Pigment Gallstones (पिगमेंट गॉलब्लैडर स्टोन या वर्णक पित्ताशय की पथरी) पित्ताशय (Gallbladder) में बनने वाले एक प्रकार के छोटे लेकिन कठोर पत्थर होते हैं जो बिलीरुबिन (Bilirubin) के अत्यधिक जमाव के कारण बनते हैं। ये पथरियाँ आमतौर पर काले या भूरे रंग की होती हैं और पाचन तंत्र में समस्याएँ उत्पन्न कर सकती हैं।
Pigment Gallstone क्या होता है ? (What is Pigment Gallstone?)
पिगमेंट स्टोन्स पित्ताशय में बनने वाले ऐसे पत्थर होते हैं जो मुख्यतः बिलीरुबिन नामक पदार्थ और कैल्शियम के जमने से बनते हैं। ये पथरी मुख्यतः दो प्रकार की होती हैं:
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ब्लैक पिगमेंट स्टोन्स (Black Pigment Stones):
- कठोर और काले रंग के होते हैं
- अक्सर क्रोनिक रोगों जैसे लिवर सिरोसिस, हेमोलिटिक एनीमिया से जुड़े होते हैं
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ब्राउन पिगमेंट स्टोन्स (Brown Pigment Stones):
- नरम और भूरे रंग के होते हैं
- बैक्टीरिया संक्रमण और बाइल डक्ट में स्टेज़िस (बाइल के रुकने) से बनते हैं
Pigment Gallstone के कारण (Causes of Pigment Gallstones)
- बिलीरुबिन का अत्यधिक निर्माण (Excess bilirubin production)
- हेमोलिटिक एनीमिया (Hemolytic anemia)
- लीवर सिरोसिस (Liver cirrhosis)
- बाइल डक्ट इंफेक्शन (Bile duct infection)
- बाइल का रुक जाना (Bile stasis)
- पित्ताशय की गतिशीलता में कमी (Poor gallbladder motility)
- जिगर से संबंधित दीर्घकालिक रोग
- एशियाई देशों में अधिक मामलों की प्रवृत्ति
Pigment Gallstone के लक्षण (Symptoms of Pigment Gallstones)
- पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में तीव्र दर्द (Right upper abdominal pain)
- खाना खाने के बाद दर्द बढ़ना
- जी मिचलाना और उल्टी
- अपच और पेट फूलना
- पीठ या कंधे तक दर्द जाना
- बुखार (यदि संक्रमण हो)
- पीलिया (यदि पथरी बाइल डक्ट को ब्लॉक करे)
- मल का रंग हल्का और पेशाब का रंग गहरा होना
कैसे पहचानें कि यह पिगमेंट गॉलब्लैडर स्टोन है? (How to Identify Pigment Gallstones?)
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): पथरी का आकार, रंग और स्थान पता चलता है
- सीटी स्कैन या एमआरसीपी (CT or MRCP): यदि जटिलता हो
- लिवर फंक्शन टेस्ट: पीलिया या बिलीरुबिन के स्तर की जांच
- ब्लड टेस्ट: संक्रमण या एनीमिया की पुष्टि
- एंडोस्कोपी (ERCP): पथरी निकालने और डक्ट की जांच के लिए
Pigment Gallstone का इलाज (Treatment of Pigment Gallstones)
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दवा द्वारा इलाज (Medical treatment):
- अधिकतर मामलों में दवा से पूर्ण उपचार संभव नहीं
- दर्द और संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स या पेनकिलर्स
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सर्जरी (Surgical treatment):
- लैप्रोस्कोपिक चोलेसिस्टेक्टोमी (Laparoscopic Cholecystectomy) – सबसे आम और प्रभावी तरीका
- ERCP द्वारा स्टोन निकालना (Endoscopic Retrograde Cholangiopancreatography) – बाइल डक्ट से स्टोन निकालने के लिए
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डाइट कंट्रोल और निगरानी:
- कम वसा और हाई-फाइबर डाइट
- नियमित रूप से फॉलोअप
Pigment Gallstone को कैसे रोका जाए (Prevention Tips)
- संतुलित और पौष्टिक भोजन करें
- फैटी फूड और तले हुए पदार्थों से परहेज
- वजन नियंत्रित रखें
- भोजन में हरी सब्जियों और फाइबर को शामिल करें
- समय पर भोजन करें और उपवास से बचें
- हेमोलिटिक और लिवर रोगों का सही इलाज कराएं
घरेलू उपाय (Home Remedies for Pigment Gallstones)
सिर्फ लक्षणों को कम करने के लिए – मेडिकल इलाज के स्थान पर नहीं:
- सेब का सिरका (Apple cider vinegar): पाचन सुधारने में सहायक
- नींबू पानी: बाइल फ्लो को बढ़ाने के लिए
- हल्दी दूध: सूजन कम करने में सहायक
- फाइबर युक्त आहार: पाचन में सहायक
- ग्रीन टी और अजवाइन पानी: अपच और गैस में राहत
नोट: यदि पथरी बड़ी या दर्द तीव्र हो, तो घरेलू उपाय नुकसानदायक हो सकते हैं।
सावधानियाँ (Precautions)
- दर्द होने पर देर न करें, तुरंत डॉक्टर से मिलें
- बिना डॉक्टर की सलाह के कोई घरेलू उपाय या दवा न लें
- ऑपरेशन के बाद डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें
- बार-बार अपच या पीलिया होने पर अल्ट्रासाउंड कराएं
- विटामिन और आयरन की कमी से बचें (खासकर हेमोलिटिक एनीमिया में)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1: क्या पिगमेंट स्टोन अपने आप निकल जाते हैं?
नहीं, इनका अपने आप निकलना बहुत दुर्लभ होता है। अधिकतर मामलों में सर्जरी की आवश्यकता होती है।
प्र.2: क्या यह स्टोन बार-बार बन सकते हैं?
यदि कारण (जैसे हेमोलिटिक एनीमिया, इंफेक्शन) का इलाज न हो, तो पथरी दोबारा बन सकती है।
प्र.3: क्या बिना दर्द के भी पथरी हो सकती है?
हाँ, कई बार पथरी साइलेंट होती है और लक्षण नहीं देती जब तक वह डक्ट को ब्लॉक न करे।
प्र.4: क्या सिर्फ डाइट से पिगमेंट स्टोन ठीक हो सकते हैं?
डाइट लक्षणों को कम कर सकती है, लेकिन स्टोन हटाने के लिए सर्जरी जरूरी होती है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Pigment Gallstones (पिगमेंट गॉलब्लैडर स्टोन) एक गंभीर स्थिति हो सकती है यदि समय पर इलाज न किया जाए। यह मुख्यतः बिलीरुबिन के असंतुलन से बनते हैं और पाचन से संबंधित समस्याओं के अलावा जिगर और बाइल डक्ट को भी प्रभावित कर सकते हैं। उचित जांच, संतुलित आहार, समय पर सर्जरी और जीवनशैली में बदलाव से इस स्थिति से न केवल बचा जा सकता है, बल्कि पूरी तरह से ठीक भी किया जा सकता है।