क्वाशियोरकर (Kwashiorkor) एक गंभीर प्रोटीन की कमी से होने वाला कुपोषण (Protein Deficiency Malnutrition) है, जो मुख्य रूप से बच्चों में देखा जाता है।
यह तब होता है जब शरीर को पर्याप्त कैलोरी (energy) तो मिलती है, लेकिन प्रोटीन (protein) की मात्रा बहुत कम होती है।
यह स्थिति विकासशील देशों में अधिक पाई जाती है, खासकर जहाँ भोजन में संतुलन की कमी होती है या गरीबी के कारण पोषण की कमी रहती है।
क्वाशियोरकर क्या होता है? (What is Kwashiorkor)
क्वाशियोरकर एक कुपोषण संबंधी रोग (malnutrition disease) है जिसमें शरीर में प्रोटीन की कमी हो जाती है।
इससे शरीर में तरल (fluid) का असंतुलन होता है और सूजन (edema) आ जाती है — खासकर चेहरे, पैरों और पेट में।
शरीर के लिए प्रोटीन जरूरी होता है क्योंकि यह मांसपेशियों, हार्मोन, एंजाइम और प्रतिरक्षा तंत्र (immune system) के लिए आवश्यक है।
प्रोटीन की कमी से शरीर की वृद्धि रुक जाती है और कई शारीरिक कार्य प्रभावित होते हैं।
क्वाशियोरकर के कारण (Causes of Kwashiorkor)
क्वाशियोरकर के प्रमुख कारण हैं:
- प्रोटीन की कमी (Protein deficiency) – भोजन में पर्याप्त प्रोटीन न होना।
- असंतुलित आहार (Unbalanced diet) – केवल कार्बोहाइड्रेट जैसे चावल या मैदा आधारित भोजन का सेवन।
- गरीबी (Poverty) – पोषक भोजन तक पहुंच न होना।
- संक्रमण (Infections) – बार-बार संक्रमण से शरीर की पोषण की मांग बढ़ जाती है।
- अवशोषण की समस्या (Malabsorption) – शरीर भोजन से पोषक तत्व अवशोषित नहीं कर पाता।
- अनाथ या स्तनपान की कमी (Lack of breastfeeding) – छोटे बच्चों में समय से पहले दूध छुड़ाना।
क्वाशियोरकर के लक्षण (Symptoms of Kwashiorkor)
क्वाशियोरकर के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं। मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- शरीर में सूजन (Edema) – खासकर पैरों, टांगों, चेहरे और पेट में।
- पेट का फूलना (Swollen belly)
- बालों का रंग फीका या झड़ना (Hair discoloration and hair loss)
- त्वचा का रुखापन या घाव (Dry, flaky skin)
- वजन में कमी (Weight loss)
- कमजोरी और थकान (Weakness and fatigue)
- चिड़चिड़ापन या सुस्ती (Irritability or lethargy)
- भूख न लगना (Loss of appetite)
- रक्ताल्पता (Anemia)
- संक्रमण बार-बार होना (Frequent infections)
क्वाशियोरकर की पहचान कैसे करें (How to Identify Kwashiorkor)
क्वाशियोरकर की पहचान निम्न बिंदुओं से की जा सकती है:
- बच्चे का पेट फूला हुआ लगे लेकिन शरीर बहुत दुबला हो।
- बालों का रंग हल्का और रुखा हो जाए।
- त्वचा पर दाने या घाव बने रहें।
- चेहरे और पैरों में सूजन हो।
इन लक्षणों के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना आवश्यक है।
क्वाशियोरकर का निदान (Diagnosis of Kwashiorkor)
डॉक्टर निम्न परीक्षणों से क्वाशियोरकर का पता लगाते हैं:
- शारीरिक जांच (Physical examination)
- रक्त जांच (Blood tests) – प्रोटीन स्तर (albumin level) की जांच।
- यूरिन टेस्ट (Urine test) – गुर्दे की कार्यक्षमता की जांच।
- लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) – यह जांचता है कि लिवर ठीक से काम कर रहा है या नहीं।
