Bamboo Spine (Ankylosing Spondylitis Spine Deformity) क्या है? लक्षण, कारण, इलाज और बचाव

एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) क्या है?

एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis) एक ऑटोइम्यून विकार है जो मुख्य रूप से रीढ़ की हड्डी को प्रभावित करता है। इसमें रीढ़ के जोड़ों में सूजन होती है, जिससे बाद में हड्डियाँ जुड़ सकती हैं। इस स्थिति में रीढ़ की हड्डी में कठोरता और दर्द होता है, जो समय के साथ बढ़ सकता है और यह शरीर के अन्य जोड़ और अंगों में भी फैल सकता है।


एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के लक्षण:

  • पीठ और निचले हिस्से का दर्द – यह दर्द आमतौर पर सुबह के समय ज्यादा महसूस होता है।

  • सुस्तता और कठोरता – शारीरिक गतिविधि के बाद दर्द और कठोरता का अनुभव।

  • जोड़ों में सूजन – खासतौर पर रीढ़, हिप्स, और कंधों में।

  • शारीरिक गतिविधियों में कठिनाई – लगातार चलने, खड़े रहने या बैठने में परेशानी।

  • अन्य अंगों में समस्या – कुछ मामलों में, एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस आंखों में सूजन (इरितिस) और दिल की समस्याओं का कारण बन सकता है।

  • थकावट – मरीज को कमजोरी और थकान का अहसास होता है।


एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के कारण:

एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस एक ऑटोइम्यून विकार है, जिसका मतलब है कि शरीर की इम्यून सिस्टम अपनी ही कोशिकाओं पर हमला करती है। इसके मुख्य कारणों में शामिल हैं:

  • जेनेटिक कारण – ह्यूमन हॉर्मोन (HLA-B27) का उत्पत्ति।

  • परिवार में इतिहास – अगर किसी परिवार के सदस्य को यह बीमारी है, तो इसके होने का खतरा बढ़ सकता है।

  • आनुवंशिकी – विशेष आनुवंशिक गुण जैसे HLA-B27 जेनेटिक मार्कर इस बीमारी के लिए जिम्मेदार होते हैं।


एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस का निदान:

  • फिजिकल परीक्षण – डॉक्टर रीढ़ और जोड़ों का परीक्षण करते हैं।

  • X-ray और MRI – जोड़ों में सूजन और हड्डी के बदलावों को देखने के लिए।

  • HLA-B27 टेस्ट – एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस से जुड़े जेनेटिक मार्कर की जांच।

  • रक्त परीक्षण – सूजन के स्तर की जांच के लिए (जैसे ESR और CRP)।

  • CT scan – जटिल मामलों में अधिक स्पष्ट जानकारी प्राप्त करने के लिए।


एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज:

1. दवाइयाँ:

  • NSAIDs (Non-steroidal anti-inflammatory drugs) – जैसे Ibuprofen, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करती हैं।

  • Biologic drugs – जैसे टनोलियम (TNF inhibitors), जो सूजन को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

  • Corticosteroids – सूजन को कम करने के लिए कभी-कभी इनका उपयोग किया जाता है।

2. फिजियोथेरेपी:

  • रीढ़ और जोड़ों के लचीलेपन और ताकत को बढ़ाने के लिए विभिन्न एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग।

3. ऑपरेशन:

  • गंभीर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जैसे हिप या रीढ़ की सर्जरी।

4. व्यायाम:

  • नियमित रूप से हल्के व्यायाम करें, जैसे चलना, तैराकी और योग, ताकि लचीलेपन में सुधार हो और दर्द कम हो।


एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस से बचाव:

  • नियमित व्यायाम – रीढ़ की हड्डी को मजबूत रखने के लिए, हल्की स्ट्रेचिंग और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

  • सही मुद्रा अपनाएं – बैठने और खड़े होने के दौरान सही मुद्रा बनाए रखें।

  • संतुलित आहार – हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए कैल्शियम और विटामिन D से भरपूर आहार लें।

  • चिकित्सक की सलाह – समय पर डॉक्टर से सलाह लें, खासकर अगर लक्षण लगातार बढ़ रहे हों।


एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस के घरेलू उपाय:

  • हल्दी और अदरक – इनका सेवन सूजन और दर्द को कम करने में मदद करता है।

  • तुलसी का अर्क – इसमें सूजन को कम करने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने के गुण होते हैं।

  • नीम का तेल – त्वचा पर लगाने से सूजन और दर्द कम हो सकता है।

  • अलसी के बीज – इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं।


FAQs – एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस से जुड़े सामान्य सवाल

Q. क्या एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस पूरी तरह से ठीक हो सकता है?

 एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज संभव नहीं है, लेकिन सही उपचार और देखभाल से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।

Q. एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस में दर्द कम करने के लिए क्या उपाय हैं?

 NSAIDs, फिजियोथेरेपी, और हल्के व्यायाम दर्द कम करने में मदद करते हैं।

Q. क्या एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ता है?

 यह मुख्य रूप से रीढ़ और जोड़ को प्रभावित करता है, लेकिन गंभीर मामलों में आंखों और दिल पर भी असर हो सकता है।

Q. क्या एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस का इलाज सिर्फ दवाइयों से होता है?

 दवाइयों के अलावा फिजियोथेरेपी, व्यायाम, और जीवनशैली में बदलाव भी जरूरी होते हैं।


निष्कर्ष:

Ankylosing Spondylitis (एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस) एक गंभीर ऑटोइम्यून विकार है जो समय के साथ रीढ़ और जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनता है। हालांकि यह बीमारी पूरी तरह से ठीक नहीं हो सकती, लेकिन सही इलाज और जीवनशैली में बदलाव से इसके लक्षणों को नियंत्रण में रखा जा सकता है।

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