C-section क्या है, कब किया जाता है, इसके फायदे, जोखिम और ऑपरेशन के बाद देखभाल से जुड़ी पूरी जानकारी सरल हिंदी में जानिए।

सिजेरियन डिलीवरी (C-Section) –

सिजेरियन डिलीवरी क्या होती है?

सिजेरियन डिलीवरी जिसे मेडिकल भाषा में C-section कहा जाता है, एक ऐसा तरीका है जिसमें शिशु को माँ के पेट और गर्भाशय (uterus) की सर्जरी करके बाहर निकाला जाता है। जब नॉर्मल (प्राकृतिक) डिलीवरी से जन्म देना संभव नहीं होता या माँ और बच्चे की सुरक्षा के लिए खतरा होता है, तब डॉक्टर सिजेरियन की सलाह देते हैं।

सिजेरियन डिलीवरी कब की जाती है? (ज़रूरत कब पड़ती है?)

सिजेरियन डिलीवरी कई कारणों से की जाती है, जैसे:

  • पहले भी सिजेरियन डिलीवरी हुई हो (Previous LSCS)

  • प्रसव पीड़ा (Labour pain) समय से पहले या बहुत लंबी हो जाए

  • बच्चा उल्टी स्थिति में हो (breech position)

  • जुड़वाँ या अधिक बच्चों का गर्भ होना (twins/triplets)

  • प्लेसेंटा नीचे हो (Placenta previa)

  • बच्चे की धड़कन धीमी हो जाए

  • माँ को हाई BP, डायबिटीज या अन्य जटिलताएं हों

  • गर्भनाल (Umbilical cord) में कोई complication हो

सिजेरियन कैसे किया जाता है?

यह एक सर्जिकल प्रक्रिया होती है जिसमें:

  1. माँ को लोकल या स्पाइनल एनेस्थेसिया दिया जाता है (ताकि दर्द न हो)

  2. पेट के नीचे की त्वचा और फिर गर्भाशय में चीरा लगाया जाता है

  3. बच्चे को सावधानीपूर्वक बाहर निकाला जाता है

  4. प्लेसेंटा हटाकर uterus और पेट की परतों को सिला जाता है

पूरा प्रोसेस आमतौर पर 45 मिनट से 1 घंटे में पूरा हो जाता है।

सिजेरियन डिलीवरी के फायदे

  • माँ और बच्चे की जान जोखिम में हो तो जल्दी और सुरक्षित तरीका

  • जटिल या हाई-रिस्क प्रेग्नेंसी में लाभकारी

  • प्रसव में दर्द झेलने की आवश्यकता नहीं

सिजेरियन डिलीवरी के नुकसान और सावधानियाँ

  • ऑपरेशन के बाद रिकवरी में ज्यादा समय लगता है

  • पेट पर टांका और निशान रह जाता है

  • आगे की डिलीवरी में भी C-section की ज़रूरत पड़ सकती है

  • संक्रमण, ब्लीडिंग, और अन्य सर्जिकल जोखिम हो सकते हैं

ऑपरेशन के बाद क्या ध्यान रखें?

  • डॉक्टर द्वारा दी गई दवाएं और एंटीबायोटिक्स समय पर लें

  • टांके को साफ और सूखा रखें

  • भारी सामान उठाने से बचें

  • धीरे-धीरे चलना और हल्का व्यायाम रिकवरी में मदद करता है

  • ब्रेस्टफीडिंग जारी रखें (अगर संभव हो तो)

क्या सिजेरियन के बाद नॉर्मल डिलीवरी हो सकती है?

हाँ, कुछ मामलों में VBAC (Vaginal Birth After Cesarean) संभव होता है, लेकिन यह डॉक्टर की सलाह और कई मेडिकल फैक्टर्स पर निर्भर करता है। यदि uterus का पुराना चीरा मजबूत हो, तो नॉर्मल डिलीवरी संभव हो सकती है।

आम सवाल-जवाब (FAQs):

प्रश्न: सिजेरियन डिलीवरी कितने प्रकार की होती है?
उत्तर: मुख्यतः दो प्रकार –

  1. Emergency C-section (आपात स्थिति में)

  2. Elective C-section (पहले से तय)

प्रश्न: क्या सिजेरियन डिलीवरी सुरक्षित है?
उत्तर: हाँ, जब ज़रूरत हो और प्रशिक्षित डॉक्टर द्वारा की जाए, तो यह माँ और बच्चे दोनों के लिए सुरक्षित होती है।

प्रश्न: ऑपरेशन के बाद अस्पताल में कितने दिन रुकना पड़ता है?
उत्तर: सामान्यतः 3 से 5 दिन तक।

निष्कर्ष:

C-section यानी सिजेरियन डिलीवरी एक आधुनिक, सुरक्षित और जीवन रक्षक तरीका है, खासकर जब नॉर्मल डिलीवरी संभव नहीं हो। हालांकि यह एक सर्जरी है, इसलिए इससे जुड़ी सावधानियाँ ज़रूरी हैं। डॉक्टर की सलाह मानना, रिपोर्ट्स की जांच करवाना, और प्रसव से पहले पूरी तैयारी रखना जरूरी है।

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