Cardiac Fibroma एक दुर्लभ लेकिन महत्वपूर्ण हृदय ट्यूमर (heart tumor) है जो आमतौर पर बच्चों (pediatric patients) में पाया जाता है। यह एक सौम्य (non-cancerous) फाइब्रस टिशू से बना ट्यूमर होता है, जो मुख्य रूप से हृदय की दीवारों (ventricular walls) में विकसित होता है। हालांकि यह कैंसर नहीं होता, लेकिन यह हृदय की कार्यप्रणाली को बाधित कर सकता है।
Cardiac Fibroma क्या होता है ( What is Cardiac Fibroma)?
Cardiac Fibroma एक बेनाइन (सौम्य) ट्यूमर है जो फाइब्रोस कनेक्टिव टिशू (fibrous connective tissue) से बना होता है। यह प्रायः बाएं निलय (left ventricle) या दाएं निलय (right ventricle) में बनता है और धीरे-धीरे बढ़ता है, जिससे दिल की धड़कनों की अनियमितता (arrhythmia), रक्त प्रवाह में रुकावट या दिल की कार्यक्षमता में गिरावट आ सकती है।
Cardiac Fibroma कारण (Causes of Cardiac Fibroma)
- जन्मजात विकृति (Congenital defect)
- Genetic mutations (कुछ मामलों में)
- Gorlin Syndrome (Nevoid Basal Cell Carcinoma Syndrome) – इससे जुड़े हो सकते हैं
- Unclear etiology – अधिकतर मामलों में स्पष्ट कारण नहीं मिलता
यह अक्सर non-hereditary होता है और जन्म के समय से मौजूद हो सकता है।
Cardiac Fibroma लक्षण (Symptoms of Cardiac Fibroma)
लक्षण ट्यूमर के आकार, स्थान और हृदय की कार्यप्रणाली पर प्रभाव के आधार पर बदल सकते हैं:
- तेज़ या अनियमित धड़कन (Palpitations)
- बेहोशी (Fainting or syncope)
- सांस लेने में तकलीफ (Dyspnea)
- छाती में दर्द (Chest pain)
- थकावट (Fatigue)
- हृदय की धड़कनों में रुकावट या अवरोध (Arrhythmia)
- नवजात में cyanosis या poor feeding
- अचानक हृदयगति रुकना (Sudden cardiac arrest – दुर्लभ लेकिन गंभीर)
Cardiac Fibroma कैसे पहचानें (Diagnosis of Cardiac Fibroma)
- Echocardiography (इकोकार्डियोग्राफी) – प्रारंभिक जांच
- MRI or Cardiac MRI – ट्यूमर की सटीक स्थिति और आकार जानने के लिए
- CT Scan – अगर MRI उपलब्ध न हो
- Electrocardiogram (ECG) – हृदय की विद्युत गतिविधि का मूल्यांकन
- Holter Monitoring – arrhythmias की पहचान
- Biopsy (कुछ मामलों में) – ट्यूमर के प्रकार की पुष्टि हेतु
Cardiac Fibroma इलाज (Treatment of Cardiac Fibroma)
इलाज इस पर निर्भर करता है कि ट्यूमर कितना बड़ा है और हृदय पर कितना असर डाल रहा है:
1. Observation (यदि ट्यूमर छोटा और लक्षणहीन हो)
- नियमित इकोकार्डियोग्राफी और मॉनिटरिंग
2. Surgical Removal (शल्यक्रिया द्वारा निकालना)
- लक्षण उत्पन्न करने वाले या बड़े ट्यूमर के लिए
- यह प्राथमिक उपचार है
3. Arrhythmia Management
- एंटी-आरिदमिक दवाएँ
- Pacemaker या ICD (Implantable Cardioverter Defibrillator) की ज़रूरत पड़ सकती है
4. Heart Transplant (बहुत दुर्लभ मामलों में)
- जब ट्यूमर बहुत बड़ा हो और हृदय का कार्य ठप कर दे
रोकथाम (Prevention of Cardiac Fibroma)
यह एक जन्मजात और सौम्य ट्यूमर होता है, इसलिए इसे रोका नहीं जा सकता। लेकिन:
- यदि Gorlin syndrome या अन्य genetic condition का इतिहास हो तो genetic counseling करें
- नियमित prenatal ultrasounds – कुछ मामलों में गर्भ में पता लग सकता है
- जन्म के बाद शिशु की हृदय जांच करवाना
घरेलू उपाय (Home Care Tips)
केवल इलाज के बाद रिकवरी और देखभाल में सहायक:
- बच्चे की हृदय गति की निगरानी रखना
- थकान से बचाव – बहुत अधिक शारीरिक मेहनत न कराएं
- समय पर दवाइयाँ देना
- नियमित कार्डियोलॉजिस्ट से फॉलोअप
- सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा बताई गई गतिविधियों और खान-पान का पालन करना
सावधानियाँ (Precautions)
- बच्चे की धड़कनों में किसी भी अनियमितता को नजरअंदाज न करें
- बेहोशी, सांस फूलना या छाती में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
- ऑपरेशन के बाद पुनः जांच समय पर कराएं
- संभावित arrhythmia के लिए ECG नियमित रूप से कराते रहें
- परिवार को CPR जैसी आपातकालीन तकनीक सिखाना उपयोगी हो सकता है
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्र.1: क्या Cardiac Fibroma कैंसर है?
उत्तर: नहीं, यह एक सौम्य (benign) ट्यूमर है।
प्र.2: क्या यह ट्यूमर खतरनाक हो सकता है?
उत्तर: हां, अगर यह हृदय की विद्युत प्रणाली या रक्त प्रवाह में बाधा डाले तो गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं।
प्र.3: क्या यह स्थिति जीवनभर रहती है?
उत्तर: यदि सर्जरी से हटा दिया जाए, तो इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है।
प्र.4: क्या यह वयस्कों में भी हो सकता है?
उत्तर: अधिकतर मामले बच्चों में पाए जाते हैं, लेकिन बहुत दुर्लभ मामलों में वयस्कों में भी हो सकता है।
प्र.5: क्या Cardiac Fibroma दोबारा हो सकता है?
उत्तर: नहीं, यदि इसे पूरी तरह से हटा दिया जाए तो सामान्यतः यह दोबारा नहीं आता।
निष्कर्ष (Conclusion)
Cardiac Fibroma एक दुर्लभ लेकिन गंभीर हृदय ट्यूमर है जो मुख्य रूप से बच्चों में पाया जाता है। यह कैंसर नहीं होता लेकिन हृदय के कार्य को प्रभावित कर सकता है। सही समय पर निदान और सर्जरी से इसका इलाज संभव है। माता-पिता को चाहिए कि वे किसी भी संदिग्ध लक्षण जैसे बेहोशी, छाती में दर्द या अनियमित धड़कनों को नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें।