Khushveer Choudhary

Continuous Glucose Monitoring - CGM: कारण, प्रक्रिया, फायदे, सावधानियाँ

कंटीन्यूअस ग्लूकोज़ मॉनिटरिंग (CGM) एक आधुनिक तकनीक है जो शरीर में ग्लूकोज़ (Blood Sugar) के स्तर को लगातार मापती है। यह विशेष रूप से मधुमेह (Diabetes) रोगियों के लिए उपयोगी होती है, ताकि वे अपने शुगर लेवल पर निरंतर नजर रख सकें। CGM मोबाइल ऐप्स और अलार्म सिस्टम के साथ काम करती है जो असामान्य स्तर होने पर तुरंत चेतावनी देती है।









कंटीन्यूअस ग्लूकोज़ मॉनिटरिंग क्या होता है  (What is Continuous Glucose Monitoring):

यह एक ऐसा उपकरण है जिसे त्वचा के नीचे एक छोटा सेंसर लगाकर उपयोग किया जाता है। यह सेंसर शरीर में इंटरस्टिशियल फ्लूइड में मौजूद ग्लूकोज़ को हर कुछ मिनट में मापता है और मोबाइल या रीडर डिवाइस पर डेटा भेजता है।

कंटीन्यूअस ग्लूकोज़ मॉनिटरिंग कारण (Causes for using CGM):

  • टाइप 1 मधुमेह (Type 1 Diabetes)
  • टाइप 2 मधुमेह (Type 2 Diabetes)
  • गर्भकालीन मधुमेह (Gestational Diabetes)
  • लगातार फ्लक्चुएटिंग शुगर लेवल
  • हाइपोग्लाइसीमिया अनवेरनेस (Hypoglycemia Unawareness)

कंटीन्यूअस ग्लूकोज़ मॉनिटरिंग के लक्षण (Symptoms of Uncontrolled Glucose Levels):

  • अत्यधिक प्यास (Excessive Thirst)
  • बार-बार पेशाब आना (Frequent Urination)
  • थकान (Fatigue)
  • धुंधली दृष्टि (Blurred Vision)
  • चक्कर आना (Dizziness)
  • बेहोशी या भ्रम (Unconsciousness or Confusion – in case of hypo/hyperglycemia)

परीक्षण प्रक्रिया (Test Procedure):

  1. त्वचा के नीचे सेंसर लगाया जाता है।
  2. यह सेंसर हर 5 से 15 मिनट में ग्लूकोज़ स्तर मापता है।
  3. डेटा मोबाइल ऐप या CGM डिवाइस में स्टोर होता है।
  4. डॉक्टर को यह रिपोर्ट भेजी जा सकती है।

उपचार (Treatment based on CGM):

  • इंसुलिन की डोज़ में बदलाव
  • भोजन योजना में सुधार
  • दवाओं की मात्रा समायोजित करना
  • दिनचर्या में परिवर्तन (जैसे व्यायाम)

कंटीन्यूअस ग्लूकोज़ मॉनिटरिंग कैसे रोके (Prevention / Management Tips):

  • नियमित भोजन और दवा लेना
  • इंसुलिन के डोज़ समय पर लेना
  • तनाव को कम करना
  • व्यायाम करना
  • अधिक मीठा या फैट वाला खाना टालना

घरेलू उपाय (Home Remedies):

  • मेथी दाना (Fenugreek Seeds)
  • दालचीनी (Cinnamon)
  • एलोवेरा जूस
  • नाश्ते में जटिल कार्बोहाइड्रेट
  • हल्का व्यायाम या योग

सावधानियाँ (Precautions):

  • सेंसर को सही तरीके से लगाना
  • सेंसर को समय पर बदलना
  • मोबाइल ऐप को नियमित रूप से सिंक करना
  • संक्रमण से बचाव के लिए त्वचा की सफाई रखना
  • CGM का डेटा डॉक्टर के साथ साझा करना

कैसे पहचाने कि CGM की ज़रूरत है? (How to Identify the Need for CGM):

  • अगर बार-बार शुगर लेवल कम या ज्यादा होता है
  • हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण बिना चेतावनी आते हैं
  • इंसुलिन लेने के बाद प्रतिक्रिया समझ नहीं आती
  • गर्भावस्था में शुगर लेवल की नियमित निगरानी चाहिए

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

Q1. क्या CGM सभी मधुमेह रोगियों के लिए जरूरी है?
A1. नहीं, यह विशेष रूप से टाइप 1 या गंभीर टाइप 2 मधुमेह रोगियों के लिए ज्यादा फायदेमंद है।

Q2. क्या CGM से सुई बार-बार लगानी पड़ती है?
A2. नहीं, सेंसर एक बार में 7-14 दिनों तक चलता है।

Q3. क्या यह मोबाइल से जुड़ सकता है?
A3. हाँ, ज्यादातर CGM मोबाइल ऐप के साथ सिंक्रोनाइज़ होते हैं।

Q4. क्या CGM पूरी तरह से सटीक होता है?
A4. यह बहुत सटीक होता है लेकिन कभी-कभी ब्लड शुगर चेक करके पुष्टि करना आवश्यक हो सकता है।

निष्कर्ष (Conclusion):

कंटीन्यूअस ग्लूकोज़ मॉनिटरिंग (CGM) तकनीक ने मधुमेह प्रबंधन को सरल और सुरक्षित बना दिया है। यह रोगी को अपने शरीर में हो रहे परिवर्तनों को तुरंत समझने और समय रहते निर्णय लेने की सुविधा देता है। डॉक्टर की सलाह लेकर सही CGM सिस्टम चुनना और उसे नियमित रूप से इस्तेमाल करना, दीर्घकालीन स्वास्थ्य लाभ में मदद करता है।


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