Jejunoileal Bypass (JIB) एक प्राचीन प्रकार की बारीअट्रिक (मोटापा कम करने की) सर्जरी थी, जिसमें छोटी आंत (small intestine) के बहुत बड़े हिस्से को भोजन के प्रवाह से हटा दिया जाता था ताकि भोजन-पोषण का अवशोषण कम हो जाए और वजन तेजी से कम हो सके।
इस सर्जरी को मुख्यतः 1960-70 के दशक में इस्तेमाल किया गया था, लेकिन बाद में इसके अत्यधिक जटिलताओं (complications) के कारण इसे लगभग बंद कर दिया गया।
आज भी ऐसे मरीज मिल सकते हैं जिन्होंने अतीत में यह सर्जरी करवाई थी और उन्हें इसके देर-देर तक आने वाले प्रभावों (late consequences) का सामना करना पड़ रहा है।
Jejunoileal Bypass क्या होता है (What it involves)
इस प्रक्रिया में आमतौर पर ऐसा किया जाता था कि छोटी आंत (jejunum) को लीगामेंट ऑफ़ ट्राइट्ज़ (Ligament of Treitz) के पास से काटकर उसे ileum (छोटी आंत का अंतिम भाग) के बहुत नीचे के भाग से जोड़ दिया जाता था। इस तरह बड़ी मात्रा में छोटी आंत भोजन के प्रवाह से बाहर हो जाती थी (bypassed) और अवशोषण – absorption बहुत कम हो जाती थी।
उदाहरण के लिए, मरीज के शरीर में सिर्फ 30—45 सेमी आंत अवशोषण-क्षेत्र के रूप में बचा होता था, जबकि सामान्य छोटी आंत लगभग 6-7 मीटर होती है।
इस प्रकार वज़न कम होना संभव था, लेकिन भारी मात्रा में अवशोषण की कमी, विटामिन-खनिज की कमी, जटिलताएँ बहुत अधिक थीं।
Jejunoileal Bypass कारण (Why and when it was done)
- मुख्य कारण: बेहद मोटापे (morbid obesity) का इलाज करना। जब अन्य उपाय (डाइट, व्यायाम, व्यवहार) काम नहीं कर रहे थे, तब यह सर्जरी एक विकल्प के रूप में पेश की गई थी।
- उस समय यह माना गया था कि “कम अवशोषण = कम कैलोरी अवशोषण = वजन में गिरावट” होगा।
- आज के संदर्भ में यह प्रक्रिया उपयोग में नहीं है, क्योंकि इसके जोखिम बहुत अधिक पाए गए।
Jejunoileal Bypass लक्षण (Symptoms of complications)
यहाँ उन लक्षणों का विवरण है, जो JIB के बाद आने वाली जटिलताओं (complications) का संकेत हो सकते हैं:
प्रमुख लक्षण
- क्रॉनिक डायरिया (Chronic diarrhoea) — लगातार या पलायन आवृत्ति वाला लूज़ मोशन होना।
- मल में वसायुक्त मल (Steatorrhea) — भोजन के बाद मल में ज्यादा वसा होना, तेल जैसा मल आना।
- थकान, कमजोरी, भूख में कमी — अवशोषण की कमी के कारण।
- पाँव-हाथ में सूजन, जोड़ों में दर्द (Arthralgia/arthritis-type symptoms) — कभी-कभी “बायपास आर्थराइटिस” जैसा।
- मल्टीपल किडनी स्टोन्स / मूत्र में ऑक्सलेट (Oxalate nephrolithiasis/renal disease) — खासकर जटिल रहने वालों में।
- लीवर बीमारी (Liver disease), यकृत वायुप्रसारण (steatosis), सिरोसिस (cirrhosis) — देर-देर बाद भी हो सकती है।
- विटामिन और मिनरल की कमी (Vitamin A, D, E, K, B12, फोलेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम etc.) — मल अवशोषण कम होने के कारण।
- भूख घटना, वजन पुनः बढ़ना, पोषणशून्यता (malnutrition) — दीर्घ-कालीन परिणाम।
Jejunoileal Bypass कैसे पहचाने (How to identify)
- यदि किसी ने पहले JIB करवाई थी और अब उपरोक्त लक्षणों में से एक या अधिक अनुभव कर रहे हों, तो यह जटिलता का संकेत हो सकता है।
- नियमित स्वास्थ्य-जांच: किडनी फंक्शन (Creatinine, eGFR), लिवर फंक्शन टेस्ट (LFTs), विटामिन/मिनरल स्तर, मूत्र में ऑक्सलेट, मल में वसा आदि।
- यदि अचानक नए लक्षण आए हों: जैसे तेज लूज़ मोशन, जोड़ों में दर्द, किडनी स्टोन्स, अचानक लीवर क्रैश – तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें।
