Autism (ऑटिज़्म) क्या है? कारण, लक्षण, उपचार और बच्चों में पहचान

Autism (ऑटिज़्म) क्या है?

Autism Spectrum Disorder (ASD) या ऑटिज़्म एक स्नायु-विकास संबंधित विकार है, जो मुख्य रूप से बोलचाल, सामाजिक व्यवहार और सीखने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह समस्या अक्सर बचपन में 2-3 साल की उम्र में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है

ऑटिज़्म एक "स्पेक्ट्रम" है, जिसका मतलब है कि इसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं।


Autism के मुख्य लक्षण (Symptoms):

 बच्चों में:

  • आंखों से संपर्क न बनाना

  • दूसरों के साथ खेलने में रुचि न लेना

  • नाम पुकारने पर प्रतिक्रिया न देना

  • एक ही गतिविधि को बार-बार करना

  • भाषा या बोलने में देरी

  • अलग-अलग आवाज़ों या रोशनी पर अत्यधिक प्रतिक्रिया

बड़े बच्चों और वयस्कों में:

  • सामाजिक बातचीत में कठिनाई

  • भावनाओं को समझने या जताने में परेशानी

  • अचानक मूड बदलना

  • दिनचर्या में बदलाव को न झेल पाना

  • अकेले रहना पसंद करना


Autism के कारण (Causes):

  • जेनेटिक कारण (आनुवांशिकता): परिवार में ऑटिज़्म का इतिहास होना

  • मस्तिष्क में विकास संबंधी समस्याएं

  • गर्भावस्था के दौरान संक्रमण या दवा का असर

  • जन्म के समय कम वजन या समय से पहले जन्म

  • माता की उम्र ज्यादा होना (35+ वर्ष)

यह बात गलत है कि वैक्सीन से ऑटिज़्म होता है। विज्ञान ने इसे खारिज कर दिया है।


Autism की पहचान और टेस्ट (Diagnosis):

  • व्यवहारिक मूल्यांकन (Behavioral observation)

  • M-CHAT (Modified Checklist for Autism in Toddlers)

  • ADOS (Autism Diagnostic Observation Schedule)

  • IQ और विकासात्मक स्कोरिंग टेस्ट

  • स्पीच और भाषा मूल्यांकन

  • विशेषज्ञ डॉक्टर जैसे – न्यूरोलॉजिस्ट, चाइल्ड साइकियाट्रिस्ट और डेवेलपमेंटल पेडियाट्रिशन द्वारा जाँच


Autism का इलाज (Treatment):

ऑटिज़्म का कोई निश्चित इलाज नहीं है, लेकिन थैरेपी और प्रशिक्षण से बच्चे में बहुत सुधार संभव है

 1. व्यवहारिक थैरेपी (Behavioral Therapy):

  • ABA Therapy (Applied Behavior Analysis)

  • Positive reinforcement आधारित तकनीक

 2. स्पीच थैरेपी (Speech Therapy):

  • बोलने, समझने और संवाद सिखाने के लिए

 3. ऑक्यूपेशनल थैरेपी (Occupational Therapy):

  • दिनचर्या की गतिविधियाँ जैसे खाना खाना, पहनना, ब्रश करना सिखाने में मदद

 4. स्पेशल एजुकेशन:

  • विशेष शिक्षा प्रणाली में बच्चों को उनकी गति और आवश्यकता अनुसार सिखाया जाता है

 5. दवाइयाँ (कुछ मामलों में):

  • Hyperactivity, नींद या चिंता के लिए डॉक्टर के निर्देश से


Autism में मददगार घरेलू उपाय और जीवनशैली:

  • सामान्य दिनचर्या बनाए रखें

  • बच्चे से आंखों में आंख डालकर बात करें

  • बोलचाल और चित्र आधारित सीखने की विधियाँ अपनाएं

  • शांत और पॉजिटिव वातावरण बनाए रखें

  • ऑटिज़्म सपोर्ट ग्रुप से जुड़ें


Autism से जुड़ी जटिलताएं:

  • सीखने में परेशानी

  • सामाजिक अलगाव

  • Anxiety या Depression

  • Self-harming behavior (कभी-कभी)

  • स्कूल या नौकरी में कठिनाई


FAQs – Autism से जुड़े सामान्य सवाल

Q. क्या Autism पूरी तरह ठीक हो सकता है?

 नहीं, लेकिन सही थैरेपी और ट्रेनिंग से जीवन की गुणवत्ता में बड़ा सुधार किया जा सकता है।

Q. Autism की पहचान किस उम्र में होती है?

 अधिकतर मामलों में 2 से 3 साल की उम्र में लक्षण दिखाई देने लगते हैं।

Q. क्या ऑटिज़्म के बच्चे सामान्य स्कूल में पढ़ सकते हैं?

 यदि लक्षण हल्के हों तो विशेष शिक्षकों की मदद से वे सामान्य स्कूल जा सकते हैं।


निष्कर्ष:

Autism कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक अलग neurological स्थिति है। इसके साथ जीने वाले बच्चे विशेष होते हैं, उन्हें समझने, समर्थन देने और उनका मार्गदर्शन करने की ज़रूरत होती है। प्रारंभिक पहचान और सही हस्तक्षेप से वे भी एक सफल और खुशहाल जीवन जी सकते हैं।

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