PET-CT (Positron Emission Tomography - Computed Tomography) एक आधुनिक इमेजिंग तकनीक है जो शरीर के अंदरूनी हिस्सों की कार्यप्रणाली और संरचना की एक साथ जांच करने के लिए उपयोग की जाती है। यह स्कैन कैंसर, हृदय रोग, मस्तिष्क रोगों और अन्य गंभीर स्थितियों का पता लगाने और उन्हें मॉनिटर करने के लिए किया जाता है।
PET-CT स्कैन क्या होता है ? (What is PET-CT Scan?):
PET-CT स्कैन, दो तकनीकों का संयोजन होता है:
- PET (Positron Emission Tomography) – यह शरीर के अंगों के कार्य (Function) को दर्शाता है, जैसे कोशिकाओं की गतिविधि।
- CT (Computed Tomography) – यह शरीर की संरचना (Structure) को दिखाता है जैसे हड्डियाँ, अंग और टिशूज़।
इस संयुक्त स्कैन के ज़रिए डॉक्टर रोग की स्थिति को अधिक स्पष्ट रूप से देख सकते हैं।
PET-CT स्कैन कारण (Causes for Recommending PET-CT):
PET-CT स्कैन निम्नलिखित कारणों से करवाया जा सकता है:
- कैंसर का पता लगाने और उसकी स्टेजिंग (Cancer Detection and Staging)
- ट्यूमर का फैलाव जांचने के लिए
- इलाज के बाद पुनः बीमारी का आकलन करने के लिए
- हृदय की रक्त आपूर्ति की जांच
- मस्तिष्क विकारों जैसे अल्जाइमर, मिर्गी आदि का मूल्यांकन
PET-CT स्कैन के लक्षण (Symptoms of Conditions Requiring PET-CT):
PET-CT स्कैन करवाने की सलाह निम्न लक्षणों के आधार पर दी जा सकती है:
- अचानक वजन घटना (Unexplained weight loss)
- पुराना बुखार या थकावट (Chronic fever or fatigue)
- ट्यूमर या गांठ का महसूस होना (Lump in body)
- सांस लेने में तकलीफ (Difficulty breathing)
- न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे दौरे, भूलने की बीमारी आदि
जांच की प्रक्रिया (Procedure of PET-CT):
- मरीज को एक रेडियोधर्मी ट्रेसर (जैसे FDG) इंजेक्ट किया जाता है।
- ट्रेसर शरीर के एक्टिव सेल्स द्वारा अवशोषित हो जाता है।
- कुछ समय बाद स्कैनर मशीन में शरीर की इमेजिंग की जाती है।
- पूरी प्रक्रिया में 1.5 से 2 घंटे लग सकते हैं।
कैसे पहचाने कि PET-CT स्कैन की जरूरत है? (How to Identify the Need for PET-CT?):
यदि किसी मरीज में कैंसर के लक्षण हों या डॉक्टर को बीमारी के फैलाव की विस्तृत जानकारी चाहिए हो, तो PET-CT की सलाह दी जाती है। यह स्कैन अक्सर बायोप्सी या इलाज की योजना बनाने से पहले किया जाता है।
PET-CT स्कैन इलाज (Treatment Based on PET-CT Findings):
PET-CT से मिली जानकारी के आधार पर डॉक्टर निम्न प्रकार के निर्णय ले सकते हैं:
- सर्जरी की जरूरत है या नहीं
- कीमोथेरेपी या रेडिएशन की योजना
- ट्यूमर में बदलाव या पुनः वृद्धि की पहचान
- रोग की प्रगति का मूल्यांकन
PET-CT स्कैन कैसे रोके? (How to Prevent Conditions Requiring PET-CT):
PET-CT स्वयं कोई रोग नहीं है, यह एक जांच है। लेकिन इसकी जरूरत को कम करने के लिए नीचे दिए गए उपाय अपनाए जा सकते हैं:
- स्वस्थ जीवनशैली
- धूम्रपान और शराब से बचाव
- नियमित मेडिकल चेकअप
- कैंसर स्क्रीनिंग
घरेलू उपाय (Home Remedies):
चूंकि PET-CT स्कैन केवल जांच है, घरेलू उपाय इसकी जरूरत को टालने के लिए उपयोगी हो सकते हैं, जैसे:
- पौष्टिक आहार लेना
- एंटीऑक्सिडेंट युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन
- तनाव प्रबंधन
सावधानियाँ (Precautions Before and After PET-CT):
स्कैन से पहले:
- स्कैन से 4-6 घंटे पहले कुछ न खाएं (पानी पी सकते हैं)
- डॉक्टर को पहले से चल रही दवाओं की जानकारी दें
- गर्भवती महिलाओं या स्तनपान कराने वाली माताओं को सावधानी रखनी चाहिए
स्कैन के बाद:
- अधिक पानी पिएं ताकि रेडियोधर्मी पदार्थ शरीर से बाहर निकल जाए
- बच्चों और गर्भवती महिलाओं से कुछ घंटे दूर रहें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
Q1. क्या PET-CT स्कैन दर्दनाक होता है?
नहीं, यह पूरी तरह से नॉन-इनवेसिव प्रक्रिया है, केवल ट्रेसर इंजेक्शन दिया जाता है।
Q2. क्या PET-CT स्कैन सुरक्षित है?
हाँ, यह नियंत्रित मात्रा में रेडिएशन का उपयोग करता है, जो ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित होता है।
Q3. स्कैन के बाद कितनी देर में रिपोर्ट मिलती है?
आमतौर पर 24 से 48 घंटे के भीतर रिपोर्ट मिल जाती है।
Q4. क्या डाइबिटिक मरीज PET-CT करा सकते हैं?
हाँ, लेकिन स्कैन से पहले शुगर लेवल को नियंत्रित करना जरूरी होता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
PET-CT स्कैन आधुनिक चिकित्सा का एक शक्तिशाली उपकरण है, जो गंभीर बीमारियों की पहचान, उनकी स्थिति और इलाज की प्रभावशीलता को समझने में मदद करता है। सही समय पर PET-CT स्कैन करवाना रोग के निदान और इलाज को अधिक प्रभावी बना सकता है। यदि डॉक्टर इसकी सलाह दें, तो घबराएं नहीं बल्कि पूरी जानकारी के साथ इसकी प्रक्रिया को समझें और उसका पालन करें।