Diabetes-related Foot Ulcer – कारण, लक्षण, इलाज और बचाव

डायबिटीज-से जुड़ा पैरों का अल्सर (Diabetes-related Foot Ulcer) एक सामान्य लेकिन गंभीर समस्या है जो मधुमेह (Diabetes) से पीड़ित लोगों में होती है। यह एक खुला घाव (open wound) होता है जो आमतौर पर पैरों के तलवे (sole) या अंगूठे के पास विकसित होता है और संक्रमण (infection) का खतरा बढ़ा सकता है।

डायबिटिक फुट अल्सर क्या होता है ? (What is Diabetes-related Foot Ulcer?):

डायबिटिक फुट अल्सर एक ऐसी स्थिति है जिसमें पैरों में घाव बनते हैं जो देर तक नहीं भरते। यह रक्त प्रवाह की कमी, नर्व डैमेज (nerve damage) और संक्रमण के कारण होता है।

डायबिटिक फुट अल्सर कारण (Causes of Diabetes-related Foot Ulcer):

  1. न्यूरोपैथी (Neuropathy) – डायबिटीज से तंत्रिकाएं प्रभावित होती हैं जिससे दर्द का एहसास कम होता है और चोट महसूस नहीं होती।
  2. खराब ब्लड सर्कुलेशन (Poor blood circulation) – रक्त का प्रवाह कम होने से घाव भरने में देरी होती है।
  3. पैरों की चोट (Foot injuries) – छोटे कट या छाले जो ध्यान न देने पर अल्सर बन सकते हैं।
  4. गलत जूते (Improper footwear) – टाइट या कड़े जूते पैरों पर दबाव डालते हैं जिससे अल्सर हो सकता है।
  5. हाई ब्लड शुगर लेवल (High blood sugar level) – शरीर की संक्रमण से लड़ने की क्षमता को कम करता है।

डायबिटिक फुट अल्सर के लक्षण (Symptoms of Diabetes-related Foot Ulcer):

  1. पैरों में लगातार जलन या सुन्नता
  2. पैरों या तलवों में घाव या फोड़े
  3. घाव से दुर्गंध आना
  4. लालिमा या सूजन
  5. पैरों में मवाद या रिसाव
  6. दर्द (या कभी-कभी दर्द न होना – नर्व डैमेज के कारण)
  7. बुखार (संक्रमण होने पर)

डायबिटिक फुट अल्सर कैसे पहचाने (Diagnosis):

  1. फिजिकल एग्जामिनेशन (Physical examination)
  2. ब्लड शुगर टेस्ट (Blood sugar test)
  3. डॉपलर अल्ट्रासाउंड (Doppler ultrasound) – रक्त प्रवाह की जांच के लिए
  4. कल्चर टेस्ट (Culture test) – संक्रमण की पहचान के लिए
  5. X-ray या MRI – हड्डी में संक्रमण देखने के लिए

डायबिटिक फुट अल्सर इलाज (Treatment of Diabetes-related Foot Ulcer):

  1. घाव की सफाई और ड्रेसिंग (Wound cleaning and dressing)
  2. एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) – संक्रमण रोकने के लिए
  3. ब्लड शुगर कंट्रोल (Blood sugar control) – दवाओं या इंसुलिन से
  4. डिब्राइडमेंट (Debridement) – मृत ऊतक को हटाना
  5. ऑफलोडिंग (Offloading) – पैर पर दबाव कम करने के लिए विशेष जूते या उपकरण
  6. सर्जरी (Surgery) – गंभीर मामलों में

डायबिटिक फुट अल्सर कैसे रोके (Prevention of Diabetes-related Foot Ulcer):

  1. ब्लड शुगर को नियंत्रित रखें
  2. हर दिन अपने पैरों की जांच करें
  3. सही और आरामदायक जूते पहनें
  4. पैरों को साफ और सूखा रखें
  5. नाखूनों की सफाई रखें और उन्हें सही ढंग से काटें
  6. डॉक्टर से नियमित पैर की जांच करवाएं

घरेलू उपाय (Home Remedies):

  1. गर्म पानी से पैर धोकर सूखा पोंछें
  2. हल्के एंटीसेप्टिक से घाव की सफाई करें (डॉक्टर की सलाह अनुसार)
  3. पैरों को मॉइस्चराइज़ करें लेकिन घाव पर नहीं लगाएं
  4. नंगे पैर चलने से बचें

सावधानियाँ (Precautions):

  1. धूम्रपान से बचें (खून का प्रवाह घटता है)
  2. पैरों को चोट से बचाएं
  3. डायबिटीज के इलाज में लापरवाही न बरतें
  4. कोई भी दवा या मरहम बिना डॉक्टर की सलाह के न लगाएं

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

प्र.1: क्या डायबिटिक फुट अल्सर को घर पर ठीक किया जा सकता है?
उत्तर: नहीं, यह एक गंभीर स्थिति है और डॉक्टर की देखरेख में इलाज जरूरी होता है।

प्र.2: क्या यह अल्सर फैल सकता है?
उत्तर: हाँ, यदि समय पर इलाज न हो तो संक्रमण हड्डी तक फैल सकता है।

प्र.3: अल्सर से बचने के लिए कौन से जूते सही हैं?
उत्तर: कस्टम मेड या डायबिटिक शूज जिनमें पैरों पर दबाव न पड़े।

निष्कर्ष (Conclusion):

डायबिटीज से जुड़ा पैरों का अल्सर एक गंभीर और जीवन को प्रभावित करने वाली स्थिति है। समय पर पहचान, सही इलाज और ब्लड शुगर कंट्रोल से इसे रोका जा सकता है। जीवनशैली में बदलाव और पैरों की नियमित देखभाल से इस समस्या से बचा जा सकता है।


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