कॉर्टिसोल टेस्ट (Cortisol Test) एक ब्लड, यूरिन या सलाइवा टेस्ट होता है जो शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन के स्तर को मापता है। कॉर्टिसोल एक स्ट्रेस हार्मोन है जो एड्रिनल ग्रंथियों (Adrenal Glands) द्वारा उत्पादित होता है। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म, ब्लड प्रेशर, इम्यून रिस्पॉन्स और तनाव से निपटने में मदद करता है।
Cortisol Test क्या होता है ? (What is Cortisol Test?):
यह टेस्ट यह जानने के लिए किया जाता है कि शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर सामान्य है या नहीं। यह टेस्ट हाइपरकोर्टिसोलिज़्म (जैसे कुशिंग सिंड्रोम) या हाइपोकॉर्टिसोलिज़्म (जैसे एडिसन डिजीज) जैसी बीमारियों की पहचान में मदद करता है।
कॉर्टिसोल असंतुलन के कारण (Causes of Cortisol Imbalance):
- कुशिंग सिंड्रोम (Cushing's Syndrome) – अत्यधिक कॉर्टिसोल
- एडिसन डिजीज (Addison's Disease) – बहुत कम कॉर्टिसोल
- अत्यधिक तनाव (Chronic Stress)
- पिट्यूटरी ट्यूमर (Pituitary Tumor)
- एड्रिनल ग्रंथि की खराबी (Adrenal Gland Dysfunction)
- लंबे समय तक स्टेरॉइड का उपयोग
कॉर्टिसोल असंतुलन के लक्षण (Symptoms of Cortisol Imbalance):
उच्च स्तर (High Cortisol Levels):
- वजन बढ़ना (Weight gain), विशेषकर पेट और चेहरे पर
- हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
- मांसपेशियों की कमजोरी (Muscle weakness)
- मूड स्विंग्स और चिड़चिड़ापन (Mood changes)
- डिप्रेशन या एंग्जायटी
- नींद में बाधा (Insomnia)
- मासिक धर्म अनियमितता (Irregular menstruation)
- त्वचा पतली होना और जल्दी चोट लगना
कम स्तर (Low Cortisol Levels):
- थकान और कमजोरी (Fatigue and weakness)
- वजन घटना (Weight loss)
- लो ब्लड प्रेशर (Low blood pressure)
- डिप्रेशन
- भूख में कमी
- मतली और उल्टी
- त्वचा पर डार्क पैच
Cortisol Test कैसे पहचानें (Diagnosis through Cortisol Test):
- ब्लड टेस्ट (Blood Test) – सुबह और शाम में कॉर्टिसोल स्तर में बदलाव देखा जाता है
- यूरिन टेस्ट (24-Hour Urine Test) – पूरे दिन का स्तर जांचने के लिए
- सलाइवा टेस्ट (Saliva Test) – रात के समय कॉर्टिसोल स्तर की जाँच
- ACTH स्टिमुलेशन टेस्ट – एड्रिनल ग्रंथि की कार्यक्षमता जानने हेतु
Cortisol Test इलाज (Treatment of Cortisol Imbalance):
- मेडिकेशन (Medicines) – जैसे केटोकोनाजोल, मेटिरापोन आदि
- हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (Hormone replacement therapy)
- सर्जरी – ट्यूमर हटाने के लिए
- लाइफस्टाइल मैनेजमेंट – तनाव प्रबंधन, योग, ध्यान
Cortisol Test कैसे रोके (Prevention Tips):
- अत्यधिक तनाव से बचें
- पर्याप्त नींद लें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- संतुलित आहार लें
- डॉक्टर की सलाह के बिना स्टेरॉइड का सेवन न करें
घरेलू उपाय (Home Remedies):
- आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ – अश्वगंधा, तुलसी
- योग और ध्यान
- ग्रीन टी और हर्बल चाय
- नियमित दिनचर्या अपनाना
सावधानियाँ (Precautions):
- टेस्ट के दिन तनाव न लें
- खाली पेट टेस्ट कराने की सलाह दी जाती है
- टेस्ट का समय डॉक्टर के निर्देश अनुसार चुनें
- दवा का सेवन बिना परामर्श बंद न करें
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):
Q1. कॉर्टिसोल टेस्ट कब कराना चाहिए?
A: जब आपको लंबे समय से थकान, वजन परिवर्तन या मूड में बदलाव महसूस हो।
Q2. क्या कॉर्टिसोल लेवल बढ़ने से बाल झड़ सकते हैं?
A: हां, लंबे समय तक हाई लेवल बाल झड़ने का कारण बन सकता है।
Q3. कॉर्टिसोल टेस्ट की कीमत कितनी होती है?
A: लगभग ₹500 से ₹1500 तक (स्थान पर निर्भर करता है)।
Q4. क्या कॉर्टिसोल लेवल डाइट से कंट्रोल किया जा सकता है?
A: हां, एंटीऑक्सीडेंट और संतुलित आहार से यह कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
कॉर्टिसोल टेस्ट (Cortisol Test) एक महत्वपूर्ण हार्मोनल जांच है जो शरीर में तनाव प्रतिक्रिया, मेटाबॉलिज्म और अन्य फिजियोलॉजिकल क्रियाओं को संतुलित करने में मदद करता है। अगर आपके शरीर में लगातार थकान, वजन बदलाव या मूड समस्याएँ हो रही हैं, तो यह टेस्ट आवश्यक हो सकता है। सही समय पर जांच और इलाज से गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।
