घुटनों में चलने, उठने-बैठने या सीढ़ियाँ चढ़ने-उतरने के दौरान “कर्क-कर्क” या “किर-किर” जैसी आवाज़ आना Knee Crepitus (नी क्रेपिटस) कहलाता है। यह आवाज़ हड्डियों, मांसपेशियों या जोड़ों में घर्षण के कारण आती है। अधिकांश मामलों में यह सामान्य होता है, लेकिन अगर इसके साथ दर्द, सूजन या अकड़न हो, तो यह आर्थराइटिस (Arthritis) या किसी अन्य जोड़ों की समस्या का संकेत हो सकता है।
Knee Crepitus क्या होता है (What is Knee Crepitus):
Knee Crepitus का अर्थ है — घुटने के जोड़ से निकलने वाली चरमराहट, क्लिकिंग या पॉपिंग जैसी आवाज़।
यह तब होती है जब घुटने के जोड़ में मौजूद cartilage (उपास्थि) घिस जाती है या जोड़ के अंदर हवा के बुलबुले (gas bubbles) फूटते हैं।
कभी-कभी यह सामान्य गति के दौरान भी होता है और कोई खतरा नहीं होता।
Knee Crepitus कारण (Causes of Knee Crepitus):
घुटने की किरकिराहट के कई संभावित कारण होते हैं। मुख्य कारण नीचे दिए गए हैं:
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उम्र बढ़ना (Aging):
– उम्र बढ़ने पर cartilage पतला हो जाता है जिससे हड्डियाँ आपस में रगड़ती हैं। -
जोड़ों की सूजन (Arthritis):
– Osteoarthritis या Rheumatoid arthritis में cartilage नष्ट होने लगता है। -
चोट (Injury):
– घुटने की चोट, ligament tear या meniscus injury से यह आवाज़ आ सकती है। -
अधिक वजन (Overweight):
– वजन बढ़ने से घुटनों पर दबाव बढ़ता है जिससे जोड़ जल्दी घिसने लगते हैं। -
लंबे समय तक बैठना या गलत मुद्रा:
– लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने या गलत posture से जोड़ में गैस जमा होती है। -
मांसपेशियों की कमजोरी:
– thigh muscles (quadriceps) कमजोर होने से जोड़ में असंतुलन बनता है।
Knee Crepitus लक्षण (Symptoms of Knee Crepitus):
Knee Crepitus के साथ आने वाले प्रमुख लक्षण हैं:
- घुटने से आवाज़ आना (clicking, popping, grinding)
- घुटने में दर्द या जकड़न
- सूजन या हल्की गर्मी महसूस होना
- उठने-बैठने में कठिनाई
- जोड़ों में कमजोरी या अस्थिरता
क्रीपिटस कैसे पहचाने (Diagnosis of Knee Crepitus):
घुटने की किरकिराहट का कारण जानने के लिए डॉक्टर निम्नलिखित जांचें करते हैं:
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फिजिकल एग्ज़ामिनेशन (Physical Examination):
– घुटने की मूवमेंट और आवाज़ सुनकर स्थिति समझी जाती है। -
एक्स-रे (X-ray):
– हड्डियों के बीच की दूरी और cartilage की स्थिति दिखाता है। -
एमआरआई (MRI):
– लिगामेंट, मेनिस्कस या cartilage में नुकसान की गहराई जांचने के लिए। -
आर्थ्रोस्कोपी (Arthroscopy):
– कैमरे की मदद से घुटने के अंदर की सीधी जांच की जाती है।
Knee Crepitus इलाज (Treatment of Knee Crepitus):
इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि आवाज़ किस कारण से आ रही है।
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दवाएँ (Medications):
– दर्द और सूजन कम करने के लिए NSAIDs (जैसे ibuprofen, diclofenac) दी जाती हैं। -
फिजियोथेरेपी (Physiotherapy):
– thigh muscles मजबूत करने और जोड़ की गति सुधारने के लिए। -
इंजेक्शन (Injections):
– हायल्यूरोनिक एसिड या स्टेरॉयड इंजेक्शन जोड़ की सूजन कम करते हैं। -
सर्जरी (Surgery):
– गंभीर मामलों में arthroscopy या knee replacement किया जा सकता है। -
वजन नियंत्रण (Weight Management):
– वजन कम करने से घुटनों पर दबाव घटता है।
घरेलू उपाय (Home Remedies for Knee Crepitus):
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गर्म पानी की सिकाई करें:
– दर्द और जकड़न में राहत मिलती है। -
हल्का व्यायाम करें:
– जैसे वॉकिंग, साइक्लिंग, या योग से जोड़ लचीले रहते हैं। -
भारी वजन उठाने से बचें।
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कैल्शियम और विटामिन D का सेवन बढ़ाएँ:
– दूध, दही, तिल, सोया और सूरज की रोशनी से। -
सही मुद्रा में बैठें और चलें।
Knee Crepitus कैसे रोके (Prevention):
- नियमित एक्सरसाइज़ करें ताकि मांसपेशियाँ मजबूत रहें।
- वजन नियंत्रित रखें।
- लंबे समय तक एक ही पोजीशन में बैठने से बचें।
- पौष्टिक आहार लें जिसमें प्रोटीन और विटामिन D भरपूर हो।
- चोट लगने पर तुरंत उपचार करवाएँ।
सावधानियाँ (Precautions):
- बिना डॉक्टर की सलाह के दर्द निवारक दवाएँ न लें।
- अत्यधिक दौड़ना या कूदना बंद करें।
- लगातार दर्द या सूजन हो तो ऑर्थोपेडिक डॉक्टर से सलाह लें।
- घुटनों को ठंड या नमी से बचाएँ।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
Q1. क्या घुटने की किरकिराहट सामान्य है?
हाँ, अगर आवाज़ के साथ दर्द या सूजन नहीं है, तो यह सामान्य है।
Q2. क्या Knee Crepitus का इलाज संभव है?
हाँ, अगर कारण सही पहचाना जाए तो इलाज और फिजियोथेरेपी से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
Q3. क्या यह आर्थराइटिस का संकेत है?
कुछ मामलों में हाँ, विशेषकर जब दर्द और सूजन भी हो।
Q4. क्या व्यायाम करना सुरक्षित है?
हल्का व्यायाम जैसे वॉकिंग या स्ट्रेचिंग करना फायदेमंद होता है, लेकिन डॉक्टर की सलाह लें।
निष्कर्ष (Conclusion):
Knee Crepitus (घुटने की किरकिराहट) आमतौर पर हानिकारक नहीं होती, लेकिन अगर इसके साथ दर्द, सूजन या अकड़न महसूस हो, तो यह जोड़ों की समस्या या आर्थराइटिस का संकेत हो सकता है। नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण, सही मुद्रा और संतुलित आहार से इसे काफी हद तक रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। समय पर उपचार और देखभाल से घुटनों की सेहत बरकरार रखी जा सकती है।