कारण या जोखिम-कारक (Causes/Risk factors)
- इस सर्जरी के मूल तंत्र (mechanism) की वजह से बड़ी मात्रा में छोटी आंत अप्रयुक्त रह जाती थी और वहाँ बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (bacterial overgrowth) हो जाती थी। इस वजह से मल से विटामिन-खानिज का अवशोषण कम हो जाता था।
- ऑक्सलेट का अधिक अवशोषण: छोटी आंत के बाहर रहने वाले हिस्से में वसा अवशोषित नहीं होती → वसा आंत में बरकरार रहती है → कैल्शियम वसा से बंधने की जगह ऑक्सलेट से बंधने लगता है → मूत्र में ऑक्सलेट बढ़ जाता है → किडनी स्टोन्स/नेफ्रोपैथी का खतरा।
- लिवर पर असर: बैक्टीरियल ओवरग्रोथ, पोषण-शून्यता, वसा प्रवाह (steatosis) आदि कारण बन सकते हैं।
- पोषण और विटामिन-मिनरल की कमी: वसा-घुलनशील विटामिन (A, D, E, K) का अवशोषण प्रभावित होता है।
- लंबे समय तक अनदेखी रहने से जटिलताएँ बढ़ जाती हैं। अध्ययन में 15 वर्ष बाद भी 37 % मरीजों में किडनी रोग पाया गया।
Jejunoileal Bypass इलाज (Treatment)
- सबसे पहले: जाँच-परख करना जरूरी है — किडनी, लिवर, विटामिन/मिनरल स्थिति।
- यदि जटिलता बहुत बढ़ गई हो, तो सर्जरी द्वारा bypass को रिवर्स (reversal) करने पर विचार किया जाता है। वास्तव में कई मामलों में JIB को पलटाना (restore intestinal continuity) व सुझावित है।
- पोषण सम्बन्धी प्रबंधन: वसा-घुलनशील विटामिन्स (A, D, E, K) तथा माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की पूर्ति, कैल्शियम-मैग्नीशियम सप्लीमेंटेशन, प्रोटीन पर्याप्त मात्रा में देना।
- डायटरी मॉडिफिकेशन: ऑक्सलेट युक्त आहार (जैसे पालक, चुकंदर, चॉकलेट, चाय/कॉफी) कम करना; पर्याप्त कैल्शियम लेना ताकि आंत में ऑक्सलेट कैल्शियम से बंध सके और किडनी में न जाए।
- किडनी स्टोन्स या ऑक्सलेट नेफ्रॉपैथी में विशेष रूप से नेफ्रोलॉजिस्ट द्वारा देखरेख।
- लिवर रोग में हेपेटोलॉजिस्ट द्वारा प्रबंधन।
- लंबे समय तक फॉलो-अप: ऐसे मरीजों को जीवन-पर्यंत निगरानी में रहना चाहिए।
Jejunoileal Bypass कैसे रोके (Prevention)
- यदि आपने पहले JIB करवाई है, तो नियमित रूप से जांच कराना बहुत अहम है — लिवर-फंक्शन, किडनी-फंक्शन, विटामिन/मिनरल स्तर।
- संतुलित आहार लें जिसमें पर्याप्त प्रोटीन हो, विटामिन-मिनरल का ध्यान हो।
- ऑक्सलेट-युक्त आहार से संयम: जैसे पालक, चुकंदर, चॉकलेट, चाय/कॉफी टहनी आदि।
- कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा लें (आहार या सप्लीमेंट के माध्यम से) ताकि आंत में ऑक्सलेट से कैल्शियम बंध सके।
- वसा-समृद्ध भोजन (very high fat) से बचें क्योंकि वसा अवशोषण कम होने पर आंत में वसा बनी रहती है, और ऑक्सलेट अवशोषण बढ़ सकता है।
- किसी भी नए लक्षण (जैसे लगातार डायरिया, जोड़ों में दर्द, थकान, किडनी स्टोन…) पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- यदि संभव हो, आधुनिक मोटापा कम करने की सर्जरी विकल्पों (restrictive + less malabsorptive) पर विचार करें — हालांकि यह मूल JIB का रोकथाम नहीं है क्योंकि वह पुरानी प्रक्रिया है।
घरेलू उपाय (Home Remedies)
घरेलू उपाय कभी भी पूर्ण इलाज नहीं हो सकते — यह मुख्यतः चिकित्सा-परामर्श के साथ समर्थन के लिए हैं:
- आहार संयम: ऑक्सलेट युक्त खाद्यों में कटौती करें, उदाहरण के लिए चुकंदर, पालक, बीट्स, चॉकलेट, चाय/कॉफी अधिक मात्रा में।