- वजन और ऊँचाई का मूल्यांकन (Anthropometric measurements)
क्वाशियोरकर का इलाज (Treatment of Kwashiorkor)
क्वाशियोरकर का इलाज मुख्य रूप से पोषण की कमी को पूरा करने पर आधारित होता है।
1. संतुलित आहार (Balanced Diet)
- प्रोटीन युक्त भोजन: दूध, अंडे, दालें, मछली, मांस, पनीर, सोया, और मूंगफली।
- ऊर्जा देने वाला भोजन: चावल, गेहूं, आलू, तेल आदि।
2. विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स
- विटामिन A, D, E, K और जिंक, आयरन, पोटेशियम की पूर्ति की जाती है।
3. संक्रमण का इलाज (Treatment of Infections)
- संक्रमण को दूर करने के लिए एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं।
4. तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स (Fluids and Electrolytes)
- शरीर में पानी और खनिजों का संतुलन बनाए रखने के लिए दिया जाता है।
5. धीरे-धीरे प्रोटीन बढ़ाना
- अचानक अधिक प्रोटीन देने से शरीर पर दबाव पड़ सकता है, इसलिए इसे धीरे-धीरे बढ़ाया जाता है।
क्वाशियोरकर से बचाव (Prevention of Kwashiorkor)
- प्रोटीन युक्त संतुलित आहार लें।
- बच्चों को 2 वर्ष तक स्तनपान कराएँ।
- आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों में पोषण योजनाओं का लाभ लें।
- संक्रमणों से बचाव करें और स्वच्छता बनाए रखें।
- बच्चों के वजन और विकास की नियमित जांच करें।
क्वाशियोरकर के घरेलू उपाय (Home Remedies for Kwashiorkor)
ये उपाय केवल सहायक हैं, इलाज का विकल्प नहीं।
- दूध और दालों का नियमित सेवन।
- मूंग, सोया चंक्स, अंडे या पनीर का उपयोग।
- ताजे फल और सब्जियों का सेवन।
- घी या नारियल तेल जैसे स्वस्थ वसा स्रोतों का प्रयोग।
- साफ-सफाई और स्वच्छ पानी का सेवन।
सावधानियाँ (Precautions for Kwashiorkor)
- प्रोटीन की कमी के लक्षणों को नज़रअंदाज़ न करें।
- डॉक्टर से परामर्श के बिना किसी प्रकार के सप्लीमेंट्स न लें।
- संक्रमण या दस्त की स्थिति में तुरंत चिकित्सकीय मदद लें।
- बच्चों को भोजन के साथ पर्याप्त तरल पदार्थ दें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. क्वाशियोरकर किस वजह से होता है?
मुख्य कारण भोजन में प्रोटीन की कमी है।
2. क्वाशियोरकर किस आयु में होता है?
आमतौर पर 1 से 4 वर्ष के बच्चों में होता है।
3. क्या क्वाशियोरकर जानलेवा है?
यदि इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकता है, क्योंकि शरीर की प्रतिरक्षा कमजोर हो जाती है।
4. क्या यह संक्रामक रोग है?
नहीं, क्वाशियोरकर संक्रामक नहीं है।
5. क्या यह बीमारी ठीक हो सकती है?
हाँ, यदि समय पर निदान और सही पोषण दिया जाए तो पूरी तरह ठीक हो सकती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
क्वाशियोरकर (Kwashiorkor) एक गंभीर प्रोटीन की कमी से होने वाली बीमारी है जो बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास को प्रभावित करती है।
इसका सबसे अच्छा इलाज है — संतुलित आहार, समय पर निदान, और उचित देखभाल।
यदि बच्चों में सूजन, बाल झड़ना या सुस्ती जैसे लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
सही पोषण ही इस बीमारी से बचाव और स्वस्थ जीवन की कुंजी है।