Congenital Pyloric Atresia (जन्मजात पाइ्लोरिक एट्रेशिया) एक दुर्लभ जन्मजात स्थिति है जिसमें पेट (stomach) और छोटी आंत (small intestine) के बीच स्थित पाइ्लोरस (pylorus) नामक हिस्सा अविकसित या अवरुद्ध होता है। इसका परिणाम यह होता है कि नवजात शिशु भोजन को पेट से आगे की आंत में नहीं भेज पाता।
Congenital Pyloric Atresia क्या होता है (What is Congenital Pyloric Atresia)?
यह स्थिति शिशु के जन्म के समय ही मौजूद होती है और इसमें पाइलोरिक चैनल पूरी तरह बंद या अनुपस्थित हो सकता है, जिससे भोजन पेट से डुओडेनम (duodenum) तक नहीं पहुँच पाता। यह स्थिति शिशु को गंभीर पोषण व गैस्ट्रिक समस्याओं की ओर ले जाती है।
Congenital Pyloric Atresia कारण (Causes of Congenital Pyloric Atresia)
- जन्मजात विकास दोष (Congenital malformation)
- आनुवंशिक कारण (Genetic factors)
- Epidermolysis Bullosa जैसी सिंड्रोम से जुड़ा हो सकता है
- गर्भावस्था में कुछ संक्रमण या विकृतियाँ
Congenital Pyloric Atresia के लक्षण (Symptoms of Congenital Pyloric Atresia)
- जन्म के कुछ घंटों के भीतर उल्टी (Vomiting) – अक्सर बिना पित्त के
- पेट में सूजन (Abdominal distension)
- दूध या फॉर्मूला पिलाने के बाद तुरंत उल्टी होना
- वजन न बढ़ना या घट जाना
- शिशु का सुस्त या कमज़ोर रहना
- डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) के लक्षण
Congenital Pyloric Atresia कैसे पहचाने (Diagnosis)
- एक्स-रे (X-ray Abdomen) – गैस का पेट में रहना लेकिन आंत में नहीं जाना
- अल्ट्रासाउंड (Ultrasound)
- बेरियम स्वालो टेस्ट (Barium swallow study)
- फिजिकल एग्जामिनेशन और मेडिकल हिस्ट्री
Congenital Pyloric Atresia इलाज (Treatment of Congenital Pyloric Atresia)
- सर्जरी (Surgical correction): एकमात्र प्रभावी इलाज है। शिशु को जनरल एनेस्थीसिया देकर अवरुद्ध हिस्से को काट कर नया रास्ता बनाया जाता है।
- IV Fluids और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंसिंग
- सर्जरी के बाद विशेष न्यूट्रिशन पर ध्यान देना
Congenital Pyloric Atresia कैसे रोके (Prevention)
- चूंकि यह एक जन्मजात विकृति है, इसलिए इसे पूरी तरह रोका नहीं जा सकता
- गर्भावस्था के दौरान नियमित जाँच और फोलिक एसिड जैसी सप्लीमेंट्स लेना मददगार हो सकता है
- आनुवंशिक परामर्श (Genetic counseling) ज़रूरी हो सकता है यदि पारिवारिक इतिहास हो
घरेलू उपाय (Home Remedies)
इस स्थिति में कोई घरेलू उपाय प्रभावी नहीं होते क्योंकि यह एक मेडिकल इमरजेंसी होती है और सर्जरी की आवश्यकता होती है।
हालाँकि, सर्जरी के बाद:
- मां का दूध पिलाना सबसे उपयुक्त होता है
- धीरे-धीरे तरल से ठोस आहार की ओर बढ़ाना
- डॉक्टर की सलाह पर विशेष डाइट
सावधानियाँ (Precautions)
- सर्जरी के बाद संक्रमण से बचाव
- बच्चे की वृद्धि और विकास की निगरानी
- पोस्ट-ऑपरेटिव फॉलोअप न छोड़ें
- दूध पिलाने का तरीका डॉक्टर से समझना
- कोई भी नया आहार डॉक्टर की सलाह पर देना
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
Q1. क्या Congenital Pyloric Atresia पूरी तरह ठीक हो सकता है?
हाँ, अगर समय पर सर्जरी की जाए तो शिशु पूरी तरह से स्वस्थ जीवन जी सकता है।
Q2. क्या यह स्थिति बार-बार होती है?
नहीं, यह जन्मजात होती है और एक बार इलाज के बाद दोबारा नहीं होती।
Q3. क्या यह स्थिति वंशानुगत होती है?
कुछ मामलों में, हाँ। विशेष रूप से यदि परिवार में कोई आनुवंशिक सिंड्रोम हो।
Q4. शिशु को कब अस्पताल ले जाएँ?
अगर जन्म के तुरंत बाद शिशु दूध नहीं पी पा रहा हो या बार-बार उल्टी हो रही हो।
निष्कर्ष (Conclusion)
Congenital Pyloric Atresia (जन्मजात पाइ्लोरिक एट्रेशिया) एक गंभीर लेकिन इलाज योग्य स्थिति है। जल्दी पहचान और सर्जिकल इलाज से बच्चे को सामान्य जीवन देने में मदद मिल सकती है। माता-पिता को इसके लक्षणों को पहचान कर समय पर चिकित्सीय सहायता लेनी चाहिए।