कोलिक (Colic) एक ऐसी स्थिति है जिसमें शिशु (infant) दिन में कई बार और लगातार तेज़ रोता है, खासकर शाम के समय। यह स्थिति आमतौर पर जन्म के कुछ हफ्तों के बाद शुरू होती है और लगभग 3 से 4 महीनों तक चलती है। कोलिक एक बीमारी नहीं है, बल्कि एक लक्षणात्मक स्थिति है जो गैस, अपच या संवेदनशील तंत्रिका तंत्र के कारण हो सकती है।
कोलिक क्या होता है ? (What is Colic?):
Colic एक नवजात शिशु की सामान्य समस्या है जिसमें शिशु बिना किसी स्पष्ट कारण के दिन में 3 घंटे से अधिक, सप्ताह में 3 दिन या उससे अधिक और 3 सप्ताह तक लगातार रोता है। इसे "3-3-3 नियम" से भी पहचाना जाता है।
कोलिक के कारण (Causes of Colic):
- पाचन समस्याएं (Digestive issues)
- अत्यधिक गैस बनना (Gas accumulation)
- लैक्टोज असहिष्णुता (Lactose intolerance)
- शिशु का अत्यधिक संवेदनशील होना (Immature nervous system)
- माँ के दूध या फॉर्मूला दूध से एलर्जी
- अत्यधिक हवा निगलना (Swallowed air while feeding or crying)
- परिवार में तनाव या वातावरण में बदलाव
कोलिक के लक्षण (Symptoms of Colic):
- तेज़ और अचानक रोना
- घुटनों को पेट की ओर खींचना
- पेट फूला हुआ लगना
- चेहरे पर लालिमा
- हाथ-पैर पटकना
- गैस पास करना
- खिलाने या सुलाने के बावजूद चुप न होना
कोलिक का इलाज (Treatment of Colic):
कोलिक का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन कुछ उपायों से शिशु को आराम पहुंचाया जा सकता है:
- गैस रिलीफ ड्रॉप्स (Simethicone drops)
- प्रोबायोटिक्स: विशेष रूप से Lactobacillus reuteri युक्त
- साफ और शांत वातावरण में रखना
- Burping कराना हर दूध पिलाने के बाद
- संगीत या व्हाइट नॉइज़ चलाना
- हल्के हाथों से पेट पर मालिश करना
- गर्म पानी से स्नान
किसी भी दवा के प्रयोग से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।
कोलिक को कैसे रोके (Prevention of Colic):
- धीरे-धीरे दूध पिलाना और बीच में डकार दिलाना
- दूध पिलाते समय बोतल का सही कोण रखना ताकि हवा न जाए
- माँ का खान-पान संतुलित रखें
- गर्भावस्था और प्रसव के बाद माँ का तनाव कम रखें
- दूध के बाद शिशु को सीधा पकड़कर रखें
कोलिक के घरेलू उपाय (Home Remedies for Colic):
- हींग का लेप: हींग को पानी में घोलकर शिशु के पेट पर हल्के से लगाएं।
- सौंफ का पानी: माँ सौंफ का पानी पी सकती है जिससे दूध के माध्यम से लाभ हो सकता है।
- गुनगुने पानी की थैली से सेंक
- हल्की मालिश तिल या नारियल तेल से
- पालना झुलाना या गोदी में लेना
कोलिक में सावधानियाँ (Precautions during Colic):
- जब बच्चा रो रहा हो, तब उसे अकेला न छोड़ें।
- रोते समय झुंझलाहट में बच्चे को जोर से न झटकें।
- डॉक्टर से संपर्क करें यदि रोना बहुत ज़्यादा हो और कुछ भी काम न कर रहा हो।
- अधिक दूध या जल्दी-जल्दी फीडिंग से बचें।
- यदि बच्चा दूध नहीं पी रहा, उल्टी कर रहा है या वजन नहीं बढ़ रहा, तो डॉक्टर से जांच कराएं।
कोलिक की पहचान कैसे करें (Diagnosis of Colic):
कोलिक की कोई विशेष मेडिकल टेस्ट नहीं होती। डॉक्टर लक्षणों के आधार पर ही पहचान करते हैं। अन्य बीमारियों को बाहर करने के लिए निम्न की जांच की जा सकती है:
- शारीरिक जांच (Physical examination)
- फीडिंग पैटर्न का विश्लेषण
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याओं का मूल्यांकन
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्र.1: कोलिक कितने समय तक रहता है?
उत्तर: आमतौर पर यह 3-4 महीने तक रहता है।
प्र.2: क्या कोलिक खतरनाक होता है?
उत्तर: नहीं, यह सामान्य स्थिति है और समय के साथ ठीक हो जाती है।
प्र.3: क्या कोलिक केवल रात में होता है?
उत्तर: अधिकतर मामले शाम या रात में ज्यादा होते हैं, लेकिन कभी-कभी दिन में भी हो सकता है।
प्र.4: क्या माँ के खानपान से कोलिक होता है?
उत्तर: हां, कभी-कभी माँ के खाने से एलर्जी या गैस शिशु तक पहुँच सकती है।
प्र.5: क्या कोलिक बार-बार होता है?
उत्तर: नहीं, यह केवल नवजात शिशुओं में एक सीमित अवधि के लिए होता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
कोलिक (Colic) एक सामान्य लेकिन थकाने वाली स्थिति हो सकती है जो नवजात शिशुओं में होती है। यह कोई बीमारी नहीं है बल्कि एक अस्थायी परेशानी है जो कुछ महीनों में अपने आप ठीक हो जाती है। सही देखभाल, घरेलू उपाय, और डॉक्टर की सलाह से शिशु को राहत दिलाई जा सकती है। माता-पिता को धैर्य रखना और घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि यह अवस्था अस्थायी होती है।