Hypercalcemia क्या है? जानिए इसके लक्षण, कारण, इलाज और सावधानियाँ

हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia) एक ऐसी चिकित्सीय स्थिति है जिसमें व्यक्ति के रक्त में कैल्शियम का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। कैल्शियम एक आवश्यक खनिज है जो हड्डियों की मजबूती, मांसपेशियों की कार्यप्रणाली, तंत्रिका संचार और हॉर्मोन संतुलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन अत्यधिक कैल्शियम शरीर के अंगों को प्रभावित कर सकता है, विशेषकर किडनी (Kidneys), दिल (Heart) और मस्तिष्क (Brain) को।

हाइपरकैल्सीमिया क्या होता है? (What is Hypercalcemia?)

जब शरीर में रक्त में कैल्शियम का स्तर 10.5 mg/dL से अधिक हो जाता है, तो उसे हाइपरकैल्सीमिया कहा जाता है। हल्के मामलों में लक्षण नहीं भी हो सकते हैं, लेकिन गंभीर हाइपरकैल्सीमिया से कई अंगों की कार्यप्रणाली प्रभावित हो सकती है।


हाइपरकैल्सीमिया के कारण (Causes of Hypercalcemia)

हाइपरकैल्सीमिया के कई संभावित कारण हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  1. अतिपरथायरॉइडिज़्म (Hyperparathyroidism):
    • यह सबसे सामान्य कारण है, जिसमें पराथायरॉइड ग्रंथियाँ बहुत अधिक हॉर्मोन बनाती हैं।
  2. कैंसर (Cancer):
    • खासकर लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर या मेटास्टेसिस से हड्डियों में कैल्शियम रिलीज़ हो सकता है।
  3. विटामिन D की अधिकता (Vitamin D Toxicity):
    • बहुत अधिक विटामिन D सप्लीमेंट लेने से।
  4. हड्डियों के रोग (Bone Disorders):
    • जैसे पैजेट डिज़ीज (Paget’s disease), मल्टीपल मायलोमा
  5. डिहाइड्रेशन (Dehydration):
    • शरीर में पानी की कमी से कैल्शियम की सघनता बढ़ जाती है।
  6. लंबे समय तक निष्क्रियता (Immobility):
    • बेड रेस्ट से हड्डियाँ कैल्शियम छोड़ सकती हैं।
  7. कुछ दवाइयाँ (Medications):
    • थायाजाइड डाइयुरेटिक्स, लिथियम आदि

हाइपरकैल्सीमिया के लक्षण (Symptoms of Hypercalcemia)

  • थकान (Fatigue)
  • मतली और उल्टी (Nausea and Vomiting)
  • कब्ज (Constipation)
  • पेट दर्द (Abdominal Pain)
  • बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination)
  • प्यास अधिक लगना (Excessive Thirst)
  • मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle Weakness)
  • भ्रम और मानसिक असमर्थता (Confusion and Cognitive Issues)
  • हृदय की धड़कनों का अनियमित होना (Irregular Heartbeat)
  • किडनी स्टोन बनना (Kidney Stones)

हाइपरकैल्सीमिया कैसे पहचाने (How to Diagnose Hypercalcemia)

  1. ब्लड टेस्ट (Blood Test):
    • कुल कैल्शियम और आयोनाइज्ड कैल्शियम लेवल की जांच
  2. पराथायरॉइड हॉर्मोन टेस्ट (PTH Test):
    • यह जांचता है कि क्या पराथायरॉइड ग्रंथियाँ ज़िम्मेदार हैं
  3. विटामिन D लेवल टेस्ट
  4. किडनी फंक्शन टेस्ट (Renal Function Tests)
  5. ECG:
    • दिल की धड़कनों की अनियमितता का पता लगाने के लिए
  6. X-ray या स्कैन:
    • हड्डियों या ट्यूमर की स्थिति जांचने के लिए

हाइपरकैल्सीमिया का इलाज (Treatment of Hypercalcemia)

  • हल्के मामलों में:

    • पानी की मात्रा बढ़ाना
    • कैल्शियम और विटामिन D की खपत कम करना
    • जिम्मेदार दवाओं को बंद करना
  • मध्यम से गंभीर मामलों में:

    • IV हाइड्रेशन (Intravenous fluids)
    • बायसफॉस्फोनेट्स (Bisphosphonates): कैल्शियम को हड्डियों में रोकने के लिए
    • कैल्सिटोनिन (Calcitonin): कैल्शियम को कम करने के लिए
    • स्टेरॉइड्स (Steroids): विटामिन D टॉक्सिसिटी में
    • डायलिसिस (Dialysis): अगर किडनी खराब हो

हाइपरकैल्सीमिया कैसे रोके (Prevention of Hypercalcemia)

  • बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट न लें
  • नियमित रूप से ब्लड कैल्शियम और विटामिन D की जांच कराएं
  • पराथायरॉइड ग्रंथि की बीमारियों का समय पर इलाज
  • स्वस्थ आहार और जीवनशैली बनाए रखें
  • ज्यादा समय तक निष्क्रिय न रहें

हाइपरकैल्सीमिया के घरेलू उपाय (Home Remedies for Hypercalcemia)

  • अधिक पानी पिएं (Hydration)
  • कैल्शियम और विटामिन D युक्त खाद्य पदार्थों को संतुलित मात्रा में लें
  • कैफीनयुक्त पेय और शराब से बचें
  • फल और सब्ज़ियाँ अधिक मात्रा में लें
  • नमक की मात्रा संतुलित रखें

नोट: घरेलू उपाय केवल हल्के मामलों के लिए सहायक हो सकते हैं। मध्यम या गंभीर स्थिति में तुरंत चिकित्सा परामर्श आवश्यक है।

हाइपरकैल्सीमिया में सावधानियाँ (Precautions for Hypercalcemia)

  • खुद से दवाएं या सप्लीमेंट न लें
  • समय-समय पर ब्लड टेस्ट करवाते रहें
  • उच्च कैल्शियम युक्त डाइट को डॉक्टर की सलाह से लें
  • यदि थकान, भ्रम, बार-बार पेशाब या किडनी स्टोन के लक्षण दिखें तो डॉक्टर से मिलें
  • शरीर में पानी की कमी न होने दें

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs about Hypercalcemia)

प्रश्न 1: हाइपरकैल्सीमिया कितनी खतरनाक हो सकती है?
उत्तर: अगर समय पर इलाज न किया जाए तो यह किडनी, दिल और मस्तिष्क को गंभीर नुकसान पहुँचा सकती है।

प्रश्न 2: क्या हाइपरकैल्सीमिया केवल अधिक कैल्शियम खाने से होती है?
उत्तर: नहीं, यह हार्मोनल असंतुलन, कैंसर या अन्य बीमारियों से भी हो सकती है।

प्रश्न 3: क्या हाइपरकैल्सीमिया बच्चों में भी हो सकती है?
उत्तर: हाँ, विशेषकर अगर उन्हें अधिक सप्लीमेंट या विटामिन D दिया जाए।

प्रश्न 4: क्या यह स्थिति स्थायी होती है?
उत्तर: नहीं, अगर सही इलाज हो तो यह पूरी तरह ठीक हो सकती है।

निष्कर्ष (Conclusion)

हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia) एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य स्थिति है। इसका समय पर पता लगाना और उचित इलाज आवश्यक है ताकि किडनी, दिल और मस्तिष्क को नुकसान से बचाया जा सके। जीवनशैली में सावधानी, नियमित जांच और चिकित्सकीय सलाह से इसे रोका और प्रबंधित किया जा सकता है।

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