Anencephaly (एनएनकेफैली) कारण, लक्षण, इलाज, बचाव, घरेलू उपाय, सावधानियाँ, FAQs

एनएनकेफैली (Anencephaly) एक गंभीर जन्मजात विकार (Congenital Disorder) है, जिसमें भ्रूण के मस्तिष्क और खोपड़ी का ऊपरी भाग पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाता। यह स्थिति न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (Neural Tube Defect) की श्रेणी में आती है और गर्भावस्था के पहले महीने में ही विकसित हो जाती है। यह स्थिति नवजात शिशु के जीवन के लिए घातक होती है।

एनएनकेफैली क्या होता है? (What is Anencephaly?)

एनएनकेफैली एक दुर्लभ लेकिन घातक स्थिति है जिसमें भ्रूण का मस्तिष्क (Brain) और स्कैल्प (Scalp) ठीक से नहीं बनते हैं। भ्रूण के मस्तिष्क का बड़ा हिस्सा (forebrain और cerebrum) या तो अनुपस्थित होता है या अत्यंत अविकसित। ऐसे शिशु आमतौर पर मृत पैदा होते हैं या जन्म के कुछ घंटों या दिनों के भीतर मर जाते हैं।

एनएनकेफैली के कारण (Causes of Anencephaly)

  1. फोलिक एसिड की कमी (Folic acid deficiency) – गर्भावस्था की शुरुआत में इस पोषक तत्व की कमी।
  2. आनुवंशिक कारण (Genetic factors) – परिवार में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का इतिहास।
  3. मातृत्व में डायबिटीज़ (Maternal diabetes) – अनियंत्रित ब्लड शुगर स्तर।
  4. कुछ दवाओं का सेवन (Certain medications) – विशेष रूप से एंटीएपिलेप्टिक ड्रग्स।
  5. गर्भावस्था के दौरान उच्च तापमान (High maternal fever or overheating) – जैसे सौना, बुखार आदि।
  6. प्रदूषण या रसायनों के संपर्क में आना (Exposure to toxins)

एनएनकेफैली के लक्षण (Symptoms of Anencephaly)

यह स्थिति गर्भ में ही विकसित होती है, इसलिए इसके लक्षण नवजात शिशु में ही देखे जाते हैं:

  1. खोपड़ी और मस्तिष्क का ऊपरी हिस्सा अनुपस्थित होना
  2. आँखों का बड़ा दिखना
  3. कानों की स्थिति असामान्य होना
  4. श्वास की समस्या
  5. चेतना की पूर्ण अनुपस्थिति (No consciousness)
  6. जीवन के कुछ ही घंटे या दिन

एनएनकेफैली की पहचान कैसे करें? (Diagnosis of Anencephaly)

Prenatal Diagnosis (गर्भावस्था में पहचान):

  1. अल्ट्रासाउंड (Ultrasound) – गर्भावस्था के 11-14 सप्ताह में ही यह पता चल सकता है।
  2. माँ के रक्त की जाँच (Maternal blood test) – AFP (Alpha-fetoprotein) स्तर की वृद्धि।
  3. Amniocentesis – भ्रूण के जलीय तरल में आनुवंशिक परीक्षण।

एनएनकेफैली का इलाज (Treatment of Anencephaly)

वर्तमान में इसका कोई इलाज नहीं है। यह एक अपरिवर्तनीय स्थिति है। ऐसे शिशु जन्म के तुरंत बाद या कुछ समय में मर जाते हैं।

इलाज की जगह मुख्य रूप से ध्यान दिया जाता है:

  • गर्भावस्था में निदान के बाद परामर्श (Genetic counseling)
  • शिशु के लिए पेलिएटिव केयर (Comfort care after birth)
  • अगली गर्भावस्था के लिए तैयारी

एनएनकेफैली की रोकथाम (Prevention of Anencephaly)

  1. फोलिक एसिड का सेवन (Folic acid intake):

    1. गर्भधारण से पहले और गर्भावस्था की शुरुआत में रोज़ाना 400 mcg फोलिक एसिड।
    1. डॉक्टर की सलाह पर हाई-रिस्क महिलाओं के लिए 4 mg तक की खुराक।
  2. स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ:

    1. शुगर को नियंत्रित रखें।
    2. धूम्रपान और शराब से बचें।
    3. जहरीले रसायनों से दूर रहें।
  3. अनुवांशिक परामर्श (Genetic counseling):

    1. यदि परिवार में न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट का इतिहास है तो गर्भधारण से पहले जाँच कराएं।

एनएनकेफैली के घरेलू उपाय (Home Remedies for Anencephaly)

चूँकि यह एक गंभीर जन्मजात स्थिति है, इसका कोई घरेलू इलाज नहीं है। केवल निम्नलिखित उपाय सहायक हो सकते हैं:

  • गर्भधारण से पहले महिला का पोषण संतुलित और समृद्ध हो।
  • फोलिक एसिड युक्त खाद्य पदार्थ जैसे – हरी पत्तेदार सब्जियाँ, अनाज, दालें, अंडा आदि शामिल करें।

एनएनकेफैली में बरती जाने वाली सावधानियाँ (Precautions in Anencephaly)

  • गर्भधारण की योजना बना रही महिलाओं को फोलिक एसिड लेना चाहिए।
  • दवाओं का सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना न करें।
  • अत्यधिक गर्म स्थानों (जैसे सौना) से दूर रहें।
  • नियमित रूप से प्रीनेटल चेकअप करवाएं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1: क्या एनएनकेफैली वाले शिशु जीवित रह सकते हैं?
A: नहीं, आमतौर पर ये शिशु जन्म के कुछ ही समय बाद मृत्यु को प्राप्त होते हैं।

Q2: क्या यह स्थिति माता-पिता की गलती से होती है?
A: नहीं, यह एक जटिल जैविक और आनुवंशिक कारणों से होती है। दोषारोपण करना अनुचित है।

Q3: क्या अगली गर्भावस्था में भी यह हो सकता है?
A: हाँ, यदि पहली गर्भावस्था में हो चुका है, तो अगली में 2–5% जोखिम रहता है।

Q4: क्या यह स्थिति रोकी जा सकती है?
A: हाँ, फोलिक एसिड का सेवन और समय पर डॉक्टर से परामर्श लेकर रोका जा सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion)

एनएनकेफैली (Anencephaly) एक बेहद गंभीर और दुखद जन्मजात विकार है जो भ्रूण के मस्तिष्क और खोपड़ी के विकास को प्रभावित करता है। इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन यह फोलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा से रोका जा सकता है। इसलिए सभी महिलाएं जो गर्भधारण की योजना बना रही हैं, उन्हें इस विषय में जागरूक होना और सही समय पर कदम उठाना अत्यंत आवश्यक है।


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