कोरिआ (Chorea) एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर (Neurological Disorder) है जिसमें व्यक्ति के शरीर के अंग अचानक, अनैच्छिक और अनियमित रूप से हिलने लगते हैं। यह गति-सम्बंधी विकार (movement disorder) मस्तिष्क के बेसल गैन्ग्लिया (Basal Ganglia) में खराबी के कारण होता है जो शरीर की गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
यह लक्षण किसी अन्य रोग जैसे हंटिंग्टन रोग (Huntington's disease), रूमैटिक फीवर (Rheumatic fever), या अन्य मेटाबोलिक और ऑटोइम्यून बीमारियों का परिणाम भी हो सकता है।
कोरिआ क्या होता है ? (What is Chorea?)
कोरिआ एक प्रकार का हाइपरकाइनेटिक मूवमेंट डिसऑर्डर (Hyperkinetic Movement Disorder) है जिसमें रोगी की मांसपेशियों में अचानक, अनैच्छिक, और झटकेदार हलचलें होती हैं। ये हरकतें कुछ सेकंड तक रहती हैं और लगातार शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती हैं।
कोरिआ के कारण (Causes of Chorea)
- हंटिंग्टन रोग (Huntington's disease) - एक आनुवंशिक न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारी
- सिडेनहैम कोरिआ (Sydenham’s chorea) - आमतौर पर रूमैटिक फीवर के बाद बच्चों में होता है
- मेटाबोलिक असंतुलन – जैसे हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia), हाइपरथायरॉयडिज्म (Hyperthyroidism)
- ऑटोइम्यून बीमारियाँ – जैसे ल्यूपस (Systemic Lupus Erythematosus)
- दवाओं के साइड इफेक्ट – जैसे एंटीप्साइकोटिक दवाएँ
- गर्भावस्था से संबंधित कोरिआ (Chorea gravidarum)
- सेरेब्रल स्ट्रोक या ट्यूमर
कोरिआ के लक्षण (Symptoms of Chorea)
- अनैच्छिक, झटकेदार मूवमेंट्स (Involuntary jerky movements)
- मांसपेशियों की कमजोरी (Muscle weakness)
- चेहरे, हाथों और पैरों की बार-बार हिलना (Repetitive movements in face, hands, feet)
- बोलने में कठिनाई (Difficulty speaking - Dysarthria)
- अस्थिर चाल (Unsteady gait)
- निगलने में समस्या (Swallowing difficulty - Dysphagia)
- भावनात्मक अस्थिरता और चिड़चिड़ापन (Emotional instability)
- एकाग्रता की कमी (Poor concentration)
कोरिआ की पहचान कैसे करें (Diagnosis of Chorea)
- क्लिनिकल जांच – न्यूरोलॉजिस्ट द्वारा लक्षणों का निरीक्षण
- रक्त जांच – संक्रमण, मेटाबोलिक असंतुलन, ऑटोइम्यून बीमारियाँ
- MRI या CT स्कैन – मस्तिष्क की संरचना का निरीक्षण
- EEG (Electroencephalogram) – मस्तिष्क की विद्युत गतिविधि जांचना
- जीन परीक्षण (Genetic Testing) – यदि हंटिंग्टन रोग की आशंका हो
कोरिआ का इलाज (Treatment of Chorea)
इलाज का उद्देश्य कोरिआ के लक्षणों को नियंत्रित करना और मूल कारण को ठीक करना होता है:
-
दवाइयाँ (Medications):
- एंटीप्साइकोटिक दवाएं (Haloperidol, Risperidone)
- एंटीएपिलेप्टिक दवाएं (Valproic acid, Carbamazepine)
- बेंज़ोडायजेपिन (Diazepam, Clonazepam)
-
हंटिंग्टन रोग में खास दवाएं – Tetrabenazine, Deutetrabenazine
-
इम्यूनोथैरेपी – यदि ऑटोइम्यून कारण हो
-
फिजियोथेरेपी और स्पीच थैरेपी
-
सर्जरी (कुछ मामलों में) – गहरी मस्तिष्क उत्तेजना (Deep Brain Stimulation)
कोरिआ से कैसे बचें (Prevention of Chorea)
- रूमैटिक फीवर से बचाव – स्ट्रेप इंफेक्शन का समय पर इलाज
- सही जीवनशैली और खान-पान
- गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच
- संक्रमण और मेटाबोलिक असंतुलन की समय पर पहचान
- आनुवंशिक परामर्श – यदि परिवार में हंटिंग्टन रोग हो
कोरिआ के घरेलू उपचार (Home Remedies for Chorea)
- तनाव प्रबंधन – योग और ध्यान
- संतुलित आहार – विटामिन B, D और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर भोजन
- नींद पूरी लें – शरीर को आराम देने से लक्षण कम हो सकते हैं
- हल्के व्यायाम – संतुलन और मांसपेशियों की शक्ति के लिए
- कैफीन और शराब से बचें
सावधानियाँ (Precautions in Chorea)
- नियमित दवाएं न छोड़ें
- डॉक्टर की सलाह से ही दवा बदलें
- मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें
- गिरने से बचने के उपाय अपनाएं
- वाहन चलाने या मशीनरी के उपयोग से परहेज करें अगर लक्षण गंभीर हों
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्र. कोरिआ क्या पूरी तरह ठीक हो सकता है?
उत्तर: यह इसके कारण पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, जैसे सिडेनहैम कोरिआ, लक्षण पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं। अन्य मामलों जैसे हंटिंग्टन रोग में केवल लक्षणों का नियंत्रण किया जा सकता है।
प्र. क्या कोरिआ बच्चों में भी हो सकता है?
उत्तर: हाँ, खासकर सिडेनहैम कोरिआ आमतौर पर 5-15 वर्ष के बच्चों में रूमैटिक फीवर के बाद होता है।
प्र. क्या कोरिआ अनुवांशिक रोग है?
उत्तर: कुछ प्रकार, जैसे हंटिंग्टन रोग, आनुवंशिक होते हैं।
प्र. क्या यह मिर्गी से जुड़ा है?
उत्तर: नहीं, कोरिआ और मिर्गी (Epilepsy) अलग स्थितियाँ हैं, हालांकि दोनों में मस्तिष्क शामिल होता है।
निष्कर्ष (Conclusion)
कोरिआ (Chorea) एक जटिल लेकिन प्रबंधनीय स्थिति है। इसके लक्षण व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन सही जांच, इलाज और सावधानियों से जीवन की गुणवत्ता बेहतर की जा सकती है। समय पर इलाज और जागरूकता से कोरिआ से जुड़ी जटिलताओं को रोका जा सकता है। यदि किसी को इस प्रकार के अनैच्छिक झटकों की शिकायत हो तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें।