प्रोलैक्टिन (Prolactin) एक हार्मोन है जो पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary gland) द्वारा उत्पन्न होता है। इसका मुख्य कार्य महिलाओं में दूध उत्पादन (lactation) को नियंत्रित करना है। पुरुषों और महिलाओं दोनों में यह हार्मोन मौजूद होता है, लेकिन उच्च या निम्न स्तर कई स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत दे सकते हैं। प्रोलैक्टिन लेवल टेस्ट का उपयोग हार्मोनल असंतुलन (Hormonal imbalance) और पिट्यूटरी ट्यूमर जैसी स्थितियों की जांच के लिए किया जाता है।
Prolactin Level Test क्या है ? (What is Prolactin Level Test):
यह एक रक्त जांच (blood test) होती है जो खून में प्रोलैक्टिन हार्मोन की मात्रा को मापती है। आमतौर पर यह जांच महिलाओं में अनियमित मासिक धर्म, बांझपन (infertility), या दूध स्राव जैसी समस्याओं के कारण कराई जाती है।
Prolactin Level Test होने के कारण (Causes of Abnormal Prolactin Levels):
- पिट्यूटरी ट्यूमर (Pituitary tumor - Prolactinoma)
- थायरॉयड की समस्या (Hypothyroidism)
- गर्भावस्था (Pregnancy)
- स्तनपान (Breastfeeding)
- दवाओं का प्रभाव (Certain medications)
- तनाव (Stress)
- क्रोनिक किडनी डिजीज (Chronic kidney disease)
Prolactin Level Test होने के लक्षण (Symptoms of Abnormal Prolactin Levels):
महिलाओं में (In women):
- अनियमित पीरियड्स (Irregular menstrual periods)
- माहवारी का रुक जाना (Amenorrhea)
- बांझपन (Infertility)
- स्तनों से दूध आना (Galactorrhea) बिना गर्भावस्था या स्तनपान के
- सेक्स इच्छा में कमी (Low libido)
पुरुषों में (In men):
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन (Erectile dysfunction)
- सेक्स इच्छा में कमी (Decreased libido)
- स्तनों में वृद्धि (Gynecomastia)
- पुरुष बांझपन (Male infertility)
कैसे पहचाने कि प्रोलैक्टिन स्तर असामान्य है (How to Identify):
यदि उपरोक्त लक्षण दिखें, विशेषकर बिना कारण दूध स्राव या अनियमित मासिक धर्म हो रहा हो, तो डॉक्टर से परामर्श लें और ब्लड टेस्ट कराएं। डॉक्टर सुबह का फास्टिंग ब्लड सैंपल लेकर टेस्ट कराते हैं।
जांच (Diagnosis):
- Blood Test: प्रोलैक्टिन की मात्रा मापने के लिए
- MRI Scan: पिट्यूटरी ग्रंथि में ट्यूमर की जाँच के लिए (यदि स्तर बहुत ज्यादा हो)
इलाज (Treatment):
- दवाएं (Medications): जैसे ब्रोमोक्रिप्टीन (Bromocriptine) और कैबर्गोलिन (Cabergoline) – प्रोलैक्टिन स्तर को नियंत्रित करने में सहायक
- थायरॉयड का इलाज: यदि हाइपोथायरायडिज्म कारण है
- सर्जरी: पिट्यूटरी ट्यूमर के मामलों में (यदि दवाओं से फायदा न हो)
- रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy): दुर्लभ मामलों में
इसे कैसे रोका जाए (Prevention):
- दवाओं का सही उपयोग और निगरानी
- तनाव प्रबंधन (Stress management)
- नियमित हेल्थ चेकअप
- थायरॉयड का इलाज करवाना
घरेलू उपाय (Home Remedies):
- तनाव को कम करने के लिए योग और ध्यान
- हेल्दी और बैलेंस्ड डाइट
- शराब और नशीले पदार्थों से परहेज
- पर्याप्त नींद और एक्सरसाइज
सावधानियाँ (Precautions):
- किसी भी हार्मोन से संबंधित लक्षण को नज़रअंदाज न करें
- डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें
- गर्भवती महिलाएं टेस्ट से पहले डॉक्टर को सूचित करें
- रेगुलर फॉलोअप जांच कराते रहें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
प्रश्न 1: प्रोलैक्टिन टेस्ट कब कराना चाहिए?
उत्तर: जब अनियमित पीरियड, बांझपन या बिना कारण दूध स्राव हो रहा हो।
प्रश्न 2: क्या पुरुषों में भी प्रोलैक्टिन असामान्य हो सकता है?
उत्तर: हां, पुरुषों में भी उच्च स्तर इरेक्टाइल डिसफंक्शन और सेक्स इच्छा में कमी का कारण बन सकता है।
प्रश्न 3: क्या यह बीमारी इलाज योग्य है?
उत्तर: हां, अधिकतर मामलों में दवाओं और सही इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
प्रोलैक्टिन लेवल टेस्ट हार्मोन असंतुलन को पहचानने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। विशेषकर महिलाओं में मासिक धर्म संबंधी समस्याएं और पुरुषों में यौन स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं इस टेस्ट से उजागर की जा सकती हैं। समय पर जाँच और इलाज से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है। यदि आपको लक्षण महसूस हों तो विशेषज्ञ डॉक्टर से तुरंत परामर्श लें।