Vertigo क्या होता है? – पूरी जानकारी और उपचार

Vertigo :

Vertigo – वर्टिगो क्या होता है और कैसे महसूस होता है?

वर्टिगो एक ऐसा अनुभव होता है जिसमें व्यक्ति को ऐसा महसूस होता है कि उसका सिर या आसपास का वातावरण घूम रहा है। हालांकि वास्तव में कोई भी चीज नहीं घूम रही होती, लेकिन दिमाग और कानों के बीच संतुलन का तालमेल बिगड़ने की वजह से शरीर अस्थिर महसूस करता है। इसे ही चिकित्सा भाषा में वर्टिगो कहा जाता है और आम बोलचाल की भाषा में हम इसे चक्कर आना कहते हैं। यह कोई रोग नहीं, बल्कि किसी रोग का लक्षण होता है, जो कान, मस्तिष्क या तंत्रिका तंत्र में गड़बड़ी के कारण होता है।

इस अवस्था में चलते समय गिरने का डर बना रहता है, व्यक्ति को लग सकता है कि ज़मीन हिल रही है या उसका शरीर झूल रहा है। यह कुछ सेकंड से लेकर कई मिनट या घंटों तक रह सकता है और कुछ गंभीर मामलों में तो यह महीनों तक बना रह सकता है। वर्टिगो का इलाज संभव है, लेकिन इसके पीछे के कारणों को पहचानना सबसे आवश्यक होता है।

चक्कर आने के कारण – Causes of Vertigo

वर्टिगो के पीछे कई प्रकार के कारण हो सकते हैं और हर व्यक्ति में यह कारण अलग-अलग हो सकते हैं। सबसे सामान्य कारणों में बीपीपीवी यानी बेनाइन पेरॉक्सिसमल पोजिशनल वर्टिगो आता है, जो तब होता है जब आंतरिक कान में कैल्शियम के कण अपनी जगह से हट जाते हैं और संतुलन प्रणाली को भ्रमित करते हैं। यह अचानक सिर की स्थिति बदलने से अधिक महसूस होता है।

इसके अलावा वेस्टिबुलर न्यूराइटिस नामक संक्रमण भी वर्टिगो की एक वजह बन सकता है, जो कि कान की नसों में सूजन से होता है। मिनिएर्स डिजीज में कान के अंदर फ्लूइड जमा हो जाता है, जिससे चक्कर और कान में आवाज़ें सुनाई देती हैं। अगर किसी को गर्दन की हड्डी की समस्या जैसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस है तो इससे भी वर्टिगो हो सकता है। कम ब्लड प्रेशर, डिहाइड्रेशन, एनीमिया और दिमागी रोग भी वर्टिगो के कारण हो सकते हैं।

वर्टिगो के लक्षण – Common Symptoms of Vertigo

वर्टिगो के लक्षण व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से प्रभावित करते हैं। रोगी को ऐसा लगता है कि उसके चारों ओर की चीजें घूम रही हैं, या उसे खुद को संभालने में परेशानी हो रही है। इस स्थिति में अक्सर सिर भारी लगता है, मतली महसूस होती है और कई बार उल्टी भी हो सकती है।

कुछ लोगों को सुनने में परेशानी होने लगती है, कान में घंटी बजने जैसी आवाज़ आती है और आंखों में कंपन महसूस होता है। कुछ मामलों में नजर धुंधली हो जाती है और शरीर में कमजोरी आ जाती है। यदि यह लक्षण बार-बार या लंबे समय तक दिखें तो तुरंत जांच कराना जरूरी होता है, क्योंकि यह मस्तिष्क संबंधी समस्या का संकेत भी हो सकता है।

महिलाओं में चक्कर आने के कारण – Vertigo Causes in Female

महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण वर्टिगो की संभावना अधिक होती है। मासिक धर्म, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज़ के समय शरीर में एस्ट्रोजन स्तर में गिरावट होती है, जो संतुलन प्रणाली को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा खून की कमी यानी एनीमिया, थायरॉइड की गड़बड़ी, लो ब्लड प्रेशर, माइग्रेन और मानसिक तनाव भी वर्टिगो को बढ़ा सकते हैं।

प्रेग्नेंसी के दौरान चक्कर आना सामान्य बात है लेकिन यदि यह बार-बार हो या इसके साथ उल्टी, बेहोशी, सिर दर्द या सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी हो जाता है। महिलाओं को पोषक तत्वों की पर्याप्त मात्रा लेने और हाइड्रेटेड रहने की सलाह दी जाती है।

वर्टिगो की जांच – Vertigo Diagnosis and Tests

वर्टिगो की जांच के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी की पूरी मेडिकल हिस्ट्री लेते हैं और लक्षणों को सुनकर संभावित कारणों का आकलन करते हैं। इसके बाद कुछ विशेष जांचें की जाती हैं जैसे कि डिक्स-हॉलपाइक टेस्ट, जिसमें रोगी की पोजीशन बदलकर उसकी आंखों की हरकत और लक्षणों की प्रतिक्रिया को देखा जाता है।

