Dissociative Disorder : कारण, लक्षण, इलाज, घरेलू उपाय, रोकथाम और सावधानियाँ की संपूर्ण जानकारी

Dissociative Disorder (डिसोसिएटिव डिसऑर्डर) मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी एक गंभीर स्थिति है जिसमें व्यक्ति की सोच, स्मृति, चेतना, पहचान और वातावरण की समझ में असामान्यता आ जाती है। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति अत्यधिक मानसिक आघात (psychological trauma) या तनाव से गुजरता है, जिससे उसका मन खुद को उस दर्दनाक अनुभव से अलग करने की कोशिश करता है।यह विकार विभिन्न प्रकारों में देखा जा सकता है और इसके लक्षण व्यक्ति की रोज़मर्रा की ज़िंदगी को गहराई से प्रभावित करते हैं।

Dissociative Disorder क्या होता है (What is Dissociative Disorder):

Dissociative Disorder मानसिक विकारों का एक समूह है जिसमें व्यक्ति का मन, शरीर और आत्मा के बीच जुड़ाव टूट जाता है। यह रोग आमतौर पर गंभीर मानसिक तनाव या ट्रॉमा के कारण होता है और इसका प्रभाव व्यक्ति की याददाश्त, पहचान, भावना और व्यवहार पर पड़ता है।

Dissociative Disorder कारण (Causes of Dissociative Disorder):

  1. बचपन में शारीरिक, यौन या मानसिक शोषण
  2. युद्ध, बलात्कार, अपहरण जैसी ट्रॉमेटिक घटनाएं
  3. घरेलू हिंसा या दुर्व्यवहार का अनुभव
  4. किसी प्रियजन की मृत्यु या गंभीर हादसे का सामना
  5. लंबे समय तक भावनात्मक उपेक्षा
  6. अवसाद (Depression) और चिंता (Anxiety)
  7. PTSD (पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर) का इतिहास
  8. पारिवारिक मानसिक रोगों का इतिहास

Dissociative Disorder के लक्षण (Symptoms of Dissociative Disorder):

  1. स्मृति हानि (Memory loss) – विशेष रूप से व्यक्तिगत जानकारी से जुड़ी
  2. पहचान में भ्रम (Identity confusion)
  3. अलग-अलग व्यक्तित्व (Multiple personalities) – Dissociative Identity Disorder में
  4. भावनात्मक अलगाव (Emotional detachment)
  5. शरीर या वातावरण को अवास्तविक महसूस करना (Depersonalization or Derealization)
  6. मानसिक थकान, अवसाद और चिंता
  7. समय का एहसास खो देना
  8. फ्लैशबैक या डिप्रेशन के एपिसोड
  9. निर्णय लेने में कठिनाई
  10. सामाजिक संबंधों से दूरी

प्रकार (Types of Dissociative Disorders):

  1. Dissociative Amnesia (डिसोसिएटिव अम्नेशिया) – याददाश्त खो जाना
  2. Dissociative Identity Disorder (डिसोसिएटिव आइडेंटिटी डिसऑर्डर) – एक से अधिक व्यक्तित्व का होना
  3. Depersonalization-Derealization Disorder (डीपर्सनलाइज़ेशन-डिरीलाइज़ेशन डिसऑर्डर) – खुद को या दुनिया को अवास्तविक महसूस करना

Dissociative Disorder कैसे पहचाने (Diagnosis of Dissociative Disorder):

  1. मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से परामर्श
  2. DSM-5 (Diagnostic and Statistical Manual of Mental Disorders) के क्राइटेरिया का उपयोग
  3. इंटरव्यू और प्रश्नावली
  4. न्यूरोलॉजिकल परीक्षण (जैसे MRI, CT Scan) – अन्य बीमारियों को बाहर करने के लिए
  5. मेमोरी और पहचान से जुड़े मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन

Dissociative Disorder इलाज (Treatment of Dissociative Disorder):

