Tinea pseudoimbricata, Steroid ringworm, Concentric ringworm कारण, लक्षण, इलाज और सावधानियाँ

Tinea Pseudoimbricata, जिसे आमतौर पर Steroid Ringworm या Concentric Ringworm कहा जाता है, एक विशेष प्रकार का फंगल संक्रमण है जो तब होता है जब व्यक्ति ने लंबे समय तक बिना डॉक्टर की सलाह के स्टेरॉयड युक्त क्रीम का उपयोग किया हो। इसमें त्वचा पर एक के भीतर एक रिंग जैसी संरचना बनती है, जिससे इसे "कनसेंट्रिक रिंगवर्म" भी कहा जाता है। यह संक्रमण देखने में गंभीर होता है और इसका इलाज भी सामान्य रिंगवर्म से कठिन होता है।

टिनिया स्यूडोइम्ब्रिकाटा क्या है? (What is Tinea Pseudoimbricata?)

Tinea Pseudoimbricata एक प्रकार का मॉडिफाइड रिंगवर्म (Modified Tinea Infection) है जो Tinea Imbricata से मिलता-जुलता दिखता है, लेकिन इसका कारण टॉपिकल स्टेरॉयड्स का दुरुपयोग होता है। इसमें त्वचा पर कई परतों में गोल-गोल रिंग बन जाते हैं, जिससे यह असामान्य रूप में फैलता है।

टिनिया स्यूडोइम्ब्रिकाटा के कारण (Causes):

  • लंबे समय तक स्टेरॉयड युक्त क्रीम (जैसे कि Betnovate, Quadriderm, Lobate आदि) का प्रयोग
  • पहले से मौजूद फंगल संक्रमण को दबाने के लिए गलत दवा लगाना
  • कमजोर इम्यून सिस्टम
  • संक्रमित व्यक्ति या वस्तु से संपर्क

टिनिया स्यूडोइम्ब्रिकाटा के लक्षण (Symptoms):

  • त्वचा पर एक के अंदर एक कई गोल रिंग (concentric rings)
  • असामान्य फैलाव और आकार
  • लालिमा, सूजन और तीव्र खुजली
  • कभी-कभी जलन या जलने जैसा एहसास
  • लंबे समय तक बना रहना और बार-बार उभरना

टिनिया स्यूडोइम्ब्रिकाटा की पहचान कैसे करें? (Diagnosis):

  • त्वचा की दृश्य जांच (क्लासिक concentric रिंग देखकर अनुमान लगाया जाता है)
  • KOH स्क्रैपिंग टेस्ट – फंगल संक्रमण की पुष्टि के लिए
  • फंगल कल्चर – सटीक फंगस की पहचान के लिए
  • मरीज का इतिहास – स्टेरॉयड क्रीम का इस्तेमाल किया या नहीं

टिनिया स्यूडोइम्ब्रिकाटा का इलाज (Treatment):

1. स्टेरॉयड क्रीम बंद करना सबसे पहला कदम है

बिना डॉक्टर की सलाह के लगाए जा रहे स्टेरॉयड क्रीम को तुरंत बंद करें।

2. ओरल एंटिफंगल दवाएं (Oral Antifungals):

  • Terbinafine
  • Itraconazole
  • Fluconazole
    (6 से 8 हफ्ते तक डॉक्टर की सलाह से लें)

3. स्थानिक एंटिफंगल क्रीम्स (Topical Antifungals):

  • Clotrimazole, Miconazole, Ketoconazole
    (स्टेरॉयड मुक्त क्रीम का उपयोग करें)

4. एंटीहिस्टामिन दवाएं – खुजली को कम करने के लिए

टिनिया स्यूडोइम्ब्रिकाटा के घरेलू उपाय (Home Remedies):

 यह संक्रमण गहरा और जटिल होता है, इसलिए घरेलू उपाय केवल डॉक्टर के इलाज के साथ सहायक रूप में ही करें।

  • नीम का पानी: दिन में 2 बार त्वचा धोने से बैक्टीरिया और फंगस कम हो सकता है
  • हल्दी और नारियल तेल का मिश्रण: एंटीफंगल और सूजन कम करने वाले गुण
  • सेब का सिरका (Apple Cider Vinegar): रुई से लगाएं, लेकिन अधिक जलन हो तो न लगाएं
  • एलोवेरा जेल: ठंडक और खुजली में आराम

टिनिया स्यूडोइम्ब्रिकाटा से बचाव (Prevention):

  • बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी क्रीम न लगाएं
  • रिंगवर्म के शुरुआती लक्षणों को हल्के में न लें
  • संक्रमित वस्तुएँ (तौलिया, कपड़े) साझा न करें
  • हमेशा त्वचा को सूखा और साफ रखें
  • तंग कपड़े पहनने से बचें
  • पसीने वाली त्वचा पर फंगल पाउडर का प्रयोग करें

टिनिया स्यूडोइम्ब्रिकाटा में सावधानियाँ (Precautions):

  • स्टेरॉयड क्रीम से बचें, चाहे राहत मिल रही हो
  • दवा का पूरा कोर्स करें, बीच में बंद न करें
  • खुजली वाले हिस्से को खरोंचने से बचें
  • घरेलू उपायों को मुख्य इलाज न समझें, केवल सपोर्टिव ही मानें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

Q1. क्या टिनिया स्यूडोइम्ब्रिकाटा सामान्य फंगल संक्रमण से अलग है?
हाँ, यह स्टेरॉयड के गलत उपयोग से बिगड़ा हुआ फंगल संक्रमण है, जो अधिक गंभीर होता है।

Q2. क्या ये रिंग्स बार-बार वापस आते हैं?
हाँ, जब तक स्टेरॉयड का उपयोग पूरी तरह बंद न किया जाए और इलाज पूरा न किया जाए, तब तक यह बार-बार हो सकता है।

Q3. क्या यह संक्रामक है?
हाँ, यह भी एक संक्रामक फंगल इन्फेक्शन है और दूसरों में फैल सकता है।

Q4. ठीक होने में कितना समय लगता है?
औसतन 6 से 8 सप्ताह, लेकिन स्थिति के अनुसार अधिक भी लग सकता है।

Q5. क्या यह चेहरे पर भी हो सकता है?
हाँ, खासकर वहां जहाँ स्टेरॉयड युक्त फेयरनेस क्रीम या एंटी-इचिंग क्रीम बार-बार लगाई जाती है।

निष्कर्ष (Conclusion):

Tinea Pseudoimbricata एक गंभीर और विशेष प्रकार का फंगल संक्रमण है जो स्टेरॉयड क्रीम के दुरुपयोग के कारण होता है। इसका इलाज सामान्य रिंगवर्म से कठिन होता है और इलाज में समय भी अधिक लग सकता है। यदि सही समय पर स्टेरॉयड बंद कर दिए जाएं और डॉक्टर की देखरेख में उचित इलाज लिया जाए, तो इससे पूरी तरह छुटकारा पाया जा सकता है। जागरूकता और सतर्कता ही इस संक्रमण से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।


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