Chemotherapy-Induced Cardiomyopathy (CIC) एक ऐसी स्थिति है जिसमें कैंसर के इलाज के दौरान उपयोग होने वाली कीमोथेरेपी दवाएं दिल की मांसपेशियों को प्रभावित करती हैं। इससे दिल की पंपिंग क्षमता कम हो जाती है और हार्ट फेल्योर (Heart Failure) की संभावना बढ़ जाती है।
यह बीमारी धीरे-धीरे विकसित हो सकती है और कभी-कभी कीमोथेरेपी पूरी होने के बाद भी इसके लक्षण प्रकट होते हैं।
Chemotherapy-Induced Cardiomyopathy में क्या होता है?
कुछ कीमोथेरेपी दवाएं जैसे Doxorubicin, Cyclophosphamide, Trastuzumab (Herceptin) आदि दिल की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती हैं। इससे दिल की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं और Left Ventricular Ejection Fraction (LVEF) कम होने लगता है। परिणामस्वरूप, दिल शरीर की ज़रूरत के अनुसार रक्त पंप नहीं कर पाता।
Chemotherapy-Induced Cardiomyopathy के मुख्य कारण
- एंथ्रासाइक्लिन ग्रुप की दवाएं (जैसे Doxorubicin)
- HER2-Targeted therapies (जैसे Trastuzumab)
- Radiotherapy जब हृदय क्षेत्र को प्रभावित करती है
- दवाओं की उच्च मात्रा या लंबी अवधि तक सेवन
- पहले से हृदय रोग का इतिहास
- उच्च रक्तचाप, डायबिटीज़ या वृद्धावस्था
Chemotherapy-Induced Cardiomyopathy के लक्षण (Symptoms)
- सांस फूलना (विशेषकर व्यायाम या लेटने पर)
- थकान और ऊर्जा की कमी
- पैरों और टखनों में सूजन
- तेज़ या अनियमित दिल की धड़कन
- सीने में दर्द या भारीपन
- वजन बढ़ना (fluid retention के कारण)
- चक्कर आना या बेहोशी
Chemotherapy-Induced Cardiomyopathy को कैसे पहचानें: Diagnosis
- Echocardiogram (Echo): दिल की पंपिंग क्षमता की जांच
- Electrocardiogram (ECG): दिल की इलेक्ट्रिकल गतिविधि
- Cardiac MRI: दिल की संरचना और सूजन की जानकारी
- Blood Tests: Troponin और BNP जैसे मार्कर
- MUGA Scan: दिल की कार्यक्षमता की स्पष्ट तस्वीर
- Medical History: कीमोथेरेपी की दवाओं और डोज़ का विश्लेषण
Chemotherapy-Induced Cardiomyopathy का इलाज (Treatment)
1. दवाइयाँ
- ACE inhibitors / ARBs: दिल की कार्यक्षमता सुधारने के लिए
- Beta-blockers: हृदय की धड़कन नियंत्रित करने और उसे बचाने के लिए
- Diuretics: सूजन और फ्लूइड कंट्रोल के लिए
- Aldosterone antagonists: हार्ट फेल्योर में सहायक
- ARNI (Entresto): कुछ मामलों में उपयोगी
2. कीमोथेरेपी की मॉनिटरिंग या बदलाव
- यदि संभव हो तो हृदय को कम हानि पहुंचाने वाली दवाओं का विकल्प
- डोज़ घटाना या समय पर दवाओं में बदलाव
3. Device Therapy
- ICD या CRT: यदि लक्षण गंभीर हों या दिल की पंपिंग क्षमता बहुत कम हो
4. Cardio-Oncology Team से उपचार
- एक multidisciplinary टीम जो हृदय और कैंसर दोनों पर ध्यान देती है
Chemotherapy-Induced Cardiomyopathy को कैसे रोका जाए?
- कीमोथेरेपी शुरू करने से पहले हृदय की जांच
- हृदय-रक्षक दवाओं (जैसे Dexrazoxane) का उपयोग
- नियमित रूप से Echocardiogram और अन्य टेस्ट करवाना
- दवाओं की न्यूनतम प्रभावी खुराक देना
- जीवनशैली में सुधार: नमक कम, व्यायाम, वजन नियंत्रित रखना
- कीमोथेरेपी के दौरान नियमित हृदय मॉनिटरिंग
Chemotherapy-Induced Cardiomyopathy का घरेलू उपाय (Home Remedies)
घरेलू उपाय इलाज का विकल्प नहीं हैं, परंतु सहायक हो सकते हैं:
- लो-सोडियम डाइट अपनाएं
- तनाव कम करने के लिए ध्यान और योग करें
- ताजे फल, हरी सब्जियाँ, और ओमेगा-3 युक्त आहार लें
- शराब और धूम्रपान से पूरी तरह परहेज करें
- हल्के व नियमित व्यायाम करें (डॉक्टर की सलाह से)
- प्राकृतिक एंटीऑक्सिडेंट जैसे हल्दी, ग्रीन टी का सीमित सेवन
सावधानियाँ (Precautions)
- कीमोथेरेपी शुरू करने से पहले और बाद में दिल की जाँच कराएं
- दवाओं के साइड इफेक्ट्स पर नज़र रखें
- थकान, सांस फूलना जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें
- किसी भी घरेलू नुस्खे को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें
- किसी भी दवा को अपने मन से बंद न करें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
प्र.1: क्या सभी कीमोथेरेपी दवाएं दिल को नुकसान पहुँचाती हैं?
उत्तर: नहीं, केवल कुछ खास दवाएं ही दिल पर असर डालती हैं, लेकिन फिर भी निगरानी जरूरी है।
प्र.2: क्या यह स्थिति स्थायी होती है?
उत्तर: अगर समय पर पहचान हो जाए तो यह आंशिक रूप से या पूरी तरह से ठीक हो सकती है।
प्र.3: क्या इलाज के दौरान कीमोथेरेपी बंद करनी पड़ती है?
उत्तर: कुछ मामलों में दवा बदली जा सकती है या डोज़ कम की जा सकती है, यह निर्णय डॉक्टर लेते हैं।
प्र.4: क्या यह स्थिति कैंसर से ठीक होने के बाद भी हो सकती है?
उत्तर: हाँ, लक्षण इलाज के वर्षों बाद भी सामने आ सकते हैं, इसलिए निगरानी आवश्यक है।
प्र.5: क्या यह बच्चों में भी हो सकता है?
उत्तर: दुर्लभ मामलों में हाँ, खासकर जब बच्चों को कैंसर के लिए कीमोथेरेपी दी जाती है।
निष्कर्ष
Chemotherapy-Induced Cardiomyopathy एक गंभीर लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है। कीमोथेरेपी के दौरान और उसके बाद दिल की नियमित जांच, दवाओं की सही निगरानी और जीवनशैली में सुधार के जरिए इसे रोका और नियंत्रित किया जा सकता है। अगर लक्षण नज़र आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें – इलाज में देर से समस्या बढ़ सकती है।