  1. मनोचिकित्सा (Psychotherapy):
    1. Cognitive Behavioral Therapy (CBT)
    1. Dialectical Behavior Therapy (DBT)
    1. Trauma-focused Therapy
  2. Hypnotherapy (हिप्नोथेरैपी): गहरी यादों तक पहुंचने और उन्हें प्रोसेस करने में मदद
  3. Creative Therapies (रचनात्मक थेरैपी): आर्ट, म्यूजिक और मूवमेंट थेरैपी
  4. Medication (दवाएं):
    1. एंटी-डिप्रेसेंट्स और एंटी-एंग्जायटी दवाएं सहायक हो सकती हैं
    1. सीधे Dissociative Disorder का इलाज नहीं करतीं, लेकिन संबंधित लक्षणों में राहत देती हैं
  5. Supportive therapy:
    1. फैमिली थेरेपी, ग्रुप थेरेपी और सपोर्ट नेटवर्क

कैसे रोके (Prevention of Dissociative Disorder):

  1. बचपन में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना
  2. ट्रॉमा के बाद समय पर काउंसलिंग लेना
  3. जीवन में तनाव को कम करने के उपाय अपनाना
  4. सकारात्मक सोच और सोशल सपोर्ट बनाए रखना
  5. परिवार और समाज में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाना
  6. मादक पदार्थों के सेवन से दूरी रखना

घरेलू उपाय (Home Remedies):

नोट: यह उपाय डॉक्टर के इलाज के साथ सहायक रूप में अपनाएं:

  1. ध्यान (Meditation) और प्राणायाम
  2. रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेना जैसे पेंटिंग, लेखन
  3. नियमित नींद और संतुलित आहार
  4. सोशल सपोर्ट नेटवर्क बनाना
  5. आत्म-प्रतिबिंब (Self-reflection) के लिए जर्नलिंग करना
  6. तनाव को कम करने के लिए प्राकृतिक उपाय जैसे हर्बल चाय, वॉक

सावधानियाँ (Precautions):

  1. डॉक्टर की सलाह के बिना दवा न लें
  2. आत्महत्या या आत्म-हानि के विचार होने पर तुरंत मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें
  3. ट्रिगर करने वाले हालात से दूरी बनाए रखें
  4. नशे और अनिद्रा से बचें
  5. नियमित थेरेपी और फॉलोअप न छोड़ें
  6. किसी भी नए लक्षण को नजरअंदाज न करें

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

Q1. Dissociative Disorder कितने प्रकार का होता है?
यह मुख्य रूप से तीन प्रकार का होता है – Dissociative Amnesia, Dissociative Identity Disorder, और Depersonalization-Derealization Disorder।

Q2. क्या यह विकार ठीक हो सकता है?
हां, यदि समय पर पहचान कर इलाज शुरू किया जाए तो व्यक्ति पूरी तरह से सामान्य जीवन जी सकता है।

Q3. क्या यह विकार अनुवांशिक होता है?
प्रत्यक्ष रूप से नहीं, लेकिन यदि परिवार में मानसिक बीमारियों का इतिहास हो तो इसका खतरा बढ़ सकता है।

Q4. क्या यह विकार बार-बार हो सकता है?
हां, यदि ट्रॉमा या तनाव दोबारा हो तो लक्षण फिर से उभर सकते हैं।

Q5. क्या इसमें दवा लेनी जरूरी होती है?
जरूरी नहीं, लेकिन अन्य मानसिक स्थितियों (जैसे अवसाद या चिंता) के लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं दी जा सकती हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

Dissociative Disorder एक गंभीर लेकिन उपचार योग्य मानसिक विकार है जो व्यक्ति की पहचान, स्मृति और सोच को प्रभावित करता है। यह आमतौर पर मानसिक आघात के कारण होता है और इसका इलाज थेरेपी, सपोर्ट और सही देखभाल के जरिए संभव है। समय पर पहचान और पेशेवर सहायता इस विकार से पूरी तरह उबरने की कुंजी है।


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