- दैनिक कैल्शियम-युक्त आहार लें (दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां) – आहार विशेषज्ञ की सलाह से।
- पर्याप्त प्रोटीन लें: दाल-मसूर, अंडे (यदि खा रहे हों), मछली/चिकन (डॉक्टर की सलाह पर) ताकि मांसपेशियों एवं सामान्य स्वास्थ्य की रक्षा हो।
- वसा कम करें: बहुत तला-भुना, भारी वसा-युक्त भोजन से बचें।
- अच्छी हाइड्रेशन: पानी पर्याप्त मात्रा में लें, इससे किडनी पर बोझ कम होगा।
- हल्की-फुल्की नियमित हलचल/व्यायाम करें (डॉक्टर की अनुमति से) — स्वस्थ मेटाबॉलिज्म के लिए।
- विटामिन-मिनरल सप्लीमेंट (जैसे A, D, E, K, B12, फोलेट, मैग्नीशियम) डॉक्टर-नियंत्रित रूप से लें।
सावधानियाँ (Precautions)
- यह जरूरी है कि यदि आपने पहले JIB करवाई है तो सर्जरी किये गए अस्पताल/सर्जन से उसकी रिपोर्ट, सर्जिकल डिस्चार्ज सारांश आदि सुरक्षित रखें। यह भविष्य में जांच-परख और उपचार में सहायक होती है।
- किसी भी नए स्वास्थ्य लक्षण को न हल्के में लें: जटिलताएँ वर्षों बाद भी सामने आ सकती हैं। जैसे कि किडनी-रोग, लीवर सिरोसिस।
- स्व-दवा या अनियंत्रित सप्लीमेंट लेने से बचें — विशेषकर विटामिन-मिनरल; डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
- यदि डॉक्टर ने सर्जरी पलटने (reversal) की सलाह दी हो, तो समय पर विचार करें — देर होने पर जटिलताएँ अधिक हो सकती हैं।
- नियमित फॉलो-अप बेहद जरूरी है — यह प्रक्रिया पुरानी है और चिकित्सा-समर्थन जरूरी है।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: क्या JIB आज भी की जाती है?
उत्तर: नहीं — यह लगभग बंद हो चुकी प्रक्रिया है क्योंकि इसके जटिलताओं का जोखिम बहुत अधिक पाया गया है।
प्रश्न 2: यदि मैंने यह सर्जरी करवाई है तो क्या मैं सामान्य जीवन नहीं जी सकता?
उत्तर: आप जीवन जी सकते हैं, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप नियमित जांच-परख करें, पोषण-सहायता लें, और किसी लक्षण को नजरअंदाज न करें।
प्रश्न 3: क्या इस सर्जरी को वापस (reversal) किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, कई मामलों में सर्जन ने रीवर्सल किया है — विशेष रूप से यदि जटिलताएँ उभर रही हों। लेकिन यह हर मरीज के लिए उपयुक्त नहीं होता।
प्रश्न 4: क्या घरेलू उपाय पर्याप्त हैं?
उत्तर: घरेलू उपाय सहायक हो सकते हैं लेकिन अकेले पर्याप्त नहीं हैं — मेडिकल मॉनिटरिंग और चिकित्सकीय हस्तक्षेप पूरी तरह आवश्यक हैं।
प्रश्न 5: मेरी किडनी में स्टोन हो गया है — क्या यह JIB की वजह से हो सकता है?
उत्तर: हाँ — JIB के बाद ऑक्सलेट का अवशोषण बढ़ सकता है, जिससे किडनी स्टोन्स और नेफ्रोपैथी का जोखिम होता है।
निष्कर्ष
Jejunoileal Bypass (JIB) एक इतिहास-विहीन सर्जरी नहीं है — यह मोटापे के इलाज के लिए अपनाई गई थी लेकिन उसके बाद इसके बहुत से गंभीर लंबी-अवधि परिणाम सामने आए। यदि आपने यह सर्जरी करवाई है, तो यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप स्वयं को जागरूक रखें, नियमित जांच-परख करें, पोषण-संतुलन बनाए रखें और किसी भी नए लक्षण पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें।
चलते-चलते यह याद रखें कि अब मोटापा कम करने के लिए नई, सुरक्षित सर्जिकल तकनीकें उपलब्ध हैं, जिनमें अवशोषण कम करनेका जोखिम बहुत कम होता है।
यदि आप चाहें, तो मैं इस विषय में अभी तक उपलब्ध अध्ययन, लंबी अवधि के परिणाम, तथा उपयुक्त मॉडर्न विकल्पों पर भी ब्लॉग लिख सकता हूँ — क्या मैं ऐसा करूँ?