Khushveer Choudhary

Pink Eye कारण, लक्षण, पहचान और इलाज

Pink Eye (पिंक आई) को चिकित्सकीय भाषा में Conjunctivitis (कंजंक्टिवाइटिस) कहा जाता है। यह आंख की एक आम लेकिन संक्रामक बीमारी है, जिसमें आंख की सफेद परत और पलकों के अंदर की झिल्ली (Conjunctiva – कंजंक्टाइवा) में सूजन आ जाती है।

यह बीमारी बच्चों और वयस्कों दोनों में हो सकती है और सही समय पर इलाज न करने पर यह तेजी से फैल सकती है।

पिंक आई क्या होता है? (What is Pink Eye / Conjunctivitis)

Pink Eye वह स्थिति है जिसमें:

  • आंख लाल या गुलाबी दिखाई देती है
  • आंखों में जलन, खुजली या पानी आता है
  • कभी-कभी आंख से चिपचिपा या पीला स्राव निकलता है

यह रोग आमतौर पर संक्रमण, एलर्जी या जलन (irritation) के कारण होता है।

पिंक आई के प्रकार (Types of Pink Eye)

  1. Viral Conjunctivitis (वायरल कंजंक्टिवाइटिस)
  2. Bacterial Conjunctivitis (बैक्टीरियल कंजंक्टिवाइटिस)
  3. Allergic Conjunctivitis (एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस)
  4. Irritant Conjunctivitis (इरिटेंट कंजंक्टिवाइटिस)

पिंक आई के कारण (Causes of Pink Eye)

1. वायरस (Virus)

  • एडेनोवायरस (Adenovirus)
  • सर्दी-जुकाम से जुड़े वायरस

2. बैक्टीरिया (Bacteria)

  • स्टैफाइलोकोकस (Staphylococcus)
  • स्ट्रेप्टोकोकस (Streptococcus)

3. एलर्जी (Allergy)

  • धूल, पराग कण (pollen), धुआँ
  • कॉस्मेटिक या केमिकल प्रोडक्ट्स

4. जलन या गंदगी (Irritants)

  • धुआँ, केमिकल, क्लोरीन वाला पानी
  • गंदी उंगलियों से आंख छूना

पिंक आई के लक्षण (Symptoms of Pink Eye)

  • आंखों में लालिमा (Redness)
  • आंखों में खुजली या जलन
  • आंख से पानी आना (Watery eyes)
  • आंख से पीला या हरा स्राव (Discharge)
  • पलकों का चिपक जाना, खासकर सुबह
  • रोशनी से परेशानी (Light sensitivity)
  • आंखों में भारीपन या दर्द

पिंक आई कैसे पहचाने? (Diagnosis / How to Identify Pink Eye)

1. नेत्र परीक्षण (Eye Examination)

  • नेत्र विशेषज्ञ द्वारा आंख की जांच

2. मेडिकल हिस्ट्री (Medical History)

  • हाल का संक्रमण, एलर्जी या किसी संक्रमित व्यक्ति से संपर्क

3. स्राव की जांच (Eye discharge test)

  • गंभीर या लंबे समय तक बने मामलों में

पिंक आई का इलाज (Treatment of Pink Eye)

1. वायरल पिंक आई (Viral Pink Eye)

  • आमतौर पर 7–10 दिनों में खुद ठीक हो जाती है
  • कृत्रिम आंसू (Artificial tears)
  • ठंडी सेंक (Cold compress)

2. बैक्टीरियल पिंक आई (Bacterial Pink Eye)

  • एंटीबायोटिक आई ड्रॉप्स या ऑइंटमेंट

3. एलर्जिक पिंक आई (Allergic Pink Eye)

  • एंटीहिस्टामिन आई ड्रॉप्स
  • एलर्जी से बचाव

4. इरिटेंट पिंक आई (Irritant Pink Eye)

  • आंख धोना और जलन वाले तत्व से दूरी

पिंक आई कैसे रोके? (Prevention)

  • हाथ बार-बार धोएं
  • आंखों को गंदे हाथों से न छुएं
  • तौलिया, रुमाल या तकिया साझा न करें
  • संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
  • कॉन्टैक्ट लेंस साफ रखें

घरेलू उपाय (Home Remedies)

  • ठंडी सेंक (Cold compress)
  • साफ पानी से आंख धोना
  • डॉक्टर द्वारा सुझाए गए artificial tears
  • आंखों को आराम देना

ध्यान दें: बिना डॉक्टर की सलाह घरेलू नुस्खे या आयुर्वेदिक ड्रॉप आंखों में न डालें।

सावधानियाँ (Precautions)

  • आंखों को रगड़ने से बचें
  • खुद से दवा या आई ड्रॉप न डालें
  • मेकअप और कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग बंद रखें
  • बच्चों में लक्षण दिखें तो स्कूल न भेजें

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. क्या Pink Eye संक्रामक है?

हाँ, वायरल और बैक्टीरियल पिंक आई बहुत संक्रामक होती है।

2. पिंक आई कितने दिनों में ठीक होती है?

आमतौर पर 7–10 दिनों में, कारण पर निर्भर करता है।

3. क्या पिंक आई से आंखों की रोशनी जा सकती है?

सामान्य मामलों में नहीं, लेकिन इलाज न हो तो जटिलताएँ हो सकती हैं।

4. क्या पिंक आई बार-बार हो सकती है?

हाँ, विशेषकर एलर्जी या कमजोर इम्युनिटी में।

5. क्या बच्चों में यह ज्यादा होती है?

हाँ, बच्चों में यह अधिक फैलती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Pink Eye (पिंक आई / Conjunctivitis – कंजंक्टिवाइटिस) एक आम लेकिन तेजी से फैलने वाली आंख की बीमारी है।
समय पर पहचान, सही इलाज और स्वच्छता अपनाकर इसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।

यदि आंखों में तेज दर्द, दृष्टि धुंधली होना या ज्यादा स्राव हो, तो तुरंत नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें।


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