कैंडिडियासिस (Candidiasis) एक फंगल संक्रमण (Fungal Infection) है, जो कैंडिडा (Candida) नामक यीस्ट (Yeast) के कारण होता है। यह एक सामान्य संक्रमण है जो त्वचा, मुंह, गुप्तांग, आंतों और रक्त प्रवाह में हो सकता है। Candida albicans सबसे सामान्य कारण है, लेकिन अन्य Candida प्रजातियाँ भी संक्रमण कर सकती हैं।

कैंडिडियासिस क्या होता है (What is Candidiasis)
यह एक फंगल संक्रमण (Yeast infection) है, जो तब होता है जब Candida कवक शरीर में अत्यधिक मात्रा में बढ़ने लगता है। यह सामान्यतः हानिरहित होता है लेकिन जब शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है या शरीर का बैलेंस बिगड़ जाता है तो यह संक्रमण उत्पन्न करता है।
कैंडिडियासिस कारण (Causes of Candidiasis)
- कमजोर इम्यून सिस्टम (Weakened immune system)
- मधुमेह (Diabetes)
- एंटीबायोटिक्स का अत्यधिक उपयोग (Overuse of antibiotics)
- हार्मोनल बदलाव (Hormonal changes)
- अत्यधिक नमी वाले वातावरण में रहना (Living in moist conditions)
- गर्भावस्था (Pregnancy)
- संक्रामक यौन संबंध (Sexual transmission)
कैंडिडियासिस के लक्षण (Symptoms of Candidiasis)
स्थान के अनुसार लक्षण भिन्न हो सकते हैं:
1. मुंह का कैंडिडियासिस (Oral Candidiasis / Thrush)
- सफेद परत या चकत्ते (White patches)
- मुंह में जलन या दर्द (Burning or soreness)
- स्वाद में बदलाव (Loss of taste)
- निगलने में कठिनाई (Difficulty swallowing)
2. जननांग कैंडिडियासिस (Genital Candidiasis)
महिलाओं में:
- योनि में खुजली या जलन (Vaginal itching or burning)
- गाढ़ा सफेद डिस्चार्ज (Thick white discharge)
- पेशाब के समय जलन (Burning sensation while urinating)
पुरुषों में:
- लिंग की त्वचा पर लाल चकत्ते या खुजली (Redness or itching on penile skin)
- लिंग के सिर पर जलन (Burning at the tip)
3. त्वचा का कैंडिडियासिस (Cutaneous Candidiasis)
- लालिमा, खुजली, फटने वाली त्वचा (Red, itchy, cracked skin)
- आमतौर पर शरीर की सिलवटों में (Armpits, groin, under breasts)
4. इनवेसिव कैंडिडियासिस (Invasive Candidiasis)
- तेज बुखार (High fever)
- ठंड लगना (Chills)
- यह एक गंभीर संक्रमण होता है जो रक्त या अंगों को प्रभावित करता है
कैंडिडियासिस कैसे पहचाने (Diagnosis of Candidiasis)
- शारीरिक परीक्षण (Physical examination)
- स्क्रैपिंग टेस्ट (Scraping from infected area)
- ब्लड टेस्ट (Blood test) – इनवेसिव कैंडिडियासिस के लिए
- कल्चर टेस्ट (Culture test)
कैंडिडियासिस इलाज (Treatment of Candidiasis)
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एंटिफंगल दवाएं (Antifungal Medications):
- फ्लुकोनाज़ोल (Fluconazole)
- क्लोट्रिमाज़ोल (Clotrimazole)
- नायस्टेटिन (Nystatin)
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टॉपिकल क्रीम्स और लोशन्स (Topical creams and lotions)
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मौखिक दवाएं (Oral antifungals) – गंभीर मामलों के लिए
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इनवेसिव मामलों में अस्पताल में एडमिट कर एंटिफंगल इंजेक्शन दिए जाते हैं
घरेलू उपचार (Home Remedies for Candidiasis)
- नारियल तेल (Coconut oil) – एंटीफंगल गुणों से भरपूर
- सेब का सिरका (Apple cider vinegar) – संक्रमण को कम करने में सहायक
- दही (Yogurt) – प्रोबायोटिक गुणों से लाभकारी
- लहसुन (Garlic) – प्राकृतिक एंटीफंगल एजेंट
- टी ट्री ऑयल (Tea Tree Oil) – त्वचा संक्रमण में प्रभावी
नोट: किसी भी घरेलू उपाय को डॉक्टर की सलाह के बिना सीधे प्रयोग न करें।
रोकथाम (Prevention of Candidiasis)
- निजी स्वच्छता बनाए रखें
- गीले कपड़ों को जल्दी बदलें
- एंटीबायोटिक्स का आवश्यकता अनुसार ही प्रयोग करें
- संतुलित आहार लें और प्रोबायोटिक्स का सेवन करें
- डायबिटीज को कंट्रोल में रखें
- गर्भनिरोधक और हार्मोनल दवाओं का संतुलित उपयोग करें
सावधानियाँ (Precautions)
- नमी वाले स्थानों पर लंबे समय तक न रहें
- अत्यधिक मीठा भोजन और प्रोसेस्ड फूड से बचें
- प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनाए रखें
- टाइट कपड़े न पहनें, विशेषकर सिंथेटिक अंडरवियर
- लंबे समय तक कोई लक्षण बने रहने पर डॉक्टर से जांच कराएं
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्र.1: क्या कैंडिडियासिस संक्रामक है?
उत्तर: हाँ, जननांग कैंडिडियासिस यौन संपर्क के माध्यम से फैल सकता है।
प्र.2: क्या यह बार-बार हो सकता है?
उत्तर: हाँ, खासकर अगर इम्यून सिस्टम कमजोर हो या कारणों का इलाज न हो।
प्र.3: क्या यह केवल महिलाओं में होता है?
उत्तर: नहीं, यह पुरुषों में भी हो सकता है।
प्र.4: क्या घरेलू उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकता है?
उत्तर: हल्के मामलों में राहत मिल सकती है, लेकिन दवा आवश्यक हो सकती है।
प्र.5: क्या गर्भावस्था में कैंडिडियासिस सामान्य है?
उत्तर: हाँ, हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भावस्था में यह अधिक सामान्य होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
कैंडिडियासिस (Candidiasis) एक आम लेकिन कभी-कभी गंभीर फंगल संक्रमण है। यदि समय रहते इसका इलाज किया जाए और उचित सावधानियाँ बरती जाएँ, तो इससे पूरी तरह से छुटकारा पाया जा सकता है। सही निदान, दवा, और स्वच्छता से इसे दोबारा होने से भी रोका जा सकता है।