Chronic Autoimmune Gastritis (CAG) एक दीर्घकालिक पाचन रोग है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (immune system) गलती से पेट की परत (gastric mucosa) पर हमला करती है। इस प्रक्रिया से पेट में सूजन होती है और समय के साथ पाचन तंत्र, विशेष रूप से विटामिन B12 के अवशोषण में बाधा आती है।
यह स्थिति अक्सर धीरे-धीरे विकसित होती है और इसके लक्षण वर्षों तक स्पष्ट नहीं होते, जिससे निदान में देरी हो सकती है।
Chronic Autoimmune Gastritis क्या होता है ? (What is Chronic Autoimmune Gastritis?)
Chronic Autoimmune Gastritis एक Autoimmune Disorder है जिसमें शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली पेट की परत (gastric lining) को नष्ट करने लगती है, विशेषकर जो intrinsic factor नामक प्रोटीन और parietal cells बनाती हैं। इस कारण व्यक्ति को पर्निशियस एनीमिया (Pernicious Anemia) और विटामिन B12 की कमी हो सकती है।
Chronic Autoimmune Gastritis कारण (Causes of Chronic Autoimmune Gastritis):
- ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया (Autoimmune reaction)
- जेनेटिक कारण (Genetic predisposition)
- Type 1 Diabetes या थायरॉइड डिज़ीज जैसी दूसरी ऑटोइम्यून बीमारियों का इतिहास
- Helicobacter pylori संक्रमण (कुछ मामलों में यह ट्रिगर हो सकता है)
Chronic Autoimmune Gastritis के लक्षण (Symptoms of Chronic Autoimmune Gastritis):
- पेट में हल्की जलन या बेचैनी (Mild burning or discomfort in abdomen)
- मतली या जी मिचलाना (Nausea)
- भूख में कमी (Loss of appetite)
- वजन घटना (Weight loss)
- थकावट और कमजोरी (Fatigue and weakness)
- पेट फूलना (Bloating)
- विटामिन B12 की कमी के कारण:
- हाथ-पैर में झनझनाहट (Tingling in hands/feet)
- ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई (Difficulty concentrating)
- भूलने की आदत (Forgetfulness)
- एनीमिया (Anemia)
Chronic Autoimmune Gastritis कैसे पहचाने (Diagnosis of Chronic Autoimmune Gastritis):
- Gastroscopy (एंडोस्कोपी के माध्यम से पेट की जांच)
- Biopsy (पेट की परत की बायोप्सी)
- ब्लड टेस्ट:
- Vitamin B12 levels
- Anti-parietal cell antibodies
- Intrinsic factor antibodies
- CBC (Complete Blood Count)
- Serum Gastrin Test
Chronic Autoimmune Gastritis इलाज (Treatment of Chronic Autoimmune Gastritis):
- Vitamin B12 सप्लीमेंटेशन (Injection या Oral)
- Iron सप्लीमेंट (यदि एनीमिया हो)
- प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स (PPI) जैसे दवाइयाँ - सूजन को कम करने के लिए
- Helicobacter pylori का इलाज (यदि मौजूद हो)
- डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित फॉलोअप और निगरानी
Chronic Autoimmune Gastritis कैसे रोके Chronic Autoimmune Gastritis को (Prevention Tips):
- जिनको ऑटोइम्यून बीमारियों का पारिवारिक इतिहास है, वे नियमित जांच कराते रहें
- विटामिन B12 की निगरानी करें
- Helicobacter pylori संक्रमण से बचाव करें
- शराब और धूम्रपान से बचें
- असंतुलित खानपान और प्रोसेस्ड फूड से बचाव करें
घरेलू उपाय (Home Remedies for Chronic Autoimmune Gastritis):
ध्यान दें: घरेलू उपाय केवल डॉक्टर द्वारा दिए गए इलाज के पूरक के रूप में उपयोग करें।
- आंवला (Amla): पेट की सूजन कम करने में सहायक
- सौंफ और जीरा का पानी: पाचन में सहायक
- एलोवेरा जूस: गैस्ट्रिक परत को शांत करता है
- हल्दी: सूजन कम करने के लिए
- सादा और सुपाच्य भोजन खाएं
- तनाव कम करें - योग और मेडिटेशन करें
सावधानियाँ (Precautions):
- बिना डॉक्टर की सलाह के विटामिन B12 सप्लीमेंट न लें
- कोई भी लक्षण नज़रअंदाज़ न करें
- यदि आपको Type 1 Diabetes, थायरॉइड या कोई अन्य ऑटोइम्यून बीमारी है, तो पेट की जाँच जरूर कराएं
- बार-बार मतली या भूख न लगना हो तो डॉक्टर से सलाह लें
- संतुलित आहार लें और पर्याप्त नींद लें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
Q1. क्या Chronic Autoimmune Gastritis का इलाज संभव है?
A: इसका मूल कारण (autoimmunity) पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन विटामिन B12 सप्लीमेंट और निगरानी से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
Q2. क्या यह कैंसर का कारण बन सकता है?
A: हां, यदि लंबे समय तक अनियंत्रित रहे तो गैस्ट्रिक कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। नियमित जांच आवश्यक है।
Q3. क्या यह रोग संक्रामक होता है?
A: नहीं, यह एक ऑटोइम्यून स्थिति है और संक्रामक नहीं होती।
Q4. क्या यह बच्चों में हो सकता है?
A: यह अधिकतर वयस्कों में देखा जाता है, परंतु दुर्लभ मामलों में बच्चों में भी हो सकता है।
Q5. विटामिन B12 की कमी के क्या खतरे हैं?
A: थकावट, एनीमिया, न्यूरोलॉजिकल समस्याएं और याददाश्त में कमी।
निष्कर्ष (Conclusion):
Chronic Autoimmune Gastritis एक गंभीर लेकिन नियंत्रित की जा सकने वाली स्थिति है। इसका समय पर निदान और उपचार आवश्यक है, विशेषकर विटामिन B12 की पूर्ति के लिए। नियमित जांच, संतुलित आहार, और स्वस्थ जीवनशैली इसके प्रभावों को कम करने में मदद करते हैं। लक्षणों को नजरअंदाज न करें और किसी भी असुविधा की स्थिति में तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें।