Dibasic Aminoaciduria (डायबेसिक एमिनोएसिड्यूरिया) एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार (rare genetic disorder) है जिसमें शरीर उचित रूप से डायबेसिक अमीनो एसिड्स (जैसे Lysine, Arginine, और Ornithine) को पुनः अवशोषित (reabsorb) नहीं कर पाता। यह एसिड्स आमतौर पर गुर्दों और आंतों से होकर रक्तप्रवाह में वापस चले जाते हैं, लेकिन इस विकार में वे मूत्र के माध्यम से अत्यधिक मात्रा में बाहर निकल जाते हैं।
Dibasic Aminoaciduria क्या होता है (What is Dibasic Aminoaciduria):
यह एक इनहेरिटेड मेटाबॉलिक डिसऑर्डर (Inherited Metabolic Disorder) है, जिसमें गुर्दों (kidneys) और छोटी आंतों (small intestines) की कोशिकाएं डायबेसिक अमीनो एसिड्स को ठीक से पुनः अवशोषित नहीं कर पातीं। इसके परिणामस्वरूप, ये अमीनो एसिड मूत्र में अत्यधिक मात्रा में निकलते हैं, जिससे शरीर में इनकी कमी हो जाती है और इसके गंभीर लक्षण हो सकते हैं।
Dibasic Aminoaciduria के कारण (Causes):
- आनुवंशिक उत्परिवर्तन (Genetic mutations) – मुख्य रूप से SLC7A7 या SLC7A6 जीन में गड़बड़ी।
- ऑटोसोमल रिसेसिव वंशानुक्रम (Autosomal recessive inheritance) – जब माता-पिता दोनों में दोषपूर्ण जीन होता है।
- प्रोटीन मेटाबॉलिज्म की असामान्यता (Disorder of protein metabolism) – अमीनो एसिड्स का सही उपयोग नहीं हो पाता।
Dibasic Aminoaciduria के लक्षण (Symptoms of):
- बार-बार उल्टी (Recurrent vomiting)
- विकास में देरी (Growth retardation)
- अनियमित भूख और कमजोरी (Poor appetite and fatigue)
- हाइपोअमीनोएसिडेमिया (Hypoaminoacidemia) – रक्त में अमीनो एसिड की कमी।
- मूत्र में अत्यधिक अमीनो एसिड की मात्रा (High levels of lysine, arginine, and ornithine in urine)
- मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle weakness)
- न्यूरोलॉजिकल लक्षण जैसे दौरे या भ्रम (Neurological symptoms like seizures or confusion)
- Frequent infections (बार-बार संक्रमण)
पहचान कैसे करें (Diagnosis of Dibasic Aminoaciduria):
- अमीनो एसिड प्रोफाइल (Plasma and urine amino acid analysis) – मूत्र में डायबेसिक अमीनो एसिड्स की उच्च मात्रा।
- जीन परीक्षण (Genetic testing) – SLC7A7 या SLC7A6 म्यूटेशन की पहचान।
- ब्लड टेस्ट (Blood test) – रक्त में अमीनो एसिड्स के स्तर की जाँच।
- क्लिनिकल हिस्ट्री (Clinical history) – परिवार में इसी प्रकार की समस्याएं।
- फिजिकल एग्जामिनेशन (Physical examination) – विकास और मांसपेशियों की स्थिति का मूल्यांकन।
Dibasic Aminoaciduria इलाज (Treatment of Dibasic Aminoaciduria):
- प्रोटीन युक्त आहार में संशोधन (Protein-restricted diet) – विशेषकर डायबेसिक अमीनो एसिड्स की मात्रा नियंत्रित करना।
- सप्लीमेंटेशन (Supplementation) – आवश्यक न्यूट्रिएंट्स की पूर्ति जैसे कैल्शियम, विटामिन्स आदि।
- नाइट्रोजन संतुलन बनाए रखना (Nitrogen balance management) – उrea cycle से संबंधित जटिलताओं को रोकना।
- मेडिकल फॉलोअप (Regular medical monitoring) – इलेक्ट्रोलाइट्स, लीवर और किडनी फंक्शन पर नजर।
- संक्रमण और दौरे का प्रबंधन (Management of infections and seizures) – दवाओं के माध्यम से।
- मेटाबोलिक स्पेशलिस्ट से परामर्श (Consultation with a metabolic disease specialist)
Dibasic Aminoaciduria को कैसे रोके (How to Prevent):
- यह एक आनुवंशिक रोग है, इसलिए रोकथाम की बजाय जन्मपूर्व जाँच (Prenatal genetic testing) जरूरी होती है।
- यदि परिवार में यह रोग है, तो जेनेटिक काउंसलिंग कराना चाहिए।
- बच्चे के जन्म से पहले या बाद में नवजात स्क्रीनिंग से इसकी जल्दी पहचान संभव है।
घरेलू उपाय (Home Remedies):
यह एक गंभीर आनुवंशिक और मेटाबोलिक विकार है, इसलिए घरेलू उपाय मुख्य उपचार विकल्प नहीं हैं। लेकिन नीचे दिए गए supportive उपाय उपयोगी हो सकते हैं:
- प्रोटीन का सीमित और संतुलित सेवन (Low and balanced protein intake) – डॉक्टर की सलाह अनुसार।
- तरल पदार्थों की पर्याप्त मात्रा (Adequate hydration) – डिहाइड्रेशन से बचाव।
- हल्का भोजन और बार-बार खाना (Small frequent meals) – पाचन आसान रखने के लिए।
- सफाई और संक्रमण से बचाव (Clean hygiene to prevent infections) – रोगी की प्रतिरोधक क्षमता कम हो सकती है।
सावधानियाँ (Precautions):
- डॉक्टर द्वारा सुझाए गए डाइट चार्ट का सख्ती से पालन करें।
- किसी भी लक्षण के उभरते ही तुरंत चिकित्सा परामर्श लें।
- जेनेटिक रूप से जोखिम वाले परिवारों में बच्चों के जन्म से पहले जाँच कराएं।
- संक्रमण, कमजोरी, उल्टी जैसे लक्षणों को हल्के में न लें।
- नियमित ब्लड टेस्ट और मूत्र परीक्षण कराते रहें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs):
प्र.1. क्या Dibasic Aminoaciduria का इलाज संभव है?
उत्तर: इसका कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन समय पर पहचान और पोषण संबंधी प्रबंधन से लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है।
प्र.2. यह रोग किस आयु में शुरू होता है?
उत्तर: आमतौर पर यह शिशु या बाल्यावस्था में ही सामने आ जाता है।
प्र.3. क्या यह रोग वंशानुगत है?
उत्तर: हां, यह एक ऑटोसोमल रिसेसिव जेनेटिक विकार है।
प्र.4. क्या यह जानलेवा हो सकता है?
उत्तर: यदि समय पर पहचान और प्रबंधन न हो तो यह गंभीर और जानलेवा हो सकता है।
प्र.5. क्या इससे प्रभावित व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है?
उत्तर: अगर उपचार और डाइट सही तरीके से मैनेज की जाए तो मरीज अपेक्षाकृत सामान्य जीवन जी सकता है।
निष्कर्ष (Conclusion):
Dibasic Aminoaciduria (डायबेसिक एमिनोएसिड्यूरिया) एक दुर्लभ लेकिन गंभीर आनुवंशिक मेटाबोलिक रोग है, जो शरीर की अमीनो एसिड को प्रोसेस करने की क्षमता को प्रभावित करता है। इसकी समय पर पहचान, उचित डाइट, मेडिकल निगरानी और विशेषज्ञों से सलाह इसके प्रभाव को काफी हद तक नियंत्रित कर सकती है। परिवारों को जेनेटिक परामर्श की जानकारी होनी चाहिए ताकि भविष्य में बचाव संभव हो सके।