Allograft Rejection: अंग प्रत्यारोपण अस्वीकृति के कारण, लक्षण और इलाज

Allograft Rejection (एलोग्राफ्ट रिजेक्शन) एक मेडिकल स्थिति है जो तब होती है जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (Immune System) किसी दूसरे व्यक्ति से प्रत्यारोपित (transplanted) अंग या ऊतक को विदेशी समझकर उसे अस्वीकार कर देती है। यह स्थिति अंग प्रत्यारोपण (Organ Transplantation) के बाद एक सामान्य और गंभीर जटिलता मानी जाती है।

Allograft Rejection क्या होता है ? (What is Allograft Rejection)

जब किसी व्यक्ति को किडनी, लीवर, हृदय, फेफड़े या अन्य कोई अंग प्रत्यारोपित किया जाता है, तो शरीर की इम्यून प्रणाली उस नए अंग को "विदेशी" मानकर उस पर हमला कर सकती है। इसे ही Allograft Rejection कहा जाता है। यह रेजेक्शन तीव्र (Acute), पुराना (Chronic) या हाइपरएक्यूट (Hyperacute) हो सकता है।

Allograft Rejection के प्रकार (Types of Allograft Rejection)

  1. Hyperacute Rejection (हाइपरएक्यूट रिजेक्शन)
    • ट्रांसप्लांट के कुछ ही मिनटों या घंटों में होता है।
  2. Acute Rejection (तीव्र रिजेक्शन)
    • ट्रांसप्लांट के कुछ दिनों से लेकर हफ्तों के भीतर होता है।
  3. Chronic Rejection (पुराना रिजेक्शन)
    • महीनों या वर्षों बाद धीरे-धीरे होता है।

Allograft Rejection के कारण (Causes of Allograft Rejection)

  • अंग दाता (Donor) और प्राप्तकर्ता (Recipient) के बीच HLA (Human Leukocyte Antigen) का असंगत होना
  • प्रत्यारोपित अंग के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया
  • एंटीबॉडीज़ (Antibodies) का बनना जो नए अंग पर हमला करती हैं
  • इम्यूनोसप्रेसिव दवाओं का सही मात्रा में न लेना या मिस करना
  • संक्रमण या शरीर में सूजन की प्रतिक्रिया
  • पहले से मौजूद एलर्जी या इम्यून संबंधी विकार

Allograft Rejection के लक्षण (Symptoms of Allograft Rejection)

अलग-अलग अंग के हिसाब से लक्षण भिन्न हो सकते हैं, लेकिन सामान्य लक्षणों में शामिल हैं:

  • बुखार (Fever)
  • अंग के काम में गिरावट (Organ dysfunction)
    • किडनी ट्रांसप्लांट में यूरिन कम होना या क्रिएटिनिन बढ़ना
    • लिवर ट्रांसप्लांट में बिलीरुबिन बढ़ना या थकान
    • हृदय ट्रांसप्लांट में सांस फूलना, थकान
  • सूजन या दर्द (Swelling or Pain) प्रत्यारोपित अंग के स्थान पर
  • उल्टी, जी मिचलाना या भूख न लगना
  • त्वचा पर चकत्ते या एलर्जी की प्रतिक्रिया
  • थकान और कमजोरी

Allograft Rejection को कैसे पहचाने (How to Diagnose Allograft Rejection)

  • ब्लड टेस्ट (Creatinine, Bilirubin, Liver Enzymes आदि)
  • बायोप्सी (Biopsy): अंग से टिशू निकालकर जांच
  • इमेजिंग टेस्ट: जैसे कि अल्ट्रासाउंड, MRI, CT स्कैन
  • सीरम एंटीबॉडी टेस्ट
  • इम्यूनोलॉजिकल मार्कर्स का परीक्षण

Allograft Rejection के इलाज (Treatment of Allograft Rejection)

  1. इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं (Immunosuppressive Drugs)

    • जैसे टैक्रोलिमस (Tacrolimus), साइक्लोस्पोरिन (Cyclosporine), मायकोफेनोलेट (Mycophenolate)
    • स्टेरॉयड (Steroids) भी दिए जा सकते हैं
  2. मोनीटरिंग और डोज एडजस्टमेंट

    • दवा की मात्रा को रोगी की स्थिति के अनुसार समायोजित किया जाता है
  3. एंटीबॉडी रिमूवल थेरेपी

    • प्लाज्मा एक्सचेंज (Plasmapheresis) और IVIG थेरेपी
  4. Biologic Agents

    • जैसे Rituximab या ATG (Anti-thymocyte globulin)

Allograft Rejection को कैसे रोके (Prevention of Allograft Rejection)

  • प्रत्यारोपण से पहले HLA मैचिंग और एंटीबॉडी स्क्रीनिंग
  • इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं समय पर और सही तरीके से लेना
  • नियमित रूप से डॉक्टर से फॉलो-अप
  • संक्रमण से बचाव
  • जीवनशैली में सुधार (धूम्रपान और शराब से परहेज)

Allograft Rejection के घरेलू उपाय (Home Remedies)

नोट: Allograft Rejection एक गंभीर चिकित्सा स्थिति है। घरेलू उपाय केवल सहायक हो सकते हैं, मुख्य इलाज डॉक्टर की निगरानी में ही होना चाहिए:

  • स्वस्थ आहार (Balanced Diet): एंटीऑक्सीडेंट और कम नमक वाला आहार
  • भरपूर पानी पिएं
  • तनाव कम करें: ध्यान और योग से
  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें
  • संक्रमण से बचने के लिए घर में स्वच्छता बनाए रखें

सावधानियाँ (Precautions)

  • दवा कभी न छोड़ें, चाहे आप ठीक महसूस करें
  • किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें
  • फॉलो-अप में देरी न करें
  • इंफेक्शन के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  • अपने अंग की कार्यक्षमता की नियमित जांच कराएं
  • दूसरों से अंगदान के समय पूरी जानकारी और HLA कंपैटिबिलिटी जांच कराएं

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्र1: Allograft Rejection कितनी बार हो सकता है?
उत्तर: यह बार-बार हो सकता है यदि इम्यून सिस्टम ठीक से नियंत्रित न हो।

प्र2: क्या यह स्थिति जानलेवा हो सकती है?
उत्तर: हाँ, अगर इलाज समय पर न हो तो अंग खराब हो सकता है और यह जानलेवा हो सकता है।

प्र3: क्या सर्जरी के बाद Rejection रोका जा सकता है?
उत्तर: पूरी तरह से नहीं, लेकिन इम्यूनोथेरेपी और निगरानी से बहुत हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

प्र4: क्या Allograft Rejection को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है?
उत्तर: इलाज से Rejection को कंट्रोल किया जा सकता है, लेकिन इसका जोखिम बना रहता है।

प्र5: क्या घरेलू उपाय प्रभावी हैं?
उत्तर: केवल सहायक हैं। मुख्य इलाज दवाओं और चिकित्सकीय निगरानी के ज़रिए ही किया जाता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

Allograft Rejection (एलोग्राफ्ट रिजेक्शन) अंग प्रत्यारोपण के बाद एक गंभीर स्थिति है, लेकिन यह आधुनिक चिकित्सा के माध्यम से नियंत्रण में लाई जा सकती है। नियमित दवाएं, डॉक्टर की निगरानी और जीवनशैली में सावधानी इस स्थिति से लड़ने के प्रमुख उपाय हैं। किसी भी लक्षण को नजरअंदाज न करें और फॉलोअप को प्राथमिकता दें।


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