फटी एड़ियाँ (Cracked Heels), जिसे चिकित्सा भाषा में Heel Fissures कहा जाता है, एक आम त्वचा संबंधित समस्या है। यह तब होती है जब पैरों की त्वचा रूखी और मोटी हो जाती है, और उस पर दरारें पड़ जाती हैं। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए, तो ये दरारें गहरी होकर दर्दनाक या संक्रमित हो सकती हैं।
फटी एड़ी क्या होता है (What Happens in Cracked Heels):
जब त्वचा का नमी स्तर कम हो जाता है और दबाव अधिक पड़ता है, तो एड़ी की त्वचा में दरारें पड़ जाती हैं। कभी-कभी ये केवल सौंदर्य की समस्या होती हैं, लेकिन कई बार दर्द, खून और संक्रमण का कारण बनती हैं।
फटी एड़ियों के कारण (Causes of Cracked Heels):
- शुष्क त्वचा (Dry skin)
- लगातार नंगे पांव चलना
- अधिक समय तक खड़े रहना
- अधिक गर्म पानी से नहाना
- मोटापा (Obesity)
- गलत या खुले जूते पहनना
- त्वचा रोग जैसे एक्जिमा (Eczema) या सोरायसिस (Psoriasis)
- उम्र बढ़ना
फटी एड़ियों के लक्षण (Symptoms of Cracked Heels):
- एड़ियों में सूखापन और खुरदरापन (Dryness and roughness)
- सफेद या पीली कठोर त्वचा (Hard and thickened skin)
- सतही से गहरी दरारें (Shallow to deep cracks)
- एड़ी में दर्द या जलन (Pain or burning sensation)
- चलने में परेशानी
- खून आना या संक्रमण (Severe cases)
फटी एड़ियों की पहचान कैसे करें (Diagnosis):
- त्वचा की दृश्य जांच (Visual examination)
- यदि इन्फेक्शन हो तो डॉक्टर द्वारा जांच
- किसी पुरानी स्थिति (जैसे डायबिटीज) की जांच
फटी एड़ियों का इलाज (Treatment of Cracked Heels):
- मॉइस्चराइज़र का उपयोग: यूरिया, सैलिसिलिक एसिड या लैक्टिक एसिड वाले क्रीम्स
- फुट स्क्रब या प्यूमिक स्टोन: मृत त्वचा हटाने के लिए
- गहरी दरारों पर एंटीसेप्टिक क्रीम लगाना
- बैंडेज या हील पैड का उपयोग
- संक्रमण होने पर डॉक्टर से दवा लेना
फटी एड़ियों के घरेलू उपाय (Home Remedies for Cracked Heels):
- नारियल तेल (Coconut oil): सूखी त्वचा के लिए सर्वोत्तम
- ग्लिसरीन और गुलाब जल (Glycerin and rose water): रात में लगाने से नमी बढ़ती है
- शहद (Honey): एंटीबैक्टीरियल गुणों के साथ मॉइस्चराइज़र
- एलोवेरा जेल (Aloe vera gel): त्वचा को ठंडक और राहत
- गुनगुने पानी में पैर डुबाना (Soaking feet): त्वचा को नरम बनाता है
फटी एड़ियों से बचाव के उपाय (Prevention of Cracked Heels):
- रोजाना पैर धोकर मॉइस्चराइज़र लगाएं
- पानी पीना पर्याप्त मात्रा में
- सही फिटिंग वाले बंद जूते पहनना
- बहुत देर तक खड़े न रहना
- हर हफ्ते पैर की सफाई और स्क्रब करना
- नमी बनाए रखने वाले मोज़े पहनना
सावधानियाँ (Precautions in Cracked Heels):
- दरारों को नोचें नहीं
- धूल और गंदगी से पैर को बचाएं
- खुले चप्पल पहनने से बचें
- डायबिटीज रोगियों को विशेष ध्यान रखना चाहिए
- घरेलू नुस्खों से अगर आराम न मिले तो डॉक्टर से मिलें
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल):
प्र.1: क्या फटी एड़ियाँ संक्रमण का कारण बन सकती हैं?
उत्तर: हाँ, अगर दरारें गहरी हों और उनमें गंदगी या बैक्टीरिया घुस जाए, तो संक्रमण हो सकता है।
प्र.2: क्या सिर्फ सर्दियों में ही एड़ियाँ फटती हैं?
उत्तर: नहीं, गर्मियों में भी नमी की कमी और गलत फुटवियर के कारण फटी एड़ियाँ हो सकती हैं।
प्र.3: क्या बच्चे को भी फटी एड़ियों की समस्या हो सकती है?
उत्तर: बहुत कम लेकिन हाँ, अगर त्वचा बहुत सूखी हो तो बच्चों में भी हो सकती है।
प्र.4: कितने समय में ठीक होती हैं फटी एड़ियाँ?
उत्तर: अगर सही देखभाल की जाए तो 7 से 14 दिनों में सुधार संभव है।
निष्कर्ष (Conclusion):
फटी एड़ियाँ (Cracked Heels) एक आम लेकिन अनदेखी की जाने वाली समस्या है। सही देखभाल, नियमित मॉइस्चराइज़ेशन और जीवनशैली में बदलाव से इसे रोका और ठीक किया जा सकता है। अगर घरेलू उपायों से राहत न मिले, तो त्वचा विशेषज्ञ से परामर्श ज़रूरी है।