Drug-Induced Nail Changes : कारण, लक्षण, इलाज, घरेलू उपाय और सावधानियाँ

Drug-Induced Nail Changes का मतलब है – दवाओं के साइड इफेक्ट के कारण नाखूनों के रंग, बनावट, संरचना या विकास में बदलाव होना। ये बदलाव अस्थायी हो सकते हैं या कुछ मामलों में लंबे समय तक रह सकते हैं। यह स्थिति किसी एक नाखून या सभी नाखूनों (हाथ और पैर) को प्रभावित कर सकती है।

Drug-Induced Nail Changes क्या होता है (What is Drug-Induced Nail Changes)?

कुछ दवाएं नाखूनों की कोशिकाओं को सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं, जिससे उनमें रेखाएं, रंग में बदलाव, उखड़ना, अलग होना या टूटना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। नाखूनों में यह बदलाव दवा शुरू करने के कुछ हफ्तों या महीनों बाद दिख सकते हैं।

Drug-Induced Nail Changes कारण (Causes of Drug-Induced Nail Changes):

निम्नलिखित प्रकार की दवाएं नाखूनों में परिवर्तन ला सकती हैं:

1. Chemotherapy drugs (कीमोथेरेपी दवाएं):

  • Doxorubicin, Cyclophosphamide, Docetaxel, Paclitaxel

2. Antibiotics (एंटीबायोटिक्स):

  • Tetracyclines, Fluoroquinolones (जैसे Ciprofloxacin), Sulfonamides

3. Antiretroviral drugs (HIV की दवाएं):

  • Zidovudine

4. Retinoids (विटामिन A डेरिवेटिव):

  • Isotretinoin, Acitretin

5. Antimalarials:

  • Chloroquine, Hydroxychloroquine

6. Immunosuppressants:

  • Cyclosporine, Methotrexate

7. Others:

  • Lithium, Gold salts, Arsenic

Drug-Induced Nail Changes के लक्षण (Symptoms of Drug-Induced Nail Changes):

1. Beau’s lines (ब्यूज़ रेखाएं):

  • नाखूनों पर क्षैतिज गड्ढेदार रेखाएं

2. Onycholysis (ओनाइकोलाइसिस):

  • नाखून का त्वचा से अलग हो जाना

3. Discoloration (रंग बदलना):

  • नाखून पीले, भूरे, नीले या काले हो सकते हैं

4. Paronychia (पेरोनाइशिया):

  • नाखून के चारों ओर सूजन या संक्रमण

5. Melanonychia (मेलेनोनीकिया):

  • नाखूनों में काले रंग की धारियां बनना

6. Brittle nails (भुरभुरे नाखून):

  • नाखून आसानी से टूटना या पतले हो जाना

7. Nail shedding (नाखून गिरना):

  • गंभीर मामलों में नाखून पूरी तरह से गिर सकते हैं

निदान (Diagnosis):

  • Drug history (दवा का इतिहास): कौन सी दवा शुरू करने के बाद लक्षण दिखे
  • Physical examination: नाखूनों की बनावट, रंग और वृद्धि दर का निरीक्षण
  • Dermatoscopy (यदि ज़रूरी हो): नाखून की सतह की गहराई से जांच
  • Biopsy (कभी-कभी): यदि कैंसर जैसी गंभीर स्थिति की आशंका हो

Drug-Induced Nail Changes इलाज (Treatment of Drug-Induced Nail Changes):

1. दवा बंद करना (Stop the offending drug):

  • यदि संभव हो और डॉक्टर की सलाह के अनुसार

2. Symptomatic treatment:

  • एंटीबायोटिक क्रीम/लोशन (यदि संक्रमण हो)
  • Antifungal creams (फंगल संक्रमण की स्थिति में)
  • Painkillers और Anti-inflammatory agents

3. Protective nail care:

  • नाखूनों को छोटा और साफ रखें
  • नमी से बचाएं
  • दस्ताने पहनें (डिटर्जेंट या केमिकल काम के दौरान)

4. Topical therapies:

  • Vitamin E, keratin-based strengthening creams
  • Steroid creams (सूजन के लिए)

