Diarrhea-associated Hemolytic Uremic Syndrome कारण, लक्षण, इलाज और बचाव की सम्पूर्ण जानकारी

डायरिया से जुड़ा हीमोलिटिक यूरेमिक सिंड्रोम (Diarrhea-associated Hemolytic Uremic Syndrome), जिसे D+ HUS कहा जाता है, एक गंभीर लेकिन दुर्लभ स्थिति है जो बच्चों में ज्यादा पाई जाती है। यह आमतौर पर एक खास प्रकार के बैक्टीरिया Escherichia coli (E. coli O157:H7) द्वारा उत्पन्न विष (Shiga toxin) के कारण होता है, जो डायरिया के बाद किडनी फेलियर और रक्त विकार का कारण बनता है।









 D+ HUS क्या होता है (What is Diarrhea-associated Hemolytic Uremic Syndrome):

यह एक त्रि-लक्षणीय रोग (triad disorder) है जिसमें तीन मुख्य समस्याएं होती हैं:

  1. हीमोलिटिक एनीमिया (Hemolytic Anemia)
  2. थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia - प्लेटलेट की कमी)
  3. तीव्र गुर्दा विकार (Acute Kidney Injury)

 D+ HUS इसके कारण (Causes of D+ HUS):

  1. ई. कोलाई बैक्टीरिया (E. coli O157:H7) से संक्रमण
  2. दूषित पानी या भोजन का सेवन
  3. अधपका या कच्चा मांस खाना
  4. संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना
  5. गाय या अन्य पशु के मल से संपर्क

D+ HUS इसके लक्षण (Symptoms of D+ HUS):

  1. तीव्र डायरिया (Acute diarrhea) – अक्सर खून के साथ
  2. पेट दर्द (Abdominal pain)
  3. उल्टी (Vomiting)
  4. कमजोरी (Weakness)
  5. हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण – पीली त्वचा, थकान
  6. प्लेटलेट कम होने के कारण रक्तस्राव (Bleeding tendency)
  7. मूत्र की मात्रा में कमी (Oliguria)
  8. सूजन – खासकर आंखों, टखनों, चेहरे में (Swelling)
  9. दौरे (Seizures) – गंभीर स्थिति में

 D+ HUS इसका इलाज (Treatment of D+ HUS):

  1. अस्पताल में भर्ती आवश्यक
  2. हाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बनाए रखना
  3. ब्लड ट्रांसफ्यूजन – हीमोलिटिक एनीमिया के लिए
  4. डायलिसिस – यदि किडनी कार्य करना बंद कर दे
  5. प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन – कम मात्रा होने पर
  6. एंटीबायोटिक आमतौर पर नहीं दिए जाते जब तक स्थिति स्पष्ट न हो

D+ HUS इससे बचाव कैसे करें (Prevention Tips):

  1. मांस को अच्छी तरह पकाकर खाएं
  2. साफ पानी का उपयोग करें
  3. हाथों की स्वच्छता बनाए रखें
  4. बच्चों को संक्रमित जानवरों से दूर रखें
  5. फलों और सब्जियों को अच्छे से धोकर खाएं

घरेलू उपाय (Home Remedies):

D+ HUS एक आपात स्थिति है, घरेलू उपाय केवल हल्के संक्रमण की रोकथाम में सहायक हैं:

  1. नींबू पानी और ORS देना – डिहाइड्रेशन रोकने के लिए
  2. नरम भोजन – पचने में आसान हो जैसे खिचड़ी, दलिया
  3. पर्याप्त आराम देना

सावधानियाँ (Precautions):

  1. बिना डॉक्टर की सलाह के दवा न दें
  2. डायरिया के दौरान बच्चे की गतिविधियों पर नजर रखें
  3. पानी की कमी के संकेत दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें
  4. संदिग्ध भोजन या मांस से परहेज करें

कैसे पहचानें (Diagnosis of D+ HUS):

  1. रक्त जांच (Blood test) – हीमोलिसिस, प्लेटलेट काउंट, किडनी फंक्शन
  2. मूत्र जांच (Urine test) – प्रोटीन या खून की मौजूदगी
  3. स्टूल कल्चर (Stool culture) – E. coli की पुष्टि के लिए
  4. अल्ट्रासाउंड – किडनी की स्थिति देखने हेतु

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs):

Q1. क्या D+ HUS जानलेवा हो सकता है?
हाँ, यदि समय रहते इलाज न हो तो यह किडनी फेलियर और अन्य जटिलताओं के कारण जानलेवा हो सकता है।

Q2. क्या वयस्कों में भी यह होता है?
यह मुख्य रूप से बच्चों में पाया जाता है, लेकिन दुर्लभ मामलों में वयस्कों में भी हो सकता है।

Q3. क्या यह बीमारी संक्रामक होती है?
संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बैक्टीरिया फैल सकता है, इसलिए स्वच्छता जरूरी है।

निष्कर्ष (Conclusion):

डायरिया से जुड़ा हीमोलिटिक यूरेमिक सिंड्रोम (D+ HUS) एक गंभीर लेकिन रोके जाने योग्य स्थिति है। समय पर पहचान, उचित चिकित्सा और स्वच्छता अपनाकर इस बीमारी से बचा जा सकता है। बच्चों को सुरक्षित और स्वच्छ आहार देना, और किसी भी डायरिया की स्थिति को हल्के में न लेना, इस स्थिति से बचाव में सहायक हो सकता है।


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