंड्रोम (Gilbert Syndrome) – यह एक जीन संबंधी समस्या है जिसमें लिवर बिलिरुबिन को सही तरीके से नहीं निकाल पाता।
  3. पित्त की पथरी (Gallstones) – पित्त नली को ब्लॉक कर सकती हैं।
  4. लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis) – लिवर की दीर्घकालीन क्षति।
  5. मलेरिया (Malaria) और डेंगू (Dengue) – कुछ संक्रमण भी पीलिया का कारण बन सकते हैं।
  6. दवा और टॉक्सिन (Drugs and Toxins) – कुछ दवाओं या विषैले पदार्थों से लिवर प्रभावित हो सकता है।

पीलिया के लक्षण (Symptoms of Jaundice)

  • त्वचा और आँखों का पीला होना
  • मूत्र का गहरा पीला या भूरा होना
  • मल का रंग फीका या गंदा होना
  • थकान और कमजोरी
  • भूख में कमी
  • कभी-कभी बुखार और उल्टी

पीलिया का इलाज (Treatment of Jaundice)

  1. मेडिकल ट्रीटमेंट (Medical Treatment) – कारण के अनुसार दवा और एंटीवायरल या एंटीबायोटिक थेरेपी।
  2. सर्जरी (Surgery) – अगर पित्त की पथरी या ब्लॉकेज हो तो।
  3. हॉस्पिटलाइजेशन (Hospitalization) – गंभीर मामलों में लिवर सपोर्ट और इंट्रावेनस फ्लूइड थेरेपी।
  4. लिवर ट्रांसप्लांट (Liver Transplant) – बहुत गंभीर और क्रॉनिक लिवर रोगों में।

पीलिया कैसे रोके (Prevention of Jaundice)

  • स्वच्छता का ध्यान रखें और संक्रमित पानी से बचें।
  • हेपेटाइटिस के टीके लगवाएँ।
  • शराब का सेवन सीमित करें।
  • संतुलित आहार लें और फास्ट फूड कम करें।
  • अनहाइजीनिक भोजन और पानी से बचें।

घरेलू उपाय (Home Remedies for Jaundice)

  • नींबू पानी (Lemon water) – लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है।
  • हल्दी दूध (Turmeric milk) – लिवर की कार्यक्षमता बढ़ाता है।
  • नारियल पानी (Coconut water) – शरीर में हाइड्रेशन बनाए रखता है।
  • हरी पत्तेदार सब्जियाँ – पाचन और लिवर को स्वस्थ रखती हैं।
  • आंवला और नींबू का सेवन – विटामिन C से लिवर की सुरक्षा।

पीलिया के लिए सावधानियाँ (Precautions for Jaundice)

  • जाँच के बिना दवा न लें।
  • शराब और धूम्रपान से बचें।
  • अधिक तला और मसालेदार भोजन से परहेज़ करें।
  • पर्याप्त आराम और नींद लें।
  • डॉक्टर द्वारा बताए गए सभी टेस्ट नियमित कराएँ।

पीलिया कैसे पहचाने (How to Identify Jaundice)

  • आँखों की सफेदी पीली हो रही हो।
  • त्वचा हल्की से लेकर गहरे पीले रंग में बदल रही हो।
  • मूत्र का रंग गहरा पीला हो और मल का रंग फीका या सफ़ेद।
  • लगातार थकान और कमजोरी।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

Q1. पीलिया संक्रामक है या नहीं?
A1. यह निर्भर करता है कारण पर। हेपेटाइटिस A और E संक्रामक हैं, जबकि अन्य प्रकार नहीं।

Q2. पीलिया का घरेलू उपचार कितना असर करता है?
A2. हल्के मामलों में मदद कर सकता है, लेकिन गंभीर स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूरी है।

Q3. क्या पीलिया का इलाज पूरा होता है?
A3. हां, अगर कारण सही तरीके से पता चल जाए और समय पर इलाज किया जाए।

Q4. बच्चों और बुजुर्गों में पीलिया अलग तरीके से दिखता है?
A4. हाँ, बच्चों में अक्सर त्वचा और आँखों का रंग जल्दी पीला हो जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

पीलिया (Jaundice) लिवर और पित्त से संबंधित गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है। शुरुआती लक्षणों को पहचानकर समय पर इलाज और सावधानी बरतना बेहद जरूरी है। संतुलित आहार, स्वच्छता, और नियमित स्वास्थ्य जांच से पीलिया से बचाव संभव है।

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