Khushveer Choudhary

Placenta Accreta कारण, लक्षण, इलाज और रोकथाम

Placenta Accreta (प्लेसेंटा एक्रेटा) एक गंभीर प्रसूति (pregnancy) संबंधी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की दीवार में प्लेसेंटा (placenta) असामान्य रूप से गहराई तक चिपक जाता है।

इस स्थिति में डिलीवरी के दौरान प्लेसेंटा स्वयं नहीं निकल पाता, जिससे गंभीर रक्तस्राव (hemorrhage) और माँ तथा शिशु दोनों के लिए खतरा बढ़ जाता है।

Placenta Accreta अक्सर पुरानी सिजेरियन डिलीवरी, गर्भाशय सर्जरी या अन्य जोखिम कारकों के कारण होती है।

प्लेसेंटा एक्रेटा क्या है? (What is Placenta Accreta)

Placenta Accreta में प्लेसेंटा गर्भाशय की मांसपेशी (myometrium) में असामान्य रूप से गहराई तक जुड़ा होता है, जिससे यह डिलीवरी के बाद खुद से नहीं उतर पाता।

मुख्य प्रकार:

  • Placenta Accreta: केवल uterine lining तक चिपकना
  • Placenta Increta: मांसपेशियों (myometrium) में गहराई तक प्रवेश
  • Placenta Percreta: गर्भाशय की दीवार से बाहर तक फैलना, कभी-कभी आस-पास के अंगों (जैसे मूत्राशय) तक

प्लेसेंटा एक्रेटा के कारण (Causes of Placenta Accreta)

1. सिजेरियन डिलीवरी का इतिहास (Previous Cesarean Section)

  • गर्भाशय में सर्जरी से ऊतक कमजोर हो जाते हैं

2. प्लेसेंटा प्रिविया (Placenta Previa)

  • जब प्लेसेंटा गर्भाशय के निचले हिस्से में स्थित हो

3. गर्भाशय सर्जरी (Uterine Surgery)

  • Myomectomy या अन्य गर्भाशय ऑपरेशन

4. अन्य कारक (Other risk factors)

  • उम्र > 35 वर्ष
  • मल्टीपल गर्भधारण (Multiple pregnancies)
  • गर्भाशय के घाव या संक्रमण

प्लेसेंटा एक्रेटा के लक्षण (Symptoms of Placenta Accreta)

  • गर्भावस्था के तीसरे तिमाही में रक्तस्राव (Vaginal bleeding)
  • अक्सर दर्द रहित रक्तस्राव
  • प्रीमैच्योर लेबर (Premature labor)
  • डिलीवरी के समय प्लेसेंटा का खुद से न निकलना

ध्यान दें: कई मामलों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं भी हो सकते हैं और यह केवल अल्ट्रासाउंड या MRI से ही पता चलता है।

प्लेसेंटा एक्रेटा कैसे पहचाने? (Diagnosis / How to Identify Placenta Accreta)

1. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)

  • प्लेसेंटा की असामान्य स्थिति और गर्भाशय से चिपकाव का पता

2. रंगीन अल्ट्रासाउंड (Color Doppler Ultrasound)

  • रक्त प्रवाह और प्लेसेंटा के गहरे जुड़ाव का मूल्यांकन

3. MRI (Magnetic Resonance Imaging)

  • गंभीर मामलों में गर्भाशय और आस-पास के अंगों में फैलाव देखने के लिए

प्लेसेंटा एक्रेटा का इलाज (Treatment of Placenta Accreta)

Placenta Accreta में सिर्फ प्लेसेंटा निकालने से नहीं निकलता, और अक्सर गंभीर रक्तस्राव का खतरा रहता है।

1. योजनाबद्ध सिजेरियन डिलीवरी (Planned Cesarean Delivery)

  • आमतौर पर 34–36 सप्ताह में
  • रक्तस्राव को नियंत्रित करने के लिए अस्पताल में

2. हेमोस्टैटिक उपाय (Hemostatic measures)

  • रक्तस्राव रोकने के लिए दवाएँ और रक्त प्रत्यारोपण

3. ह्यूमरेक्टॉमी (Hysterectomy)

  • गंभीर मामलों में गर्भाशय को निकालना आवश्यक हो सकता है

4. नवजात की सुरक्षा (Neonatal Care)

  • premature babies के लिए NICU तैयारी

प्लेसेंटा एक्रेटा कैसे रोके? (Prevention)

  • गर्भावस्था योजना में सिजेरियन डिलीवरी की संख्या सीमित करना
  • गर्भधारण से पहले गर्भाशय की स्थिति जांचना
  • हाई-रिस्क गर्भावस्था में नियमित अल्ट्रासाउंड और MRI
  • समय पर प्रसूति विशेषज्ञ की देखरेख

सावधानियाँ (Precautions)

  • गर्भावस्था में अनियमित रक्तस्राव पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  • उच्च जोखिम वाली महिलाओं में डिलीवरी बड़े अस्पताल में कराएँ
  • डॉक्टर द्वारा सुझाए गए समय पर सिजेरियन करें
  • गंभीर रक्तस्राव के लिए अस्पताल तैयार रहे

FAQs (Frequently Asked Questions)

1. क्या Placenta Accreta जानलेवा हो सकता है?

हाँ, डिलीवरी के दौरान गंभीर रक्तस्राव से माँ की जान को खतरा हो सकता है।

2. क्या Placentas Accreta का इलाज संभव है?

हाँ, योजनाबद्ध सिजेरियन और आवश्यक होने पर ह्यूमरेक्टॉमी से इसे सुरक्षित रूप से प्रबंधित किया जा सकता है।

3. क्या यह दोबारा गर्भधारण में हो सकता है?

हां, जोखिम बढ़ जाता है, विशेषकर अगर गर्भाशय में पहले सर्जरी हुई हो।

4. क्या यह केवल सिजेरियन वाले मामलों में होता है?

अधिकतर हां, लेकिन कभी-कभी vaginal delivery वाले मामलों में भी हो सकता है।

5. क्या बच्चे पर इसका कोई असर होता है?

Premature birth या NICU की आवश्यकता हो सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Placenta Accreta (प्लेसेंटा एक्रेटा) एक गंभीर प्रसूति स्थिति है, जो समय पर पहचान और सही प्रबंधन से सुरक्षित रूप से नियंत्रित की जा सकती है।

  • उच्च जोखिम वाले गर्भावस्था में नियमित अल्ट्रासाउंड और MRI
  • योजनाबद्ध सिजेरियन डिलीवरी
  • अस्पताल में रक्तस्राव प्रबंधन और neonatal care

इन उपायों से माँ और शिशु दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

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