5. नाखूनों को फिर से उगने में समय लगता है:

  • हाथ के नाखूनों को पूरी तरह से उगने में 6 माह और पैरों के नाखूनों को 12-18 माह तक लग सकते हैं

Drug-Induced Nail Changes कैसे रोके (Prevention Tips):

  • दवाओं को डॉक्टर की निगरानी में लें
  • पहले से कोई नाखून रोग हो तो डॉक्टर को सूचित करें
  • कीमोथेरेपी जैसी दवाओं के दौरान नियमित रूप से नाखूनों की निगरानी करें
  • रसायनों, अत्यधिक नमी और चोट से नाखूनों को बचाएं
  • Nail polish और रिमूवर का अत्यधिक प्रयोग न करें

घरेलू उपाय (Home Remedies):

  • नारियल तेल (Coconut oil): संक्रमण से बचाव और नमी बनाए रखने के लिए
  • एलोवेरा जेल (Aloe vera gel): नाखूनों के आसपास की त्वचा को शांत करने हेतु
  • नीम का पानी: फंगल संक्रमण की रोकथाम में सहायक
  • बायोटिन युक्त आहार: जैसे अंडे, मेवे, पालक (नाखूनों को मज़बूती देने के लिए)
  • गुनगुने पानी में नमक डालकर भिगोना: सूजन कम करने के लिए

सावधानियाँ (Precautions):

  • कभी भी नाखून के नीचे मवाद या खून आने पर अनदेखी न करें
  • नाखूनों को काटते समय सावधानी रखें, ज्यादा छोटा न काटें
  • धातु के कठोर औजारों से नाखूनों को साफ करने से बचें
  • दर्द, लालिमा या गर्माहट होने पर डॉक्टर से मिलें
  • नाखून पर धारियाँ या रंग परिवर्तन दिखने पर फंगल या मेलानोमा जैसे रोगों की जांच कराएं

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

प्रश्न 1: नाखूनों में बदलाव दवा लेने के कितने समय बाद दिखाई देते हैं?
उत्तर: सामान्यतः 4–12 सप्ताह बाद लक्षण दिखाई देने लगते हैं, लेकिन कुछ मामलों में इसमें महीनों भी लग सकते हैं।

प्रश्न 2: क्या ये बदलाव स्थायी होते हैं?
उत्तर: अधिकतर मामले अस्थायी होते हैं और दवा बंद करने के बाद नाखून सामान्य हो जाते हैं।

प्रश्न 3: क्या किसी दवा से नाखून गिर सकते हैं?
उत्तर: हां, विशेषकर कीमोथेरेपी या गंभीर एंटीबायोटिक के बाद Nail shedding देखा गया है।

प्रश्न 4: क्या घरेलू उपाय से नाखून ठीक हो सकते हैं?
उत्तर: हल्के मामलों में घरेलू उपाय सहायक हो सकते हैं, लेकिन यदि लक्षण गंभीर हों तो डॉक्टर से संपर्क आवश्यक है।

कैसे पहचाने (How to Identify Drug-Induced Nail Changes):

  • दवा शुरू करने के बाद नाखूनों में रेखाएं, रंग परिवर्तन, या उखड़ना
  • नाखूनों के चारों ओर सूजन, दर्द या मवाद
  • पहले सामान्य नाखूनों में अचानक बदलाव
  • संक्रमण या फंगल लक्षण जैसे लक्षण
  • दवा बंद करने के बाद लक्षणों में सुधार

निष्कर्ष (Conclusion):

Drug-Induced Nail Changes (दवा से उत्पन्न नाखूनों में बदलाव) एक ऐसी स्थिति है, जो आमतौर पर कुछ विशेष दवाओं के सेवन के बाद होती है। अधिकतर मामलों में ये परिवर्तन अस्थायी होते हैं और दवा बंद करने पर नाखून सामान्य स्थिति में लौट आते हैं। यदि समय रहते पहचान और इलाज किया जाए, तो इससे नाखूनों की सेहत को बनाए रखना संभव है। अतः किसी भी नाखून से जुड़ी समस्या को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से परामर्श लें।


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