Dermatomyositis कारण, लक्षण, इलाज और रोकथाम की पूरी जानकारी

Dermatomyositis (डरमैटोमायोसाइटिस) एक दुर्लभ सूजन संबंधी बीमारी (inflammatory disease) है जो मुख्य रूप से मांसपेशियों (muscles) और त्वचा (skin) को प्रभावित करती है। इसमें मांसपेशियों में कमजोरी और त्वचा पर विशेष प्रकार के चकत्ते (rashes) दिखाई देते हैं। यह एक ऑटोइम्यून रोग (autoimmune disease) माना जाता है, जिसका मतलब है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपने ही ऊतकों पर हमला करती है।









Dermatomyositis क्या होता है ? (What is Dermatomyositis?):

Dermatomyositis एक प्रकार की मायोपैथी (myopathy) है जिसमें मांसपेशियों की सूजन के साथ-साथ त्वचा पर स्पष्ट लक्षण दिखाई देते हैं। यह किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन अधिकतर यह 40-60 वर्ष की उम्र में वयस्कों और 5-15 वर्ष की उम्र में बच्चों में देखी जाती है।

Dermatomyositis कारण (Causes of Dermatomyositis):

  1. ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया (Autoimmune response)
  2. वायरल संक्रमण (Viral infections)
  3. कैंसर से जुड़ी स्थिति (Paraneoplastic syndrome)
  4. परिवारिक इतिहास (Genetic predisposition)

Dermatomyositis के लक्षण (Symptoms of Dermatomyositis):

  1. मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle weakness) - विशेषकर कंधे, गर्दन, जांघ और कूल्हे में।
  2. त्वचा पर बैंगनी या लाल चकत्ते (Reddish or purplish rashes) - खासकर चेहरे, पलकों, कोहनी, घुटनों और उंगलियों पर।
  3. गोट्रोन पैप्यूल्स (Gottron’s papules) - उंगलियों के जोड़ पर उभरे चकत्ते।
  4. फेसियल रैश (Heliotrope rash) - आंखों के चारों ओर सूजन और चकत्ते।
  5. थकावट और बुखार (Fatigue and fever)
  6. सांस लेने में तकलीफ (Breathing difficulty) – फेफड़ों की मांसपेशियों के प्रभावित होने पर।
  7. गलग्रास की समस्या (Difficulty in swallowing) – गले की मांसपेशियां प्रभावित होने पर।

निदान (Diagnosis of Dermatomyositis):

  1. रक्त परीक्षण (Blood tests) – मांसपेशियों से संबंधित एंजाइम जैसे CPK, LDH आदि का स्तर।
  2. EMG (Electromyography) – मांसपेशियों की कार्यक्षमता की जाँच।
  3. MRI स्कैन (MRI scan) – मांसपेशियों में सूजन की पहचान।
  4. मांसपेशियों की बायोप्सी (Muscle biopsy)
  5. त्वचा की बायोप्सी (Skin biopsy)

Dermatomyositis इलाज (Treatment of Dermatomyositis):

  1. कॉर्टिकोस्टेरॉयड दवाएं (Corticosteroids) – सूजन कम करने के लिए।
  2. इम्यूनोथैरेपी (Immunosuppressants) – जैसे Methotrexate, Azathioprine।
  3. फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) – मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए।
  4. सनस्क्रीन और त्वचा की देखभाल (Skin protection) – त्वचा पर रैश से बचाव के लिए।
  5. इंट्रावीनस इम्यूनोग्लोबुलिन (IVIG therapy) – गंभीर मामलों में।

Dermatomyositis कैसे रोके (Prevention Tips for Dermatomyositis):

  • यह रोग पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता क्योंकि यह ऑटोइम्यून प्रक्रिया से संबंधित होता है, लेकिन लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है:
  1. सूरज से बचाव (Sun protection) – त्वचा की चकत्तियों को बढ़ने से रोकने के लिए।
  2. संक्रमण से बचाव (Avoid infections)
  3. नियमित फॉलोअप (Regular follow-ups)
  4. स्वस्थ आहार और व्यायाम (Healthy diet and mild exercise)

घरेलू उपाय (Home Remedies for Dermatomyositis):

  1. हल्दी वाला दूध (Turmeric milk) – सूजन कम करने के लिए।
  2. एलोवेरा जेल (Aloe vera gel) – त्वचा की जलन के लिए।
  3. अदरक की चाय (Ginger tea) – सूजन विरोधी प्रभाव।
  4. हल्की स्ट्रेचिंग (Mild stretching) – मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने में मददगार।

सावधानियाँ (Precautions):

  1. सूरज की किरणों से बचें।
  2. मांसपेशियों को अत्यधिक न थकाएं।
  3. डॉक्टर द्वारा दी गई दवाओं का नियमित सेवन करें।
  4. संक्रमण के लक्षण दिखें तो तुरंत परामर्श लें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

प्र.1: क्या Dermatomyositis जानलेवा है?
उत्तर: यदि समय पर इलाज न हो तो यह फेफड़ों और हृदय जैसी अंगों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए गंभीर हो सकता है।

प्र.2: क्या यह बीमारी संक्रामक है?
उत्तर: नहीं, यह ऑटोइम्यून स्थिति है और संक्रामक नहीं होती।

प्र.3: क्या यह कैंसर से जुड़ी हो सकती है?
उत्तर: हां, कुछ मामलों में यह कैंसर से जुड़ी हो सकती है, खासकर वयस्कों में।

Dermatomyositis कैसे पहचाने (How to Recognize Dermatomyositis):

  • अगर आपको अचानक मांसपेशियों में कमजोरी हो रही है, साथ ही त्वचा पर चकत्ते, सूजन या लालिमा दिखाई दे रही है, तो तुरंत चिकित्सकीय जांच कराएं।

निष्कर्ष (Conclusion):

Dermatomyositis एक जटिल लेकिन संभाली जा सकने वाली स्थिति है यदि समय रहते इसका निदान और इलाज किया जाए। मांसपेशियों की ताकत को बनाए रखना और त्वचा की देखभाल बेहद जरूरी है। चिकित्सकीय मार्गदर्शन, दवाएं और जीवनशैली में बदलाव इस रोग को नियंत्रित करने में सहायक हो सकते हैं।


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