वेस्टिबुलर फंक्शन टेस्ट के माध्यम से कान की संतुलन प्रणाली की जांच की जाती है। ऑडियोमेट्री टेस्ट से सुनने की क्षमता मापी जाती है, जबकि ब्रेन से संबंधित समस्या होने पर MRI या CT स्कैन जैसे इमेजिंग टेस्ट किए जाते हैं। कभी-कभी ब्लड टेस्ट या न्यूरोलॉजिकल मूल्यांकन की भी जरूरत पड़ सकती है

वर्टिगो का इलाज – Treatment of Vertigo

वर्टिगो का इलाज उसके कारण के आधार पर तय किया जाता है। अगर समस्या आंतरिक कान से जुड़ी है तो उसके अनुसार दवाइयां दी जाती हैं। BPPV जैसी स्थिति में विशेष व्यायाम जैसे कि ईप्ली मैन्युवर या ब्रांट-डारॉफ एक्सरसाइज़ से राहत मिल सकती है। मिनिएर्स डिजीज में फुलूड कम करने के लिए डाययूरेटिक दवाएं दी जाती हैं और डाइट में नमक की मात्रा सीमित करनी होती है।

माइग्रेन से संबंधित वर्टिगो के लिए सिरदर्द की दवा, कैफीन से बचाव और तनाव प्रबंधन जरूरी होता है। अगर वर्टिगो बार-बार हो रहा हो और दवाओं से राहत न मिल रही हो तो सर्जरी की सलाह भी दी जा सकती है। फिजियोथेरेपी और योगा से भी काफी राहत मिलती है।

वर्टिगो की सामान्य दवाएं – Common Medicines for Vertigo

वर्टिन टैबलेट जिसे बेटाहिस्टिन कहते हैं, वर्टिगो के इलाज में सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। यह दवा कान में रक्त प्रवाह को सुधारती है और संतुलन बनाए रखने में मदद करती है। इसके अलावा स्टुजेरॉन टैबलेट (सिनैरीज़िन), सेर्क टैबलेट, डोमपेरिडोन और मेक्लिज़िन भी चक्कर और मतली की स्थिति में दी जाती हैं।

इन दवाओं को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बेहद जरूरी होता है, क्योंकि गलत दवा से लक्षण और अधिक बिगड़ सकते हैं।

चक्कर के घरेलू इलाज – Home Remedies for Vertigo

अगर वर्टिगो हल्का है तो कुछ घरेलू उपाय से भी राहत मिल सकती है। अदरक की चाय चक्कर को रोकने में सहायक मानी जाती है क्योंकि यह मस्तिष्क को शांत करती है। तुलसी का अर्क या तुलसी की पत्तियां चबाना भी फायदेमंद हो सकता है। ब्राह्मी और अश्वगंधा जैसे आयुर्वेदिक हर्ब्स से मानसिक तनाव कम होता है और संतुलन में सुधार आता है।

भोजन में हल्का, सुपाच्य आहार लेना चाहिए और पानी की मात्रा बढ़ानी चाहिए। नींद पूरी लेना और तनाव को कम करना भी जरूरी है।

वर्टिगो के लिए एक्सरसाइज़ – Exercises for Vertigo

ब्रांट-डारॉफ व्यायाम, ईप्ली मैन्युवर और बैलेंस ट्रेंनिंग वर्टिगो में अत्यंत लाभदायक होते हैं। ये व्यायाम कान की क्रिस्टल प्रणाली को रीसेट करने में मदद करते हैं। इसके अलावा योग और प्राणायाम भी मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाते हैं।

सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से संबंधित वर्टिगो के लिए गर्दन की स्ट्रेचिंग, हल्के योगासन और फिजियोथेरेपी बेहद असरदार होती है।

अचानक चक्कर आना – Sudden Vertigo

अगर आपको अचानक और तीव्र चक्कर आएं, नजर धुंधली हो जाए, उल्टी हो, सुनने में कमी आए या बेहोशी जैसी हालत हो तो यह एक मेडिकल इमरजेंसी हो सकती है। यह मस्तिष्क में रक्त प्रवाह में रुकावट या स्ट्रोक का संकेत भी हो सकता है। इसलिए ऐसी स्थिति में तुरंत अस्पताल जाकर डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी होता है।

निष्कर्ष – Conclusion

वर्टिगो या चक्कर आना एक आम लेकिन कई बार गंभीर समस्या हो सकती है। इसका सही समय पर निदान और उपचार बेहद जरूरी होता है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने लक्षणों को समझें, घरेलू उपायों को अपनाएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह लें। यदि आप बार-बार चक्कर आने से परेशान हैं तो इसे नजरअंदाज न करें और सम्पूर्ण जांच जरूर करवाएं।

महत्वपूर्ण सूचना / चेतावनी (Disclaimer for Readers)

इस  दी गई जानकारी केवल शैक्षणिक और जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। यह किसी भी बीमारी का निदान, उपचार या दवा का विकल्प नहीं है। यदि आपको चक्कर आना, कमजोरी या कोई अन्य लक्षण महसूस हो रहा है, तो कृपया अपने डॉक्टर या किसी योग्य स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह अवश्य लें

स्व-उपचार न करें, क्योंकि हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है और गलत इलाज नुकसानदायक हो सकता है।

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